B.Ed Notes

मानवाधिकार का विकास तथा उसकी आवश्यकता

मानवाधिकार का विकास तथा उसकी आवश्यकता
मानवाधिकार का विकास तथा उसकी आवश्यकता

मानवाधिकार का विकास तथा उसकी आवश्यकता को स्पष्ट करने के लिए उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए विषय वस्तु तैयार कीजिए।

मानव अधिकारों का विकास :- सामाजिक अनुबंध में रूसो के इस कथन में मानव स्वतंत्र जन्मा है, परंतु वह सर्वत्र जंजीरों में जकड़ा है को अठाहरवीं शताब्दी में यूरोप में बल मिला। सन् 1776 के अमरीकी स्वतंत्रता की घोषणा पत्र में मनुष्य के जन्मजात और अहस्तातंरणीय अधिकारों का उल्लेख जिनमें मानव जीवन की स्वतंत्रता और सुख शांति सम्मिलित है, स्वीकार किया गया और अनेक अधिकारों को वैधानिक मान्यता देने का प्रथम आलेख बन गया। सन् 1789 में फ्रांस में मानव और नागरिक अधिकारों के घोषणा पत्र में इसका और अधिक विस्तार से उल्लेख किया गया। उन्नीसवीं शताब्दी में समाजवादी आन्दोलन ने मानव अधिकरों को सकारात्मक रूप देने की दिशा में अपरिहार्य समझते हुए सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक न्याय की आवश्यकता पर बल दिया। भारतीय स्वतंत्रता की भांति राष्ट्रीय स्वतंत्रता के अन्य संघर्षों ने भी सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के लिए किये गये प्रयासों के साथ ही साथ मानव के मूल अधिकारों को अपने संविधान में सम्मिलित किये जाने पर बल दिया है। दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी द्वारा किये गये प्रयासों ने यह और भी अधिक स्पष्ट कर दिया कि प्रजातियों को समान अधिकार के लिए प्रजातीय रंग-भेद पर आधारित सभी प्रकार के भेद भावों को समाप्त करना अनिवार्य है।

उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट है कि मानव अधिकारों की घोषणा स्वयं कोई नवीन अधिकार न होकर शताब्दियों के विकास का परिणाम है। संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना से पूर्व अनेक महत्वपूर्ण घोषणाओं एवं अधिनियमों आदि में मानव अधिकारों को मान्यता दी जा चुकी थी परंतु मानवीय अधिकारों की एक अभिव्यक्ति संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा सन 1948 में स्वीकृत मानवीय अधिकारों की विश्वव्यापी घोषणा के रूप में हुई जिसे अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हो चुकी है।

मानव अधिकारों की आवश्यकता महत्व या उद्देश्य:-

आज मानव अधिकारों की अत्यंत आवश्यकताएं है। इसका उद्देश्य मानव जाति को जन्मजात गरिमा व सम्मान प्रदान कराना है। मानव अधिकार की आवश्यकता निम्न प्रकार है:

  1. मानव अधिकार व्यक्ति की गरिमा, उसके सम्मान की रक्षा के लिए आवश्यक है।
  2. व्यक्तियों के व्यक्तित्व के सर्वोन्मुखी विकास हेतु मानव अधिकार आवश्यक है।
  3. मानव के ऊपर विश्व के अनेक देशों में अत्याचार किये जाते है वहां पर मानव की रक्षा हेतु मानव अधिकार की आवश्यकता है।
  4. किसी व्यक्ति से इच्छा के विरुद्ध कोई काम नहीं कराया जा सके इसलिए भी मानव अधिकार महत्वपूर्ण है।

IMPORTANT LINK

Disclaimer

Disclaimer: Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com

About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment