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विचार-विमर्श के प्रकार बताइये ।
विचार-विमर्श के प्रकार – समूह के सदस्यों के आधार पर विचार विमर्श निम्न प्रकार हो सकता है।
(अ) छात्र समूह द्वारा विचार-विमर्श – इस विचार-विमर्श में केवल छात्र ही भाग लेते हैं। इसका आयोजन, संचालन आदि समस्त कार्य उनके द्वारा ही सम्पन्न होता है।
(ब) शिक्षक-छात्र समूह द्वारा विचार-विमर्श – इस समूह में शिक्षक व छात्र दोनों समान रूप से भाग लेते हैं। शिक्षक की उपस्थिति में छात्र संकोच का अनुभव करते हैं।
(स) शिक्षक समूह द्वारा विचार-विमर्श – इसमें एक विषय के शिक्षक या अन्य विषयों के शिक्षक भी सम्मिलित होते हैं तथा किसी विवादास्पद प्रसंग पर विचार विमर्श करते हैं।
संरचना की दृष्टि से विचार-विमर्श के प्रकार –
संरचना के आधार पर विचार विमर्श विधि के दो प्रकार हैं- (i) औपचारिक (ii) अनौपचारिक
(i) औपचारिक – इस प्रकार पूर्व निर्धारित विषय, कार्यक्रम, मानव एवं नियमावली का अनुसरण किया जाता है। नियमों का पालन अतिआवश्यक एवं महत्वपूर्ण होता है।
(ii) अनौपचारिक – इसमें किसी पूर्व निर्धारित योजना, विषय तथा कार्यक्रम का अभाव रहता है। आवश्यकता अनुभव होने पर तत्काल विचार-विमर्श किया जा सकता है। विचार-विमर्श सोद्देश्य होता है। अतः इसके स्वरूप भी विभिन्न हो सकते हैं। व्यवस्था के आधार पर इसके मुख्य प्रकार निम्नांकित हो सकते हैं –
(अ) सार्वजनिक विचार-विमर्श – इसमें जनसाधारण से सम्बन्धित सूचनाओं एवं समस्याओं पर विचार-विमर्श के निम्नांकित रूप हो सकते हैं।
- (क) सूचनाओं तथा तथ्यों को प्रदान करना ।
- (ख) सामाजिक मूल्यों का निर्धारण करना।
- (ग) जनसाधारण का मनोरंजन करना ।
(ब) शैक्षिक विचार-विमर्श – इसका आयोजन विद्यार्थियों की सूचनाओं तथा बोधगम्य करने के लिए सिद्धान्तों तथा प्रत्ययों का स्पष्टीकरण करने के लिए तथा समस्याओं के समाधान हेतु किया जाता है।
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