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मौलिक अधिकार एंव मौलिक कर्त्तव्य
मौलिक अधिकार
भारत में संविधान द्वारा नागरिकों के मौलिक अधिकारों की व्यवस्था की गई हैं। संविधान के भाग तीन में अनुच्छेद 14 से लेकर 35 तक इन अधिकारों का वर्णन हैं। भारत का संविधान अपने नागरिकों को निम्नलिखित अधिकार प्रदान करता है।
- समानता का अधिकार
- स्वतन्त्रता का अधिकार
- शोषण के विरुद्ध अधिकार
- संस्कृति व शिक्षा सम्बन्धी अधिकार
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार
मौलिक कर्त्तव्य
42 वें संशोधन द्वारा संविधान में एक नया अध्याय जोड़ा गया है। इसमें भारत के में नागरिकों के दस कर्त्तव्य निश्चित किए गये है-
- संविधान पालन, राष्ट्रीय झण्डे व राष्ट्रीय गान का सम्मान व पालन करना।
- स्वतन्त्रता संग्राम के प्रति ऊँचे आदर्शों का सम्मान व पालन करना ।
- भारत की प्रभुसता, एकता व अखण्डता का समर्थन तथा रक्षा करना।
- देश की रक्षा करना और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्र की सेवा करना।
- भारत के सभी नागरिकों में मेल मिलाप और बधुत्व की सेवा करना ।
- भारत की मिली जुली संस्कृति की विरासत का सम्मान करना व उसे सुरक्षित करना।
- वन जीवन और प्राकृतिक वातावरण की रक्षा करना और जीव जन्तुओं से सहानुभूति रखना।
- जीवन में वैज्ञानिकता, मानववाद, जिज्ञासा और सुधार की भावना का विकास करना।
- सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा करना तथा हिंसा का त्याग करना।
- व्यक्तिगत तथा सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में ऊँचा उठने का प्रयत्न करना।
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