शिक्षा में कम्प्यूटर सह-अधिगमन का क्या महत्व है ?
कम्प्यूटर सह-अधिगमन का महत्व
कम्प्यूटर सह-अधिगमन के कारण मूल्यांकन के क्षेत्र में नवीन अवधारणाएँ प्रकाश में आयी हैं और सतत मूल्यांकन की विचारधारा पर जोर दिया जा रहा है। आजकल मूल्यांकन का स्वरूप इतना विस्तृत एवं जटिल हो गया है और यह स्वयं में एक समय लेनेवाला एवं श्रमसाध्य कार्य हो गया है। छात्र प्रगति के प्रति दिन प्रति महीना और प्रति वर्ष तक का रिकॉर्ड रखना, उसके विभिन्न विषयों, क्षमताओं और रुचियों तथा अन्य व्यक्तिगत गुणों का सतत संचयन तथा उसे विभिन्न प्रकार से विश्लेषित करके विभिन्न परिणामों को प्राप्त करना एक जटिल एवं दुरूह कार्य है। यह अपेक्षा की जाती है कि बालकों से सम्बन्धित विभिन्न चरों के सतत विश्लेषण से इस प्रकार के परिणाम प्राप्त होते हैं जिनके आधार पर बालकों को अपेक्षाकृत अधिक उपलब्धि के लिए निर्देशन दिये जा सकते हैं। अध्यापक भी इन परिणामों के आधार पर शिक्षण कार्य में सुधार कर सकते हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में होनेवाले शोधों ने बालक से सम्बन्धित विभिन्नं मनोवैज्ञानिक एवं भौतिव चरों के उनके शैक्षणिक उपलब्धि पर पड़नेवाले प्रभाव का अध्ययन किया है। इन शोधों से हम तभी लाभान्वित हो सकते हैं। जब हम बालक के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी संचित रखें तथा आवश्यकतानुसार उनका विश्लेषण करके परिणाम प्राप्त कर सकें। संगणकों का प्रयोग इस कार्य के लिए सफलतापूर्वक किया जा सकता है। हम जानते हैं कि संगणक या कम्प्यूटर की स्मृति असीमित है। अब बालकों के सम्बन्ध में विभिन्न जानकारियाँ इसमें संचित की जा सकती हैं तथा आवश्यकतानुसार उन्हें इस्तेमाल किया जा सकता है। मूल्यांकन के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग निम्नलिखित प्रकार से महत्त्वपूर्ण है-
1. कम्प्यूटर प्रत्येक छात्र के विषय में सम्पूर्ण जानकारी एकत्रित कर सकता है। छात्र की बुद्धि-लब्धि, उसका व्यक्तित्व, उसका आकांक्षा स्तर आदि की जानकारी संगणक में एकत्रित की जा सकती है तथा आवश्यकतानुसार उसका प्रयोग किया जा सकता है।’
2. छात्र ने अपने शैक्षिक प्रयासों द्वारा शिक्षा के उद्देश्यों को कहाँ तक प्राप्त किया है? इसका परीक्षण कम्प्यूटर शीघ्रता से एवं शुद्धता से कर सकता है।
3. अध्यापकों को अपने शिक्षण का फीड बैक भी कम्प्यूटर की मदद से शीघ्र मिल सकता है जिससे कि अपने अनुदेशन में सुधार कर सकते हैं।
4. छात्रों का प्रगति विवरण- पत्र कम्प्यूटर की मदद से बनाने और संचित करने से वह अधिक विस्तृत, अधिक सूचनापूर्ण एवं शुद्ध होगा।
5. अंकों के आधार पर ग्रेड का विभाजन शुद्धता से किया जा सकता है।
6. छात्रों की उपलब्धि का कार्य तथा प्रतिवर्ष छात्रों की प्रगति या अवनति का रेकॉर्ड रखना कम्प्यूटर की मदद से अच्छी तरह सम्भव है। विद्यालयी प्रशासन में इस प्रकार यह बेहुत सहायक हो सकता है। आवश्यकता पड़ने पर प्राचार्य किसी छात्र की उपलब्धियों को तुरन्त ज्ञात कर सकता है।
7. छात्रों की एक-दूसरे से तुलना तथा विभिन्न विद्यालयों से बालकों के प्राप्तांकों की स्केनिंग तथा तुलना का कार्य कम्प्यूटर की मदद से आसानी से हो सकता है।
कम्प्यूटर की प्रक्रिया हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर दोनों उपागम पर आधारित है। इस प्रक्रिया को प्राथमिक एवं उच्चस्तर दोनों के लिए समान रूप से प्रयुक्त किया जाता हैं। विशाल सूचना में वे भण्डार को संचितं एवं व्यवस्थित करना तथा उन्हें अभिक्रमित रूप से गठित करना सॉफ्टवेयर (Software) प्रक्रिया के अन्तर्गत आता है। इस प्रकार की अभिक्रमित सामग्री को अनुदेशन हेतु प्रस्तुत किया जाता है वह हार्डवेयर (Hardware) प्रक्रिया के अन्तर्गत आता है।
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