राजनीति विज्ञान की पाठ्य पुस्तकों के गुण
राजनीति विज्ञान की पाठ्य पुस्तक कैसी होनी चाहिए? इस प्रश्न का उत्तर एक और प्रश्न के उत्तर पर निर्भर करता है। वह यह है कि पाठ्य पुस्तक का प्रयोग कौन करेगा। शिक्षक या छात्र ? पाठ्य पुस्तक स्पष्टतः छात्रों के लिए होती है। उन्हें ही इसे कक्षा में तथा घर पर पढ़ना है और इससे अधिकाधिक लाभ उठाना है तो स्वतः प्रश्न उठता है कि जब पाठ्य पुस्तक छात्र के लिए है तो यह किस प्रकार की होनी चाहिए ? अर्थात् इसमें कौन-कौन से गुण या विशेषताऐं होनी चाहिए? इस सम्बन्ध में कुछ महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख नीचे दिया जा रहा है :-
1. आकर्षण
2. पाठ्यपुस्तकें बच्चों की आयु, योग्यता तथा स्तर के अनुकूल होनी चाहिएं। ये पुस्तकें विद्यार्थी को आकर्षक लगें। पाठ्य पुस्तक का मुद्रण सुन्दर हो। कागज अच्छी गुणवत्ता का होना चाहिए। जिल्द तथा मुखपृष्ट आदि शुद्ध एवं आकर्षक हों।
3. बालकेन्द्रित पाठ्यपुस्तक
4. मनोविज्ञान के अनुसार बच्चे विभिन्न योग्यता तथा क्षमता के होते हैं उनका आयु वर्ग उनकी मानसिक योग्यता भिन्न होती है इसलिये पाठ्यपुस्तक बालकेन्द्रित होनी चाहिए। वह शिक्षण उद्देश्यों के आधार पर लिखी हुई हो।
5. पुस्तक का लेखक – पाठ्यपुस्तक के चुनाव के समय सर्वप्रथम यह बात ध्यान में रखने की है, कि पुस्तक का लेखक अनुभवी तथा पूर्णतया निपुण हो ।
6. मनोवैज्ञानिक शैली पुस्तक की शैली का मनोवैज्ञानिक होना परम आवश्यक है। विषय के सिद्धान्तों का प्रतिपादन मनोवैज्ञानिक ढंग से समझकर किया जायें। विषय वस्तु को अत्यन्त तार्किक तथा सुव्यवस्थित ढंग से संजोना आवश्यक है। विभिन्न समस्याओं का प्रस्तुतीकरण रोचक ढंग से किया जायें।
7. पाठ्यपुस्तक का संकलन- उत्तम पाठ्य पुस्तकों में पाठ्य-वस्तु का संकलन अत्यन्त सोच समझकर पाठ्यक्रमानुसार किया जाता है। उसमें वर्णित विषय वस्तु बालको के वातावरण, रूचियों तथा क्रियाओं से सम्बन्धित होती है।
8. पाठ्य-वस्तु का शुद्ध तथा स्पष्ट होना परम आवश्यक है। संक्षेप में पाठ्य-वस्तु में निम्न योग्यताओं का होना आवश्यक है-
- पाठ्य-सामग्री छात्रों की मानसिक योग्यता के अनुकूल हो।
- पाठ्य पुस्तक की पाठ्य-वस्तु बालकों की जिज्ञासा तथा निरीक्षणात्मक शक्तियों को जाग्रत करने वाली हो।
- पाठ्य-वस्तु व्यवस्थापन इस प्रकार का हो कि प्रकरणों तथा पाठों का तारतम्य बना रहें।
- पाठ्य-वस्तु का बालकों के जीवन से सम्बन्धित होना परम आवश्यक है।
- पाठ्य-वस्तु का प्रतिपादन सरस तथा रोचक ढंग से किया जायें।
9. पाठ्य पुस्तक की आन्तरिक साज-सज्जा :- बालकों में रुचि तथा विषय के प्रति आकर्षण उत्पन्न करने के लिए उचित मात्रा में उदाहरणों, चित्रों, ग्राफों, मानचित्रों तथा रेखाचित्र का आवश्यकतानुसार प्रयोग किया गया हो। छोटी कक्षा के छात्रों की पुस्तकों में रंगीन आकर्षक चित्रों का संकलन होना चाहिए।
10. पुस्तक की छपाई :- पाठ्य पुस्तक का मुद्रण छात्रों की आयु के अनुकूल हो। शीर्षक बड़े तथा छोटे टाइप में आवश्यकतानुसार दिए जायें।
