Contents
ई-जर्नल्स का अर्थ
ई-जर्नल क्या है? इलेक्ट्रोनिक जर्नल्स को ही ई-जर्नल्स कहा जाता है। ये बौद्धिक स्तर की पत्रिकाएँ होती हैं इनका उपयोग इलेक्ट्रोनिक संचार से होता है। अतः ये वेब साइट्स पर ही प्रकाशित की जाती है। ये ऐसे विशिष्ट ज्ञान का संग्रहण करती हैं जिसका प्रयोग प्रायः शोधकार्यों में किया जाता है। जैसा परम्परागत जर्नल्स का स्वरूप होता है तथा उसमें लेख, शोध कार्यों का प्रकाशन होता है वैसा ही स्वरूप भी ई जर्नल्स का होता है। कुछ जर्नल्स केवल ऑन-लाइन होते हैं तो कुछ का मुद्रित स्वरूप भी उपलब्ध होता है। कुछ जर्नल्स ओपन एक्सेस होते हैं अर्थात् बिना शुल्क दिये उनको कोई भी इन्टरनेट पर पढ़ सकता है तथा उस पर टिप्पणी भी कर सकता है। अधिकांश ई-जर्नल्स इच.टी.एम.एल अथवा पी.डी.एफ. प्रारूप में उपलब्ध होते हैं।
ई-जर्नल्स के लाभ
वर्तमान समय में हमें ई-जर्नल्स के निम्नलिखित लाभ स्पष्ट दिखाई देते हैं-
- इन जर्नल्स या इनके लेख को घर बैठे लैपटॉप या पी.सी. पर पढ़ा जा सकता है। पुस्तकालय जाने की आवश्यकता नहीं होती।
- विषयवस्तु के लिए पूर्ण लेख या लेख के कुछ पृष्ठों को भी पढ़ा जा सकता है तथा खोजा जा सकता है।
- इस प्रकार के जर्नल्स के लेख स्वयं को ई-मेल भी किये जा सकते हैं या डाउनलोड भी कर सकते हैं।
- पुस्तकालय के बंद होने पर भी लेख पढ़ने के लिए सदैव उपलब्ध रहता है।
- एक जर्नल्स के साथ हाइपर टेक्स्ट लिंक के द्वारा अन्य पत्र-पत्रिकाओं के विभिन्न भागों को भी पढ़ सकते हैं।
- जर्नल्स में अधिक चित्र, आकृतियाँ, श्रव्य एवं दृश्य सामग्री को जोड़ा जा सकता है।
- इनमें अपनी प्रतिक्रिया ई-मेल या टिप्पणी से भेज कर अन्तः क्रिया भी की जा सकती हैं।
- समय एवं स्थान की दृष्टि से स्वतन्त्रता होती है।
- पुस्तकालयों की दृष्टि से उपयोगी है।
- शिक्षा से जुड़े कुछ ऑन लाइन जर्नल्स निम्नलिखत है:- ग्लोबल एजूकेशन टाइम्स, डिजिटल लर्निंग
IMPORTANT LINK
- राजनीति विज्ञान का अन्य समाज विज्ञानों से सम्बन्ध एवं उनका प्रभाव
- असमानता के विषय में रूसो के विचार | Rousseau’s views on inequality in Hindi
- सामाजीकृत अभिव्यक्ति विधि की परिभाषा एवं प्रक्रिया
- राज्य के विषय में कौटिल्य के विचार | Kautilya’s thoughts about the state
- मूल्यांकन का अर्थ एवं परिभाषाएँ | मूल्यांकन की विशेषताएँ | मूल्यांकन के उद्देश्य | मूल्यांकन के सिद्धान्त | मूल्यांकन के उपकरण या विधाएँ
- न्याय की परिभाषा, रूप, विशेषताएं एवं अधिकार | Definition, Form, Characteristics and Rights of Justice in Hindi
- मौलिक कर्त्तव्य का सम्प्रत्यय विकसित करने के लिए कौनसी शिक्षण सामग्री का प्रयोग की जानी चाहिए?
- राजनीति विज्ञान के शिक्षण हेतु एक पाठ योजना तैयार कीजिए।
- B.ED Political Science Lesson Plan | राजनीति विज्ञान के शिक्षण हेतु पाठ योजना | हरबर्ट की पंचपदी के चरण
- योजना विधि के पद | योजना विधि के गुण | योजना विधि के दोष
- इकाई योजना के शिक्षक पद | इकाई विधि से लाभ | इकाई विधि से दोष
- अभिनयात्मक विधि | एकल अभिनय की रूपरेखा | अभिनय के प्रकरण | अभिनय के लाभ एंव दोष
- समस्या समाधान विधि | problem solving method in Hindi
- वाद-विवाद विधि का अर्थ | वाद-विवाद का संचालन | वाद-विवाद का मूल्यांकन | वाद-विवाद विधि के गुण एंव दोष
- परम्परागत राजनीति विज्ञान के अनुसार राजनीति विज्ञान का क्षेत्र
- शैक्षिक उद्देश्यों से आप क्या समझते हैं? ब्लूम के अनुदेशनात्मक उद्देश्य का वर्गीकरण
- नागरिकता के विषय पर अरस्तू के विचार | Aristotle’s thoughts on citizenship in Hindi
- आधुनिक राजनीति विज्ञान के अनुसार राजनीति विज्ञान का क्षेत्र
- राजनीति विज्ञान का विद्यालय पाठ्यक्रम में महत्व
- सामाजिक न्याय के विषय में अम्बेडकर के विचार
- परम्परागत राजनीति विज्ञान के विद्वानों के अनुसार राजनीति विज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा
- मानवाधिकार का विकास तथा उसकी आवश्यकता
- सामाजिक न्याय की अवधारणा का विकास करने हेतु अध्यापक कथन को तैयार कीजिये।
- मानवाधिकार के अर्थ को स्पष्ट करने के लिए संक्षेप में विषय-वस्तु की सूची तैयार कीजिए।
- सामाजीकृत अभिव्यक्ति विधि के दोष तथा प्रभावी बनाने हेतु किन सुझावों को ध्यान में रखना चाहिए।
- वार्षिक योजना की विशेषताएँ | Features of Annual Plan in Hindi
- वार्षिक योजना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
Disclaimer