व्यावसायिक अर्थशास्त्र / BUSINESS ECONOMICS

एकाधिकार के लाभ एंव दोष | advantages and disadvantages of monopoly in Hindi

एकाधिकार के लाभ एंव दोष | advantages and disadvantages of monopoly in Hindi
एकाधिकार के लाभ एंव दोष | advantages and disadvantages of monopoly in Hindi

एकाधिकार के परिणाम अच्छे व बुरे दोनों ही प्रकार के हो सकते हैं।

एकाधिकार के लाभ (Advantages of Monopoly)

एकाधिकार के कुछ महत्त्वपूर्ण लाभ इस प्रकार हैं-

(1) साधनों का अनुकूलतम प्रयोग — एकाधिकारी उपक्रमों में उत्पत्ति के सीमित साधनों का अनुकूलतम आबंटन होता है, फलस्वरूप देश का आर्थिक विकास तेजी के साथ होता है।

(2) व्यावसायिक स्थायित्व — एकाधिकारी वस्तुओं अथवा सेवाओं की माँग और पूर्ति में उचित सामंजस्य स्थापित करने में सफल हो जाता है, जिससे मन्दी-तेजी के कुचक्र नहीं चलते।

(3) बड़े पैमाने के उत्पादन की मितव्ययिताएँ- प्रायः एकाधिकारी उपक्रमों में उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है, जिससे अनेक आन्तरिक एवं बाह्य बचतें प्राप्त होती हैं।

(4) अनुसन्धान को प्रोत्साहन – एकाधिकारी उपक्रम आसानी से अनुसन्धान कार्यों के लिये वित्त एवं अन्य आवश्यक साधन उपलब्ध करा सकते हैं, जिससे अनुसन्धान कार्यों को प्रोत्साहन मिलता रहे।

(5) नीची विक्रय लागतें – एकाधिकारी स्थिति में प्रतिस्पर्धा या तो पूर्णरूप से समाप्त हो जाती है या सीमित हो जाती है, फलस्वरूप विज्ञापन और विक्रय पर किये जाने वाले अनावश्यक व्यय कम हो जाते हैं।

(6) नीचा विक्रय मूल्य- बड़े पैमाने की बचतों एवं नीची विक्रय लागतों के कारण एक एकाधिकारी अपनी वस्तु का नीचा विक्रय मूल्य रखकर उपभोक्ताओं को लाभान्वित कर सकता है।

एकाधिकार के दुष्परिणाम (हानियाँ) (Disadvantages of Monopoly)

एकाधिकार के मुख्य दोष इस प्रकार हैं-

(1) नये उपक्रमों में बाधा – एक एकाधिकारी अपने एकाधिकार को बनाये रखने के लिए नये उपक्रमों की स्थापना में हर सम्भव कठिनाइयाँ उत्पन्न करता है तथा उन्हें हतोत्साहित करता है।

(2) आर्थिक सत्ता का केन्द्रीयकरण – एकाधिकार से आर्थिक शक्ति के संकेन्द्रण को बढ़ावा मिलता है, जिससे समाज में धन का वितरण असमान होने लगता है।

(3) तकनीकी विकास में बाधक – एकाधिकार की स्थिति के अन्तर्गत चूँकि प्रतिस्पर्धा का अभाव होता है इसलिये इस स्थिति में वस्तु की किस्म में सुधार लाने अथवा तकनीकी विकास एवं अनुसन्धान करने के लिए पर्याप्त प्रेरणा नहीं मिलती।

(4) भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन – एकाधिकारी अपनी निरंकुश स्थिति बनाये रखने की दृष्टि से राजनीतिज्ञों को चन्दे देते हैं जिससे आर्थिक और राजनैतिक भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन मिलता है।

(5) श्रमिकों का शोषण – एकाधिकारी केवल उपभोक्ताओं का ही शोषण नहीं करता है बल्कि वह श्रमिकों को भी कम मजदूरी देकर उनका शोषण करता है, क्योंकि प्रतियोगी उद्योग न होने पर श्रमिक उद्योग छोड़कर अन्य कहीं कार्य प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

(6) उपभोक्ताओं का शोषण- एक एकाधिकारी ऐसी वस्तु का उत्पादन एवं विक्रय करता है जिसके बाजार में निकट प्रतिस्थापन्न उपलब्ध नहीं होते हैं, अतः वह अपनी वस्तु का अधिक ऊँचा मूल्य वसूल करके उपभोक्ताओं का शोषण करता है। एकाधिकारी मूल्य-विभेद की नीति अपना कर क्रेताओं के साथ भेदभाव भी कर सकता है तथा अनेक बार वह वस्तु की कृत्रिम कमी उत्पन्न कर देता है।

IMPORTANT LINK

Disclaimer: Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com

About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment