शिक्षाशास्त्र / Education

अन्वय वैधता (Construct Validity) in Hindi

अन्वय वैधता पर एक नोट लिखिए।

अन्वय वैधता (Construct Validity) जब मानसिक शीलगुणों (Mental traits) की उपस्थिति के आधार पर परीक्षण की वैधता ज्ञात की जाती है तब इसे अन्वय वैधता (Construct Validity) कहते हैं। अन्वय वैधता सम्भवतः वैधता का सबसे नया प्रत्यय है। यह विचार सन् 1952 व 1954 में अमेरिकन मनोविज्ञान संघ (American Psychological Association) के द्वारा मनोवैज्ञानिक परीक्षणों के लिए गठित दो समिति (APA Committee on Psychological Tests) के प्रतिवेदनों में सर्वप्रथम प्रस्तुत किया गया था। बाद में क्रोनबैक (Cronback) तथा मीहल (Meehl) ने 1955 में इस विचार को स्पष्ट किया तथा विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया। वास्तव में विभिन्न मानवीय गुण जैसे बुद्धि, व्यक्तित्व, मूल्य, दृष्टिकोण, अभिरूचि, योग्यता आदि परिकल्पित अन्वय (Hypothetical Constructs) है। इनमें से प्रत्येक के अनेक अर्थ हैं तथा इन गुणों को रखने वाला व्यक्ति किस प्रकार का व्यवहार करेगा, इस पर विभिन्न विद्वान भिन्न-भिन्न विचार रखते हैं। स्पष्ट है कि अन्वय किसी चर या गुण के संबंध में एक परिकल्पित विचार (Hypothetical attributer) है, जो उस चर या गुण की व्याख्या करता है। क्रोनबैक तथा मीहल ने अन्वय वैधता सुनिश्चित करने के लिए जो तार्किक प्रक्रिया बताई है, उसमें निम्न चार सोपान हैं-

(i) सर्वप्रथम परीक्षण द्वारा मापे जाने वाले गुण को स्पष्ट किया जाता है।

(ii) तदुपरान्त मापे जाने वाले गुण से संबंधित सैद्धान्तिक विवेचन प्रस्तुत किया जाता है।

(iii) इसके बाद सैद्धांतिक विवेचन के आधार पर उन व्यवहारों का पूर्वकथन किया जाता है, जो परीक्षण प्राप्तांकों से उस स्थिति में संबंधित या असंबंधित होने चाहिए जब परीक्षण उसी गुण का मापन कर रहा है, जिसे प्रथम सोपान में स्पष्ट किया गया है।

(iv) अन्त में सोपान तीन पर व्यवहारों के संबंध में की गई परिकल्पना का सत्यापन करने के लिए समंकों (data) को एकत्रित किया जाता है तथा उसकी सहायता से इस परिकल्पना का परीक्षण किया जाता है। यदि परिकल्पना सत्य सिद्ध होती है तो परीक्षण को वैध स्वीकार किया जाता है तथा कहा जाता है कि परीक्षण अन्वय वैधता रखता है। इसके विपरीत यदि परिकल्पना गलत सिद्ध होती है तो इसका अर्थ है कि या तो परीक्षण में अन्वय वैधता नहीं है अथवा मापे जाने वाले गुण से संबंधित सैद्धांतिक दृष्टिकोण त्रुटिपूर्ण है।

अन्वय वैधता (Construct Validity) ज्ञात करने की उपरोक्त वर्णित प्रक्रिया से पाठकों को स्पष्ट हो गया कि अन्वय वैधता को सुनिश्चित करना अपेक्षाकृत जटिल है। फिर भी सहसंबंध गुणांक, समूह तुलना, परीक्षण की आन्तरिक संगतता, परीक्षण देने की प्रक्रिया (Test taking process) आदि प्रमाणों की सहायता से अन्वय वैधता के संबंध में निर्णय लिया जा सकता है।

वैधता ज्ञात करने की विधियां (Methods of Validity)

परीक्षण की वैधता ज्ञात करने के लिए प्रयुक्त की जाने वाली विभिन्न विधियों को दो मुख्य भागों में बांटा जा सकता है-

1- तार्किक विधियों ( Rational Methods) या आन्तरिक कसौटी (Internal Criterion) पर आधारित विधियाँ ।

2- सांख्यिकीय विधियों (Statistical Methods) या बाह्य कसौटी (External Criterion) पर आधारित विधियों।

परीक्षण की वैधता ज्ञात करने की विधियो के इन दोनों प्रकारों की चर्चा आगे की जा रही है।

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Anjali Yadav

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