ब्लूप्रिंट के सम्प्रत्यय विकसित कीजिए।
ब्लूप्रिंट :- ब्लूप्रिंट की तुलना एक घर की विस्तृत योजना से की जा सकती है जो कमरों की संख्या को कमरों के आकार, खिड़कियों की स्थिति, दरवाजों की स्थिति आदि को विस्तृत रूप से दर्शाता है। एक अच्छे घर के निर्माण के लिए समस्त ऐसी सुसंगत जानकारी आवश्यक होती है।
इसी प्रकार से, प्रश्न पत्र की परिकल्पना में लिए गए नीतिगत विनिश्चय को मेट्रिक्स के माध्यम से कार्रवाई में बदला जाता है, जो ब्लूप्रिंट (परिशिष्ट दो में दिया गया है) के नाम से जाना जाता है। ब्लूप्रिंट में बांए हाथ के खड़े कालम में पाठ्यक्रम की मुख्य इकाईयों को सूचीबद्ध किया जाता है। शीर्ष पंक्ति में अनुदेशीय उद्देश्य अर्थात् ज्ञान, समझ, प्रयोग (उपयोग), दक्षता सूचीबद्ध रहती है। इन दो आयामों के अतिरिक्त प्रश्नों के प्रकार के रूप में दूसरा आयाम जोड़ा जाता है अर्थात् वस्तुनिष्ठ प्रकार, संक्षिप्त उत्तर प्रकार, संक्षिप्त या बड़ें उत्तर।
ब्लूप्रिंट से प्रश्न पत्र का वास्तविक खाका (ले-आउट) प्रकट होता है। इसी क्रम में, प्रश्न पत्र बनाने वाला ब्लूप्रिंट तैयार करते समय निश्चिय करता है कि विभिन्न अनुदेशीय वस्तुनिष्ठों के अधीन प्रश्न सेट किए जाना है, पाठ्यक्रम सारांश की स्केल के पश्चात्, पेपर बनाने वाला निश्चय करता है कि किस इकाई से किस प्रकार का प्रश्न बनाया जा सकता है।
दोनों पेरामीटर्स को मिलाकर, अर्थात् वास्तुनिष्ठ और किसी चयनित इकाई में सारांश बिन्दु, पेपर बनाने वाला, विभिन्न प्रकार के प्रश्नों के लिए एक समुचित स्थिति को परिभाषित करता है। इन प्रश्नों को इकाईयों के समक्ष खड़े कालम में उनके अंको के साथ उपदर्शित किया जाता है। उदाहरण के लिए यदि ज्ञान और एल.ए. के अन्तर्गत कालम में 5 (1) लिखा है तो इसका तात्पर्य है कि यह एक लम्बे उत्तर का प्रश्न है जिसमें 5 अंक है। यदि 5(1) के बजाए 10 (2) लिखा है तो यह उपदर्शित होगा कि दो प्रश्न है और प्रत्येक के 5 अंक है। डिजाइन में यथा विनिश्चित प्रश्नों की कुल संख्या की पूर्ति ब्लूप्रिंट के विभिन्न सेल्स में ऐसी रीति में हो जाती है कि किसी ब्लूप्रिंट के अधिकता सेल्स भरा जाएं।
इकाई वार कुल अंक ब्लूप्रिंट के दांए हाथ के कालम में प्रदर्शित होते है। लम्बवत कॉलम और समानान्तर पंक्तियों का मिलान प्रश्न पत्र की डिजाईन में आवंटित वजन (महत्व से होना चाहिए) यदि कोई प्रश्न, प्रश्न दो उद्देश्यों अर्थात् ज्ञान और दक्षता या समझ की जांच कर रहा हो और तब प्रश्न के अंक संबंधित सेल्स में पृथक रूप से किये जाने होते है किन्तु उनके ऊपर एक अस्थिर चिन्ह लगाना होता है। ऐसे प्रश्नों की संख्या कि केवल एक स्थान पर ही गणना की जाएगी। उदाहरण के लिए यदि किसी पांच अंको वाले प्रश्न के तीन अंक ज्ञान और दो अंक दक्षता के लिये है तब इसे 3(1) और 2 (-) के रूप में क्रमशः के और एस के कालम के अधीन लिखा जाना चाहिए। इसी प्रकार यदि किसी आंतरिक विकल्प में कोई प्रश्न दिया जाता है तो उसे दुहरे तारे (“) के रूप में उपदर्शित करे। डिजाईन की परिसीमा के भीतर अधिक से अधिक संभव सेल्स भरने का प्रयत्न करे। ब्लूप्रिंट में जितने अधिक प्रश्न भरे होंगे उतना ही संतुलित प्रश्न पत्र होगा।
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