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बहु माध्यमीय शैक्षिक कार्यक्रम से आप क्या समझतें है? बहुमाध्यमीय शैक्षिक कार्यक्रम का कक्षा में उपयोग लिखिए।
बहु माध्यमीय शैक्षिक कार्यक्रमः- आज समाज को देश में रहने वाले सभी बालक बालिकाओं को शिक्षित करना आवश्यक है। कक्षा कक्षों में ही नहीं वरण सुदुर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी शिक्षित करना है। भारत जैसे विशाल देश में जिसमें क्षेत्रिय तथा भाषाई भिन्नतायें है वहां प्रत्येक बालक-बालिका के पास प्रत्येक बात के लिये संपर्क करना या जानकारी देना अति दुर्गम कार्य है। अतः विद्यालयों के उपयोग के लिये माध्यम केन्द्र स्थापित किये गये है। इनको अनुदेशात्मक सामग्री केन्द्र अथवा बहुमाध्यम पुस्तकालय, पाठ सामग्री केन्द्र से भी जाना जाता हैं। इन केन्द्रों का प्रमुख कार्य शिक्षकों तथा छात्रों को आवश्यक शिक्षण अधिगम सामग्री की सुविधा दी जाती है। इन केन्द्रों में अनुदेशनात्मक दृश्य-श्रव्य सामग्री तथा अन्य बहुमाध्यम उपागम सामग्री को संचित किया जाता हैं व इसके प्रयोग के लिये शिक्षकों को समुचित प्रशिक्षण दिया जाता है। व्यक्तिगत तथा संस्थागत उपयोग के लिये यह सुविधा प्रदान की जाती है।
छात्रों के लिये बहुमाध्यमीय शैक्षिक कार्यक्रम के अन्तर्गत अधिगम पैकेज की भी व्यवस्था रहती है। इसके अलावा विविध प्रकार की सामग्री, चार्ट पोस्टर, फोटोग्राफ तथा रिकॉर्डस भी होते है जिनके प्रयोग से छात्र अधिकाधिक लाभ उठाते है। इन केन्द्रों पर व्यवहारिक तकनीकी विशेषज्ञों की भी सेवाएं ली जा सकती है। जिससे केन्द्र पर उपलब्ध सामग्री का समुचित लाभ लिया जा सके।
बहुमाध्यमीय शैक्षिक कार्यक्रम का कक्षा में उपयोग:-
- यह कार्यक्रम कठिन अवधारणाओं और जटिल समस्याओं के अध्यापन में सहायक है।
- यह कार्यक्रम छात्रों को सीखने समझने के लिये प्रेरित करते है।
- विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रम अतिरोचक और आकर्षक बनाये जाते है। जिससे बालक-बालिकाओं की रूचि बढ़ती है।
- शिक्षा के स्तर में सुधार और गुणवत्ता के विकास में सहायक है।
- छात्र प्रदत्त सामग्री को स्वयं छू सकता है।
- छात्र उक्त सामग्री को स्वयं रखता और उठाता है उसका रखरखाव सीखता है। इस प्रकार छात्रों में टीम भावना का विकास होता है।
- छात्र सामग्री के साथ कार्य करते हुए नवीन कल्पना भी करता है, नवीन प्रयोग के लिये उत्साहित होता है।
- यह कार्यक्रम छात्रों की सृजनशीलता में वृद्धि करते है।
- यह कार्यक्रम शिक्षकों को नियोजन, मूल्यांकन, व्यवस्था तथा अनुदेशन सामग्री के तैयार करने में सहायक होते है।
- सेवारत शिक्षकों के लिये वर्कशॉप की व्यवस्था करना एवं अनुदेशन तकनीक का प्रशिक्षण भी उपलब्ध हो सकता है।
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