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शिक्षा के समाजशास्त्र व शैक्षिक समाजशास्त्र में अन्तर | Difference between Educational Sociology and Sociology of Education in Hindi

शिक्षा के समाजशास्त्र व शैक्षिक समाजशास्त्र में अन्तर | Difference between Educational Sociology and Sociology of Education in Hindi
शिक्षा के समाजशास्त्र व शैक्षिक समाजशास्त्र में अन्तर | Difference between Educational Sociology and Sociology of Education in Hindi

शैक्षिक समाजशास्त्र और शिक्षा के समाजशास्त्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।

शिक्षा के समाजशास्त्र व शैक्षिक समाजशास्त्र में अन्तर (Difference between Educational Sociology and Sociology of Education)

शैक्षिक समाजशास्त्र एवं शिक्षा के समाजशास्त्र में अन्तर को निम्न प्रकार व्यक्त किया जा सकता है-

शैक्षिक समाजशास्त्र (Educational Sociology) शिक्षा का समाजशास्त्र (Sociology of Education )
1. ठोस वस्तुनिष्ठता व विश्लेषण पर आधारित विषय नहीं है। 1. शिक्षा का समाजशास्त्र वह समाजशास्त्र विज्ञान पर आधारित विषय है जो ठोस वस्तुनिष्ठता (Empiricism और परोक्षता (Objectivity) और विश्लेषण पर आधारित है।
2. शैक्षिक समाजशास्त्र के क्षेत्र अधिकांश शोध सतही तथा शिक्षण अव्यवस्थित है। 2. शिक्षा का समाजशास्त्र क्षेत्र में किये गये शोध और शिक्षण व्यवस्थित व वैज्ञानिक है।
3. शैक्षिक समाजशास्त्री अधिक व्यावहरिक होते हैं। 3. शिक्षा समाजशास्त्री शिक्षा को विस्तृत दृष्टिकोण से देखते हैं तथा अधिकतर सैद्धान्तिक होते हैं।
4. शैक्षिक समाजशास्त्र मिश्रित या प्रयुक्त समाजशास्त्र (Applied sociology) है अर्थात् यह एक प्रकार में शैक्षिक तकनीकी है। 4. शिक्षा का समाजशास्त्र शुद्ध समाजशास्त्र की एक शाखा है। यह शैक्षिक तकनीकी नहीं है।
5. यह विश्लेषात्मक न होकर संश्लेषणात्मक है। 5. यह प्रयोगात्मक व विश्लेषणात्मक है।
6. यह शिक्षा की समस्याओं पर केन्द्रित है। 6. यह समाज के विश्लेषणात्मक अध्ययन से विद्यालय की ओर चलता है।
7. शैक्षिक समाजशास्त्र निरीक्षण, साक्षात्कार आदि विधियों को अनुसन्धान में प्रयोग करता है। 7. शिक्षा का समाजशास्त्र यह प्रयोगात्मक अध् ययन पर बल देता है।
8. इसमें समाजशास्त्र द्वारा शिक्षा के आन्तरिक पक्षों पर ध्यान केन्द्रित होता है अतः इसमें शिक्षा के सिद्धान्त अभ्यास व प्रक्रियाओं को समझने पर बल दिया जाता है। 8. इसमें समाजशास्त्र के अन्तर्गत शिक्षा पर बाह्य ध्यान केन्द्रित किया जाता है अतः यह शिक्षा व समाजशास्त्र के मध्य सम्बन्ध से सम्बन्धित है
9. शैक्षिक समाजशास्त्री अपना विश्लेषण पाठशाला से शुरू करते हैं और बाहर समाज की ओर जाते हैं और वहाँ से अपने तथ्य संग्रह करके लाते हैं तब उनका विश्लेषण करते हैं। 9. शिक्षा समाजशास्त्री अपना विश्लेषण समाज के विस्तृत सन्दर्भ से आरम्भ करके उसे पाठशाला की ओर ले जाते हैं।
10. इसमें निरीक्षण, साक्षात्कार आदि विधियों का प्रयोग किया जाता है। 10. इसमें प्रयोगात्मक अध्ययन पर बल दिया जाता है।
11. शैक्षिक समाजशास्त्र समाज का व्यावहारिक पक्ष है। 11. शिक्षा का समाजशास्त्र शिक्षा का व्यावाहारिक पक्ष है।
12. शैक्षिक समाजशास्त्री शिक्षा प्रशासकों को शैक्षिक समस्याओं के हल प्रदान करने और प्रसन्न करने को उत्सुक रहते हैं। 12. शिक्षा समाजशास्त्री शिक्षा प्रशासकों को शिक्षा की व्यवहारिक समाधान न बताकर उनका समाजशास्त्री हल प्रस्तुत करते हैं।
13. शैक्षिक समाजशास्त्र सुझावों और प्रतिमानात्मक सिद्धान्त के स्थापन की दिशा में एक प्रयास है। 13. शिक्षा समाजशास्त्र एक सामान्य वस्तुनिष्ठता के सिद्धान्त के निर्माण का शिक्षा में प्रयास है।
14. मूलतः शिक्षाशास्त्र का अंग था। 14. शिक्षा का समाजशास्त्र मूलतः समाजशास्त्र की एक शाखा है।

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Anjali Yadav

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