“राजनीतिक विज्ञान को विद्यालय में अनिवार्य विषय में होना चाहिए।” इस पर टिप्पणी लिखिए?
मानव एक सामाजिक प्राणी है तथा उसे समाज में रहकर जीवन यापन करना पड़ता है। आज मानव जिस शिखर पर पहुंचा है. यह उसके पूर्वजों के कठिन एवं कठोर परिश्रम तथा लगन का परिणाम है। मानव तथा समाज एक दूसरे के पूरक । राजनीति विज्ञान के द्वारा हम मनुष्यों की अनेक क्रियाओं का अध्ययन करते हैं। राजनीति विज्ञान का जन्म एक सामाजिक विज्ञान के अंग के रूप में हुआ क्योंकि आज के बालक को भूतकाल की अपेक्षा अपने सामाजिक एवं राजनैतिक वातावरण तथा सम्बन्धों की अधिक जानकारी की आवश्यकता है। यह जानकारी उन्हें इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, व समाज शास्त्र आदि भिन्न-भिन्न विषयों द्वारा नही दी जा सकती। इतना ही नही विज्ञान एवं तकनीकी के विकास ने भी मानव समाज में महान् परिवर्तन ला दिये है इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप मानवीय समाज तथा मानवीय सम्बन्धों में भी जटिलता आ गई है जिसे जानना व समझना आवश्यक है। आज संसार सिमट कर छोटा हो गया हैं, विश्व शान्ति आवश्यक हैं। ऐसे समय में राजनीति विज्ञान एक अनिवार्य विषय के रूप में शिक्षा का अभिन्न अंग बन गया हैं। डा. राधाकृष्णन् ने कहा हैं कि “हम भूतकाल को याद रखें, वर्तमान के प्रति सजग रहें तथा हृदय में साहस तथा आत्मविश्वास के साथ भविष्य का निर्माण करे।” राजनीति विज्ञान की आवश्यकता मनोवैज्ञानिक, सामाजिक तथा शैक्षिक दृष्टिकोण से भी हैं। इसके लिये हम निम्नलिखित अनेक तर्क दे सकते हैं। मनुष्य के जीवन को सुखी बनाने के लिये अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है एवं उसे अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना पड़ता है। यही कारण है कि उसे स्कूल में राजनीति विज्ञान का अध्ययन करवाया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप वह समाज का उपयोगी नागरिक बन सके।
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