मौसम एवं जलवायु में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
मौसम एवं जलवायु:- हमारी पृथ्वी को काफी ऊंचाई तक गैसों की एक परत घेरे हुए हैं जिसे वायुमण्डल कहा जाता है। इस वायुमण्डल की दशाएं सदैव एक समान नहीं रहती है। वे सूर्य से प्राप्त होने वाली गर्मी की मात्रा आदि से बदलती रहती है। वायुमण्डल की इन्हीं दशाओं को मौसम और जलवायु के रूप में माना जाता है।
1. मौसमः- वायुमण्डल की थोड़े समय की सर्दी, गर्मी, हवा-पानी, बादल बरसात की बदलती स्थिति को मौसम कहते है। यह अवधि कुछ घण्टों कुछ दिनों और कुछ सप्ताह तक हो सकती है। सुबह आसमान साफ या दोपहर होते-होते बादल छाने लगे, हवा की गति तेज हो गई, बिजली चमकने, अंधकार और बादल गरजने लगे। तीसरे पहर तक भारी बरसात हो गई। वायुमण्डल की इस तरह की थोड़े से समय की दशाओं को ही मौसम कहा जाता है। मौसम की लगभग एक समान दशाएं जब दो चार महीनों तक चलती रहती है तो उसे ऋतु कहा जाता हैं। जैसे बरसात में बादल का गरजना, बिजली का चमकना आदि की लगातार चार महीनों तक चलने वाली स्थिति के कारण इस संपूर्ण अवधि को वर्षा ऋतु कहते है। इस तरह एक दिन से लगातार चार महीनों तक की वायुमण्डलीय दशाएं ऋतु कही जाती है।
2. जलवायु :- किसी स्थान विशेष अथवा क्षेत्र विशेष के लम्बे समय के वर्षा के मौसमों के समुच्चय के आधार पर उस स्थल के वायुमण्डल की औसत दशाओं का उल्लेख करना जलवायु कहा जाता है। जैसे राजस्थान में वर्ष के अधिकांश महीनों में कड़ी गर्मी पड़ती है। तेज हवाएं चलती है वर्षा बहुत कम और अनिश्चित होती है यह स्थिति वर्षो तक निरंतर बनी रहती है वहां की जलवायु को उष्ण या रेगिस्तानी जलवायु के नाम से पुकारा जाता है।
मौसम और जलवायु का अन्तर मुख्यतः समयावधि का ही है। मौसम अल्पकालिक वायुमण्डलीय दशाएं होती है, वहीं जलवायु दीर्घकालीन मौसमों के परिवर्तन का आधार सूर्यताप है किन्तु प्रचलित हवाएं भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान करती है, वायुमंडलीय दशाएं होती है। मौसमों के परिवर्तन का आधार सूर्यताप है किंतु प्रचलित हवायें भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान करती है।
विभिन्न गैसों से घिरी हमारी पृथ्वी तेजी से पश्चिम से पूर्व की ओर घूम रही है। पृथ्वी की गति के घर्षण और बदलते सूर्यताप के कारण वायुमंडल की गैसें तेज गति से एक दिशा विशेष की ओर प्रवाहित होने लगती है। इनको ही हवा या पवन के नाम से पुकारा जाता है।
मौसम व जलवायु में अन्तर
मौसम | जलवायु |
किसी स्थान की विशेष समय की वायुमंडलीय दशाओं को मौसम कहते है। | किसी स्थान की लम्बी अवधि के मौसम की दशाओं की औसत अवस्था को जलवायु कहते है। |
मौसम समय-समय पर बदलता रहता है। | जलवायु लगभग स्थाई अवस्था है। |
एक ही स्थान पर मौसम में कई प्रकार का परिवर्तन देखा जाता है। | जलवायु एक स्थान पर एक ही प्रकार की होती है। |
मौसम की अवधि कुछ घंटों से लेकर कुछ दिवस तक रहती है। | जलवायु की दशाएं वर्षभर एक समान रहती है। |
मौसम का क्षेत्र सीमित दायरे में रहता है। | जलवायु का क्षेत्र बड़ा व्यापक रहता है। |
IMPORTANT LINK
- भूगोल शिक्षण के क्षेत्र में पर्यटन के महत्व, शिक्षक के लाभ एंव सीमाएँ
- पारिस्थितिक तंत्र तथा विकास | सतत् विकास या जीवन धारण करने योग्य विकास की अवधारणा | सतत् विकास में भूगोल और शिक्षा का योगदान
- राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा (NCF) 2005 की विशेषताएँ तथा सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम सम्बन्धी सुझाव
- ‘भूगोल एक अन्तरा अनुशासक विषय है’
- मूल्यांकन से आप क्या समझते हैं? भूगोल शिक्षण के मूल्यांकन में प्रयुक्त होने वाली प्रविधियाँ
- स्थानीय भूगोल से आपका क्या आशय है? स्थानीय भूगोल अध्ययन के उद्देश्य
- अधिगम कठिनाइयों का निदान और भूगोल में उनके उपचारात्मक शिक्षण की व्यवस्था किस प्रकार करेंगें।
- अन्तर्राष्ट्रीयता का सम्प्रत्यय स्पष्ट कीजिये। अन्तर्राष्ट्रीयता की भावना के विकास में भूगोल की भूमिका
- ‘भूगोल प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानो के मध्य पुल का काम करता है’
- दैनिक पाठ योजना का अर्थ एंव परिभाषा | दैनिक पाठ योजना का महत्त्व | दैनिक पाठ योजना निर्माण के पद
- विचार-विमर्श विधि का अर्थ, विशेषताएं, तत्व, प्रकार एंव इसके गुण व दोष
- स्थानिक वितरण की संकल्पना तथा स्थानिक अन्तर्किया की संकल्पना
- आदर्श इतिहास शिक्षक के गुण एंव समाज में भूमिका
- विभिन्न स्तरों पर इतिहास शिक्षण के उद्देश्य प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक स्तर
- इतिहास शिक्षण के उद्देश्य | माध्यमिक स्तर पर इतिहास शिक्षण के उद्देश्य | इतिहास शिक्षण के व्यवहारात्मक लाभ
- इतिहास शिक्षण में सहसम्बन्ध का क्या अर्थ है ? आप इतिहास शिक्षण का सह-सम्बन्ध अन्य विषयों से किस प्रकार स्थापित करेंगे ?
- इतिहास क्या है ? इतिहास की प्रकृति एवं क्षेत्र
- राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के विषय में आप क्या जानते हैं ?
- शिक्षा के वैकल्पिक प्रयोग के सन्दर्भ में एस० एन० डी० टी० की भूमिका
- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एन.सी.एफ.-2005) [National Curriculum Framework (NCF-2005) ]
Disclaimer