कम्प्यूटर के अर्थ लिखते हुए उसका इतिहास बताइये।
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कम्प्यूटर का अर्थ
आज आधुनिक युग के आविष्कारों में कम्प्यूटर का महत्वपूर्ण स्थान है तथा आज इसके द्वारा सभी यौगिक, आंकिक, मूल्यांकन सम्बन्धी कार्यों को बहुत शीघ्रतापूर्वक सम्पादित किया जा रहा है। इतना ही नहीं, आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इसका प्रयोग बढ़ता ही जा रहा है तथा उद्योग, व्यापार, वाणिज्य, रेल, कृषि इत्यादि सभी क्षेत्रों में कम्प्यूटर की मांग बढ़ती ही जा रही है।
कम्प्यूटर विद्युत से चलने वाला एक उपकरण है। इसमें सूचनाओं का संग्रहण व संप्रेषण किया जाता है यह आंकिक, यौगिक व गणितीय कार्यों को बहुत शुद्धता से पूर्ण कर सकता है। इसमें की-बोर्ड व स्क्रीन होती है। कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के Computer से हुई है। इसका अर्थ गणना करना होता है। एक विद्वान ने कम्प्यूटर शब्द को इस प्रकार परिभाषित किया है।
C- Calculator (गणना) में
O- Operate (संचालन करना)
M- Memories (स्मरण रखना)
P- Print (मुद्रण करना)
U- Update (आधुनिक बनाना)
T- Tabulate (सारिणी बनाना)
E- Edit (सम्पादन करना)
R- Response (अनुक्रिया करना)
अतः कहा जा सकता है कि कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉन तकनीकी है जो समस्त आँकड़ों का संग्रहण करती है उसे व्यवस्थित करके नियन्त्रित करती है। प्रारम्भ में कम्प्यूटर को केवल गणना करने का साधन मात्र माना जाता था परन्तु विज्ञान की प्रगति के साथ-साथ इसकी तकनीकी में भी परिवर्तन आया और इसके कार्यों में बढ़ोत्तरी हो गई। आधुनिक कम्प्यूटरों को स्मरण क्षमता बहुत अच्छी है और कार्य प्रणाली अत्यन्त सरल है। जिससे इसका उपयोग आसानी से किया जा सकता है। पहले इसकी कीमत अत्यन्त उच्च थी परन्तु धीरे 2 इसकी कीमतों में भी कमी आ गई है जिससे साधारण व्यक्ति भी इसे आसानी से खरीद सकता है।
उपरोक्त विवेचन से कहा जा सकता है कि ‘कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक पद्धति है जो अपने कार्यों को शीघ्रातिशीघ्र करता है, विविध सूचनाओ; समस्याओं को थोड़े समय में विशाल संग्रह से तुरन्त देने में सक्षम होता है। यह व्यक्ति एवं उपकरण, के बीच संचार की अंतः क्रिया द्वारा सम्पन्न होता है। धन, श्रम, समय के अपव्यय से मुक्ति प्रदान करने वाला आधुनिक समय का कम्प्युटर एक नवाचार है।”
कम्प्यूटर का इतिहास (History of Computer )
चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर जन्मदाता माना जाता है। उन्होंने एक ऐसे लघुगणकीय अंकन करने वाली मशीन को बनाने का विचार किया। उन्होंने ऐसी मशीन के बनाने के लिए काफी प्रयत्न किये, कई रूपरेखाओं का निर्माण किया गया, ब्रिटिश सरकार ने उनकी बड़ी सहायता की। काफी प्रयत्नों साधनों व सहायता के बावजूद उन्हें इस मशीन को बनाने में पूर्ण सफलता नहीं प्राप्त हो सकी।
हार्ड कम्प्यूटर की रूपरेखा हार्वर्ड एकेन ने बनाई और यह संसार का प्रथम अंकीय कम्प्यूटर था जिसमें इलेक्ट्रो मैकेनिकल साधनों का प्रयोग किया गया था। यह आई. बी. एम. तथा हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से 1994 में विकसित किया गया था। इस प्रकार कम्प्यूटर के विकास में निरन्तर नये प्रयोग किये गये और ये प्रयोग वर्तमान में भी चल रहे हैं। सन् 1946 के बाद से निरन्तर प्रयोगों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। कम्प्यूटर के विकास के आधार पर उसे पाँच पीढियों में विभाजित किया जा सकता है। प्रत्येक पीढ़ी में मूलभूत विशेष इलेक्ट्रानिक पुर्जा का प्रयोग किया गया। इस प्रकार से निरन्तर नये पुर्जों का प्रयोग करने के कारण कम्प्यूटर का रूप अत्यधिक आधुनिक होता गया और आज हमारे सामने एक इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर विद्यमान है जो समस्त कार्यों को करने में सक्षम है।
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