पूर्ण प्रतियोगिता से आप क्या समझते हैं? इसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
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पूर्ण प्रतियोगिता से आशय (Meaning of Perfect Competition)
सामान्यतः पूर्ण प्रतियोगिता से आशय उस स्थिति है जिसमें क्रेता और विक्रेता में स्वतन्त्र व पूर्ण प्रतिस्पर्द्धा पाई जाए। बोल्डिंग के शब्दों में, “पूर्ण प्रतियोगिता बाजार की वह स्थिति है जिसमें बहुत से क्रेता और विक्रेता हों तथा सभी पूर्णतः एक ही प्रकार की वस्तु का क्रय-विक्रय करते हैं। सभी का एक-दूसरे से निकटतम सम्पर्क हो तथा दोनों पक्ष स्वतन्त्रतापूर्वक क्रय-विक्रय करते हों।”
पूर्ण प्रतियोगिता की विशेषताएँ (Characteristics of Perfect Competition)
पूर्ण प्रतियोगिता की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(1) पूर्ण प्रतियोगिता की स्थिति में विक्रय की जाने वाली वस्तुएँ गुण तथा भार आदि में समान होती हैं।
(2) बाजार में स्वतन्त्र रूप से कार्य करने वाले क्रेताओं तथा विक्रेताओं की संख्या अधिक होती है।
(3) फर्मों की माँग वक्र एक क्षैतिज रेखा होती है।
(4) क्रेता तथा विक्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान होता है।
(5) वस्तु में समरूपता पाई जाती है।
(6) उत्पत्ति के साधनों में पूर्ण प्रतियोगिता पाई जाती है ।
(7) पूर्ण प्रतियोगिता की स्थिति में औसत आय व सीमान्त आय बराबर होती है ।
(8) पूर्ण प्रतियोगिता में फर्में बाजार के अत्याधिक समीप होती हैं जिसके कारण परिवहन व्यय सामान्य होता है।
(9) पूर्ण प्रतियोगिता में वस्तुओं का मूल्य समान होता है ।
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