पाठ्यचर्या द्वारा किन उद्देश्यों की प्राप्ति की जा सकती है ?
पाठ्यचर्या द्वारा निम्नलिखित उद्देश्यों की प्राप्ति की जा सकती है –
1. विद्यार्थियों के लिए आवश्यक सामग्री जैसे-पाठ्यपुस्तक, पाठ्येत्तर पुस्तकें, प्रयोगशाला मेनुअल, अन्य उपकरणों तथा संसाधनों को सूचीबद्ध करना।
2. विद्यार्थियों को शिक्षक के द्वारा पढ़ाई जाने वाली विषय-वस्तु का संगठन करना एवं निश्चित दिशा प्रदान करना।
3. शिक्षक को उनके शिक्षण की प्रभावोत्पादकता का मूल्यांकन करने में सहायता देना जिससे वे उचित शिक्षण विधियों का चयन कर प्रभावी शिक्षण कर सकें।
4. मूल्यांकन की विधियों का निर्धारण करना।
5. पाठ्यचर्या विद्यार्थियों के द्वारा किए जाने वाले कोर्स के उद्देश्यों को निर्धारित करता है।
6. शिक्षक एवं विद्यार्थी के मध्य उचित एवं निष्पक्ष समझ विकसित करने के लिए जिससे उनके मध्य विषय-वस्तु को लेकर किसी प्रकार के भ्रम की स्थिति न रहें।
7. सीखी जाने वाली विषय-सामग्री को निश्चित करना तथा उसके फलस्वरूप विद्यार्थियों की अपेक्षित उपलब्धियों का स्पष्टीकरण करना।
8. कक्षा में विद्यार्थियों द्वारा किए जाने वाले व्यवहार को स्पष्ट रूप प्रदान करना ।
9. परीक्षा में सम्मिलित की जाने वाली विषय-वस्तु की निश्चित रूपरेखा स्पष्ट करना।
10. विद्यार्थियों के लिए वर्तमान पाठ्यवस्तु से सम्बन्धित पूर्व अपेक्षाएं निर्धारित करना।
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