स्थानिक वितरण के पक्षों को लिखिये?
स्थानिक वितरण के पक्ष- स्थानिक वितरण के तीन पक्ष होते हैं- (1) वितरण का घनत्व (2) विक्षेपण (3) प्रतिरूप। घनत्व से आशय किसी क्षेत्र में किसी तथ्य की बारम्बारता से हैं और विक्षेपण से उस क्षेत्र में उस तथ्य के फैलाव का पता चलता है। प्रतिरूप से आशय उस तथ्य के ज्यामितीय विन्यास से है। स्पष्ट है कि किसी तथ्य के वितरण को समझने के लिए उपरोक्त तीनों पक्षों पर ध्यान देना आवश्यक है। यदि आप भारत में चना उत्पादक क्षेत्र के वितरण मानचित्र को देखें तो सर्वप्रथम घनत्व की दृष्टि से सर्वाधिक घनत्व वाले क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान का पूर्वी भाग और उत्तरी मध्यप्रदेश है। कुछ इन से लगे क्षेत्रों में जैसे प. राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के भागों में विरल उत्पादन होता है। उ. पू. भारत तथा दक्षिण भारत के तटीय क्षेत्रों में चना पैदा नहीं होता है। यह विक्षेपण का रूप है। प्रतिरूप की दृष्टि से चना उत्पादक क्षेत्र की दीर्घायत पेटी है जिसका मध्य भाग में दक्षिण की ओर उभार अधिक है। स्थानिक वितरण के अध्ययन से उस क्षेत्र में भौतिक एवं मानवीय तत्वों की समांगता का ज्ञान होता है। इस वितरण से उत्पादन क्षेत्र के धरातल, मिट्टी के उर्वरापन, जलवायु की समानता, मानवीय छाँट, कृषि तकनीक आदि के बारे में अनुमान, लगाया जा सकता है। स्थानिक वितरण के अध्ययन से परिवर्तनशील तत्वों के क्षेत्रीय सम्बन्धों का पता लगाने का कार्य सरल हुआ है।
IMPORTANT LINK
- भूगोल शिक्षण के क्षेत्र में पर्यटन के महत्व, शिक्षक के लाभ एंव सीमाएँ
- पारिस्थितिक तंत्र तथा विकास | सतत् विकास या जीवन धारण करने योग्य विकास की अवधारणा | सतत् विकास में भूगोल और शिक्षा का योगदान
- राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा (NCF) 2005 की विशेषताएँ तथा सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम सम्बन्धी सुझाव
- ‘भूगोल एक अन्तरा अनुशासक विषय है’
- मूल्यांकन से आप क्या समझते हैं? भूगोल शिक्षण के मूल्यांकन में प्रयुक्त होने वाली प्रविधियाँ
- स्थानीय भूगोल से आपका क्या आशय है? स्थानीय भूगोल अध्ययन के उद्देश्य
- अधिगम कठिनाइयों का निदान और भूगोल में उनके उपचारात्मक शिक्षण की व्यवस्था किस प्रकार करेंगें।
- अन्तर्राष्ट्रीयता का सम्प्रत्यय स्पष्ट कीजिये। अन्तर्राष्ट्रीयता की भावना के विकास में भूगोल की भूमिका
- ‘भूगोल प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानो के मध्य पुल का काम करता है’
- दैनिक पाठ योजना का अर्थ एंव परिभाषा | दैनिक पाठ योजना का महत्त्व | दैनिक पाठ योजना निर्माण के पद
- विचार-विमर्श विधि का अर्थ, विशेषताएं, तत्व, प्रकार एंव इसके गुण व दोष
- स्थानिक वितरण की संकल्पना तथा स्थानिक अन्तर्किया की संकल्पना
- आदर्श इतिहास शिक्षक के गुण एंव समाज में भूमिका
- विभिन्न स्तरों पर इतिहास शिक्षण के उद्देश्य प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक स्तर
- इतिहास शिक्षण के उद्देश्य | माध्यमिक स्तर पर इतिहास शिक्षण के उद्देश्य | इतिहास शिक्षण के व्यवहारात्मक लाभ
- इतिहास शिक्षण में सहसम्बन्ध का क्या अर्थ है ? आप इतिहास शिक्षण का सह-सम्बन्ध अन्य विषयों से किस प्रकार स्थापित करेंगे ?
- इतिहास क्या है ? इतिहास की प्रकृति एवं क्षेत्र
- राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के विषय में आप क्या जानते हैं ?
- शिक्षा के वैकल्पिक प्रयोग के सन्दर्भ में एस० एन० डी० टी० की भूमिका
- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एन.सी.एफ.-2005) [National Curriculum Framework (NCF-2005) ]
Disclaimer