हिन्दी साहित्य

मैथिलीशरण गुप्त की काव्य भाषा

मैथिलीशरण गुप्त की काव्य भाषा
मैथिलीशरण गुप्त की काव्य भाषा
मैथिलीशरण गुप्त की काव्य भाषा पर प्रकाश डालिए।

द्विवेदी युग हिन्दी साहित्य की खड़ी बोली के परिष्कार का युग था। मैथिलीशरण को कवि बनाने का श्रेय आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी को जाता है। गुप्त जी अपने प्रारम्भिक काल में ब्रज भाषा में कविता करते थे, गुप्त जी की ब्रजभाषा में बुंदेलखण्डी भाषा का भी पुट एक कविता इस प्रकार है होता था।

रस बस झोंका लेत, हिंडोरना में हेली, झूलत आज
राम-सिया मिल झूलत दोंऊ, मनिकंचन के पटा,
मेंचतीं लेत परम्परा दोंऊ, उठती छवि का छटा॥

गुप्त जी अपनी अन्योक्तिपरक आरम्भिक रचनाएँ ब्रजभाषा में करते थे किन्तु ज्ञान प्रभाव से उनकी भाषा में संस्कृत निष्ठता धीरे-धीरे आती गयी। ‘हेमन्त’ कविता गुप्त जी की के खड़ी बोली की पहली कविता थी। इसमें छः पद्य थे, पहला इस प्रकार था-

हेमन्त में महिष, अश्व, वाराह-जाति-
होती प्रसन्न अति ही गज, काम-पांति।

द्विवेदी जी ने इस कविता को इस प्रकार संशोधित किया कि उसका पता इस बात लगता है कि इसके अन्तिम छन्द में मैथिलीशरण गुप्त जी ने लिखा था-

ओढ़े दुशाले अति उष्ण अंग,
धारें गर वस्त्र हिये उमंग।
तो भी करे हैं सब लोग सी, सी।
हेमन्त के हाथ कैंपे बत्तीसी ॥

इस पद्य को बाद में ‘सरस्वती’ में संशोधित करके इस प्रकार छापा गया-

अच्छे दुशाले, सित, पीत, काले,
हैं ओढ़ते जो बहु वित्त वाले।
तो भी नहीं बन्द आमन्दसी, सी,
हेमन्त में है कैंपती बत्तीसी ॥

आगे द्विवेदी जी ने गुप्त जी की कविता ‘क्रोधाष्टक’ खड़ी बोली में जो लिखी गयी थी, को संशोधित करके छापा। धीरे धीरे मैथिलीशरण गुप्त खड़ी बोली के सिद्ध कवि हो गए और यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि ‘साकेत’ गुप्त जी का ‘हरिऔध’ जी के ‘प्रिय प्रवास’ की भाँति उसके समानान्तर हिन्दी साहित्य की खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य बना। गुप्त जी खड़ी बोली कविता के प्रणेता थे। उनकी प्रसिद्ध काव्य कृति ‘यशोधरा’ विशुद्ध खड़ी बोली में लिखा गया काव्य है। यशोधरा का एक पद्य दृष्टव्य है-

“ओ माँ, आँगन में फिरता था कोई मेरे सड़ लगा,
आया, ज्यों ही मैं अलिन्द में छिपा, न जाने कहा भगा!”

IMPORTANT LINK

Disclaimer

Disclaimer: Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com

About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment