नकद तथा असल मजदूरी से क्या आशय है ?
Contents
मौद्रिक या नकद मजदूरी (Nominal Wages)
नकद या मौद्रिक मजदूरी से आशय उस मजदूरी से है जो किसी श्रमिक को उसके श्रम के बदले में एक, नश्चित समय (प्रतिघण्टा, प्रतिदिन, प्रति सप्ताह, प्रतिमाह) में द्रव्य के रूप में दी जाती है।
वास्तविक या असल मजदूरी (Real Wages)
वास्तविक मजदूरी का तात्पर्य नकद मजदूरी की उस क्रय शक्ति से है जो वस्तुओं को और सेवाओं को क्रय कर सकती है तथा इस राशि के अतिरिक्त जो अन्य सुविधायें श्रमिक को अपने सेवायोजक से प्राप्त होती हैं, को भी सम्मिलित किया जाता है।
टॉमस के अनुसार, “वास्तविक मजदूरी श्रमिक के व्यवसाय से सम्बन्धित शुद्ध लाभों की ओर संकेत करती है अर्थात् यह आवश्यक, आरामदायक तथा विलासिता की वस्तुओं की उस मात्रा को बताती है जो श्रमिक अपनी सेवा के बदले में प्राप्त कर सकता है।”
मार्शल के अनुसार, “वास्तविक मजदूरी में केवल उन्हीं सुविधाओं तथा आवश्यकता को शामिल नहीं करना चाहिए जो सेवायोजक के द्वारा प्रत्यक्ष रूप में श्रम के बदले में दी जाती है बल्कि उसके अन्तर्गत उन लाभों को भी शामिल किया जाना चाहिए जो व्यवहार विशेष से सम्बन्धित होते हैं और जिनके लिए सेवायोजक को अलग व्यय नहीं करना पड़ता।”
नकद मजदूरी व असल मजदूरी में अन्तर (Difference between Nominal and Real Wages)
नकद मजदूरी और असल मजदूरी की दी गई परिभाषाओं के आधार पर उनमें निम्नलिखित अन्तर हैं—
(1) नकद मजदूरी द्रव्य के रूप में व्यक्त की जाती है जबकि वास्तविक मजदूरी वस्तुओं तथा सेवाओं में व्यक्त की जाती है।
(2) दो देशों या दो स्थानों पर श्रमिकों की नकद मजदूरी समान हो सकती है परन्तु वास्तविक मजदूरी का समान होना आवश्यक नहीं है। यह उनको प्राप्त सुविधाओं तथा अन्य सेवाओं के कारण भिन्न हो सकती है ।
(3) नकद मजदूरी वास्तविक मजदूरी का एक भाग है क्योंकि जो मजदूरी द्रव्य के रूप में प्राप्त होती है उससे भी व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वस्तुएँ क्रय करता है।
IMPORTANT LINK
- कबीरदास की भक्ति भावना
- कबीर की भाषा की मूल समस्याएँ
- कबीर दास का रहस्यवाद ( कवि के रूप में )
- कबीर के धार्मिक और सामाजिक सुधार सम्बन्धी विचार
- संत कबीर की उलटबांसियां क्या हैं? इसकी विवेचना कैसे करें?
- कबीर की समन्वयवादी विचारधारा पर प्रकाश डालिए।
- कबीर एक समाज सुधारक | kabir ek samaj sudharak in hindi
- पन्त की प्रसिद्ध कविता ‘नौका-विहार’ की विशेषताएँ
- ‘परिवर्तन’ कविता का वैशिष्ट (विशेषताएँ) निरूपित कीजिए।