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व्याख्यान विधि (Lecture Method)
यह विधि निम्न कक्षाओं में उपयुक्त नहीं होती है। इसका प्रयोग उच्च कक्षाओं में लाभप्रद होता है, परन्तु उच्च कक्षाओं में भी इसके साथ ही साथ प्रश्न-उत्तर विधि का प्रयोग भी करना चाहिये। आधुनिक युग में गणित पढ़ाने में यह विधि स्कूलों में प्रयोग में नहीं लाई जाती है, क्योंकि इसमें बालक अपेक्षा शिक्षक सक्रिय (Active) होता है। इस विधि में शिक्षक अपने व्याख्यान के द्वारा बालकों को नवीन ज्ञान देता है।
गुण (Merits )
1. इस विधि द्वारा अधिक पाठ्य-वस्तु को कम समय में दिया जा सकता है।
2. यह विधि बड़ी कक्षाओं में उपयुक्त होती है।
3. यह विधि शिक्षक के लिए सरल है।
4. इस विधि में विचारों की कड़ी (Sequence of Ideas) का क्रम नहीं टूटता।
दोष (Demerits)
1. इस विधि के द्वारा केवल सूचना प्राप्त होती है, जो गणित में विशेष आवश्यक नहीं है।
2. इस विधि में शिक्षक कक्षा में विद्यार्थियों के सम्पर्क में नहीं आ पाता है।
3. विद्यार्थी कक्षा में ध्यान नहीं देते क्योंकि यह विधि विद्यार्थियों के मस्तिष्क को सोचने का अवसर नहीं देती।
IMPORTANT LINK
- गणित शिक्षण विधि आगमन विधि
- गणित शिक्षण की निगमन विधि
- विश्लेषण विधि (Analytic Method)
- संश्लेषण विधि (Synthetic Method)
- प्रयोगशाला विधि (Laboratory Method)
- व्याख्यान विधि (Lecture Method)
- योजना विधि (Project Method)
- अन्वेषण या ह्यूरिस्टिक विधि (Heuristic Method)