11. पुस्तक का गेट अप :- पाठ्य पुस्तक का कागज सुन्दर तथा मजबूत होना चाहिए। उसकी जिल्द भी मजबूत होनी चाहिए। पुस्तक आकार में न तो अधिक लम्बी हो और न ही अधिक भारी परन्तु आकार में इस प्रकार की हो कि छात्र उसे सरलता से ला और ले जा सकें। देखने में आकर्षक होना आवश्यक है।
12. अन्य ध्यान देने योग्य बातें
- पुस्तक का मूल्य अधिक न हो।
- पुस्तक के आरम्भ में विषय-सूची तथा अन्त में अनुक्रमणिका भी होनी चाहिए।
- पाठ के अन्त में दिए गए प्रश्न शुद्ध हों।
- गृह कार्य का उल्लेख भी हो।
- पाठ्य पुस्तक पाठ्यक्रम को पूरा करने वाली हो ।
- यह भी देखना परम आवश्यक है कि पाठ्य पुस्तक की रचना में समन्वय के सिद्धान्त को अपनाया गया है अथवा नहीं।
- विद्यालय में पढ़ाई आरम्भ होने से पहले बाजार में उपलब्ध होनी चाहिए।
IMPORTANT LINK
- राजनीति विज्ञान के वर्तमान पाठ्यक्रम के गुण एंव दोष
- समावेशी शिक्षा की अवधारणा एवं इसके उद्देश्य | Concept and Objectives of Inclusive Education in Hindi
- अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक | factors affecting learning in Hindi
- सीखने में अभिप्रेरणा का क्या महत्व है? What is the importance of motivation in learning?
- अध्यापक शिक्षा योजना | teacher education scheme in Hindi
- विद्यालय में किस प्रकार के संसाधनों की आवश्यकता होती है और क्यों?
- शिक्षक एवं सामाजिक परिवर्तन | Teachers and Social Change in Hindi
- शिक्षण प्रक्रिया में अध्यापक के महत्त्व | अध्यापक प्रशिक्षण की आवश्यकता | अध्यापक की जवाबदेहिता का क्षेत्र
- स्कूल और प्रौढ़ शिक्षा में आई.सी.टी. पद्धतियों के संवर्द्धन
- शिक्षण व्यवसाय संबंधी आचार संहिता | Code of Conduct for Teaching Profession in Hindi
- अध्यापक आचार संहिता के लक्षण | Characteristics of teacher code of conduct in Hindi
- अध्यापक शिक्षा का उद्देश्य | Objective of teacher education in Hindi
- एक अच्छे अध्यापक के ज्ञानात्मक, भावात्मक एवं क्रियात्मक गुण
- अध्यापक शिक्षा से सम्बन्धित समस्याएँ | problems related to teacher education in Hindi
- अध्यापक की व्यवसायिक अथवा वृतिक प्रतिबद्धता
- शिक्षकों की विभिन्न भूमिकाओं तथा तथा जिम्मेदारियों का वर्णन कीजिए।
- अध्यापक द्वारा जवाबदेही के स्वमूल्यांकन हेतु किन तथ्यों को जाँचा जाना चाहिए।
- विद्यालयी शिक्षा में जवाबदेही से क्या अभिप्राय है यह कितने प्रकार की होती है?
- व्यवसाय के आवश्यक लक्षण | Essential Characteristics of Business in Hindi
- अध्यापक के व्यवसायिक गुण | professional qualities of a teacher in Hindi
- शिक्षकों की जवाबदेही किन तत्त्वों के सन्दर्भ में की जानी चाहिए।
- राजनीति विज्ञान अध्यापक के व्यक्तित्व से सम्बन्धित गुण
- शिक्षा के क्षेत्र में स्वैच्छिक एजेन्सियों (NGOs) की भूमिका
- राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् के संगठनात्मक ढाँचे
- इंटरनेट तथा ई-मेल क्या है?
- राजनीति विज्ञान में पठन-पाठन सामग्री का विकास करते समय किन गुणों का ध्यान रखा जाना चाहिए?
- कम्प्यूटर पर टिप्पणी लिखियें।
- स्लाइड प्रोजेक्टर की संरचना में कितने भाग होते है?
- शिक्षा यात्रा से आप क्या समझते है?
Disclaimer