व्यापार चक्रों का वर्गीकरण (Classification of Trade or Business Cycles)
प्रो० जेम्स आर्थर ईस्टे ने व्यापर चक्रों का निम्नलिखित वर्गीकरण प्रस्तुत किया है :
(1) मुख्य एवं लघु वक्र (Major and Minor Cycles)- मुख्य चक्रों को जगलर चक्र भी कहते हैं। इसकी खोज 19वीं शताब्दी में फ्रांसीसी अर्थशास्त्री क्लीमेण्ट जगलर ने की थी। मुख्य चक्र व्यावसायिक क्रियाओं में होने वाले उन उच्चावचनों को कहते हैं जो क्रमिक संकटों के बीच घटित होते रहते हैं। इस संकट से आशय व्यावसायिक क्रियाओं में होने वाली उस अधोगति से है, जिसकी पुनरावृत्ति पूंजीवादी अर्थव्यवस्थाओं में होती रहती है। इस प्रकार बड़ी-बड़ी व्यापारिक मंदियों के बीच के समयान्तरों ( Intervals) को मुख्य चक्र की संज्ञा दी जाती है। इस श्रेणी के चक्र की अवधि 8.33 वर्ष होती है। व्यावसायिक उच्चावचनों के अध्ययन एवं अनुसंधान के अभिलेखों (Records) के आधार पर इस बात की पुष्टि हो गई है कि प्रत्येक मुख्य चक्र में दो अथवा तीन लघु चक्र होते हैं। मुख्य चक्र के काल में व्यावसायिक उत्थान (business upswing) के दौरान छोटे-छोटे प्रतिसार (Minor down swings) भी घटित होते हैं। इस प्रकार मुख्य चक्रों के काल में घटित होने वाले अल्पाकालीन चक्रों को लघु चक्र (Minor cycles) कहा जाता है। लघु चक्र की औसत अवधि 40 महीने होती है।
(2) निर्माण कार्य चक्र (Building cycles)- निर्माण कार्य चक्र से आशय उस चक्र से है जो निर्माण-कार्य उद्योग (Building construction Industry) से सम्बन्ध रखता है। इस प्रकार के चक्र की अवधि व्यापार चक्र की अवधि से अधिक लम्बी होती है। यह व्यवहार में देखा गया है कि निर्माण-कार्य उद्योग में भी उच्चावचन (Fluctuations) होते रहते हैं तथा इनकी अवधि में भी नियमितता पायी जाती है। निर्माण कार्य में भी हमें उत्थान (upswings) तथा पतन (Down swings) की प्रक्रिया देखने को मिलती है। निर्माण कार्य चक्र की अवधि सामान्यतया 15-20 वर्ष होती है तथा इनकी औसत अवधि 18 वर्ष होती है। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि इसकी अवधि व्यापार चक्रों की अवधि में दुगुनी होती है।
(3) कोन्द्रोतीफ-चक्र अथवा दीर्घ लहरें (Knodratieff Cycle or Long Waves) – व्यावसायिक क्रियाओं में उत्पन्न होने वाले ऐसे चक्रों का अध्ययन सर्वप्रथम एक रूसी अर्थशास्त्री कोन्द्रातीफ ने किया था इसीलिए इन दीर्घ लहरों को कोन्द्रातीफ-चक्र के नाम से भी पुकारा जाता है। इस श्रेणी के चक्रों को दीर्घ लहरों (Long waves) के नाम से भी पुकारा जाता है। इन चक्रों की अवधि 50-60 वर्ष तक की होती है। प्रो० कोन्द्रातीफ ने सन 1780 से सन 1920 की अवधि में सांख्यिकीय सामग्री के आधार पर ब्रिटेन तथा 1 फ्रान्स में ऐसे 2 1/2 दीर्घकालीन चक्रों की खोज की थी। इस प्रकार के चक्रों की पूर्ण अवधि 50 वर्ष बतायी जाती है।
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