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शिक्षा में आधुनिकीकरण की अवधारणा एवं महत्व को स्पष्ट कीजिए।
परिचय – भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, जनसंख्या विस्फोट, निरक्षरता पर्यावरण प्रदूषण आदि तो समाज के लिये सिरदर्द बने ही हये हैं, भारतीय नागरिक स्वयं को जातिवाद, वर्गवाद, साम्प्रदायिकता, क्षेत्रवाद और अन्धविश्वास आदि कुरीतियों और कुप्रथाओं तक से स्वयं को मुक्त नहीं कर पा रहे हैं। चाहे नेता हो अथवा अधिकारी, कर्मचारी हो या नागरिक कोई भी अपने कार्यों और उत्तरदायित्वों के लिये जवाबदेह नहीं लग रहा है। शिक्षा का क्षेत्र भी उक्त बुराइयों से अछूता नहीं है। यहां भी विद्यालय है किन्तु गुणवत्ता नहीं है, शिक्षक हैं किन्तु शिक्षा नहीं है। आज के प्रगतिशील एवं कड़ी वैज्ञानिक प्रतिस्पर्धा के युग में भी हमारे अधिकांश शिक्षक और शिक्षा दोनों पुराने घिसे-पिटे ढर्रे पर ही चल रहे हैं।
आखिर कौन देगा इस सबका जवाब? कैसे दूर होगी समाज और शिक्षा की ये बुराइयां स्पष्ट है इसका उपचार शिक्षा का आधुनिकीकरण ही है।
शिक्षा के आधुनिकीकरण की संकल्पना और अर्थ
शिक्षा के आधुनिकीकरण की संकल्पना किसी उत्तरदायित्वपूर्ण कार्य को हाथ में लेने तथा उसके सफलतापूर्वक पूरा करने में निहित है। कोई भी जिम्मेदारी वाला काम जब किसी को सौंपा जाता है, तो सौंपने वाला करने वाले से यह अपेक्षा करता है कि वह दिये गये कार्य को पूरी निष्ठा, लगन और ईमानदारी से पूरा करेगा। इस उद्देश्य के लिये वह पर्याप्त धन, समय और श्रम का प्रबंध भी करता है। कार्य पूरा हो जाने पर यदि निर्धारित किये गये उद्देश्यों की प्राप्ति होती है, तो कार्य करने वाले और करवाने वाले दोनों पक्षों को प्रसन्नता होती है किन्तु यदि कार्य अपने उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पाता है तो करने वाले को जवाब देना पड़ता है कि किन कारणों और परिस्थितियों से विवश होकर वांछित सफलता प्राप्त नहीं की जा सकी। कार्य करने वाले का इस प्रकार जवाब देना ही जवाबदेही कहा जाता है।
विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत जो उत्तरदायित्वपूर्ण कार्य शिक्षा व्यवस्था से संबंधित व्यक्तियों को सौंपा जाता है, वह राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय और सामाजिक महत्व का होता है। शिक्षा : को राष्ट्रीय उन्नति और विकास से जोड़कर शिक्षक को ‘राष्ट्र निर्माता के रूप में सम्मानित किया जाता है। एक प्रसिद्ध शिक्षाविद ने तो यहां तक कहा था कि किसी देश की उन्नति उसकी विधान सभाओं, कार्यालयों, कारखानों और न्यायालयों से नहीं, बल्कि उसके विद्यालयों द्वारा आंकी जाती है। ऐसे महत्वपूर्ण कार्य का उत्तरदायित्व लेने के बाद यदि शिक्षा अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाती है तो उससे संबंधित व्यक्तियों को जवाब तो देना ही होगा। जवाबदेही की वास्तविक संकल्पना मात्र जवाब देने तक ही सीमित नहीं है। बल्कि वह दोषी व्यक्तियों को गलतियों के परिणाम भुगतने की भी व्यवस्था करती है। अतः अब समय की मांग है कि विद्यालयी शिक्षा से जुड़े सभी व्यक्तियों-शिक्षकों, छात्रों, प्रधानाचार्य, कर्मचारियों और प्रबंध को अपने द्वारा किये जाने वाले कार्यों की गुणवत्ता की गारण्टी लेनी होगी और असफल होने पर तत्संबंधित दंड को भी स्वीकार करना होगा।
शिक्षा के आधुनिकीकरण की आवश्यकता एवं महत्व
शिक्षा का आधुनिकीकरण निम्नलिखित कारणों से आवश्यक महत्वपूर्ण मानी जाती है-
- शिक्षा में व्याप्त भ्रष्टाचार, अराजकता और मनमानी के वातावरण को रोकने के लिये।
- समाज और राष्ट्र की उन्नति और विकास के लिये।
- शिक्षा के वैयक्तिक एवं सामाजिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये।
- राष्ट्रीय स्वाभिमान की रक्षा के लिये।
- श्रेष्ठ नागरिकों का निर्माण करने के लिये।
- राष्ट्रीय एकता, अंतर्राष्ट्रीय सद्भाव और धर्मनिरपेक्षता के लिये।
- मूल्यांकन के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये।
दूर शिक्षा, मुक्त शिक्षा व्यवस्था : अवधारणा व विशेषता तथा सतत् व अभिभावक शिक्षा
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