रिकार्डों के लगान सिद्धान्त की आलोचनाएँ (Criticisms of the Ricardian Theory of Rent)
प्रो० रिकार्डो के लगान सिद्धान्त की प्रमुख आलोचनाएँ निम्नलिखित हैं—
(1) भूमि की शक्तियाँ मौलिक तथा अविनाशी नहीं होतीं – प्रो० रिकार्डो का यह कथन सही नहीं है।
कि भूमि की शक्तियाँ मूल अथवा अविनाशी होती हैं। वस्तुतः भूमि की शक्तियाँ मौलिक न होकर अर्जित होती । कृत्रिम साधनों के प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि अथवा कमी की जा सकती है। अतः उर्वरा शक्ति न तो मौलिक हुई और न अविनाशी ही ।
(2) कृषि के क्रम की ऐतिहासिक दृष्टि से पुष्टि नहीं होती – प्रो० कैरी तथा रोशे ने रिकार्डो की इस मान्यता की कटु आलोचना की है कि प्रत्येक नए देश में प्रथम सर्वश्रेष्ठ भूमि पर कृषि की जाती है। वस्तुतः लोग सर्वप्रथम निकृष्टतम भूमि पर खेती करना प्रारम्भ करते हैं। इसके अतिरिक्त जब तक किसी भूमि पर खेती नहीं की जाएगी, उर्वरा शक्ति का सामान्यतः मापन नहीं किया जा सकता। इस सन्दर्भ में यह उल्लेखनीय है कि प्रो० वाकर ने उक्त आलोचना का खण्डन किया है।
(3) यह सिद्धान्त ‘लगान क्यों उत्पन्न होता है ?’ इस प्रश्न का उत्तर नहीं देता -प्रो० ब्रिग्स तथा जारडन के अनुसार, रिकाडों का सिद्धान्त लगान उत्पन्न होने के मूल कारणों पर प्रकाश नहीं डालता। यह तो एक सामान्य सत्य है कि अच्छी वस्तु के लिए सदैव ऊंची कीमत प्राप्त होगी।
(4) यह सिद्धान्त यथार्थ नहीं है – प्रो० रिकाडों का लगान सिद्धान्त पूर्ण प्रतियोगिता तथा दीर्घकाल की अवास्तविक मान्यताओं पर आधारित है। अतः यह वास्तविकता से परे है।
(5) भूमि की उत्पादकता को भूमि से नियोजित पूँजी से पृथक करना सम्भव नहीं है— कुछ विद्वानों के अनुसार, भूमि की उर्वरा शक्ति के कारण प्राप्त होने वाली उपज को पूँजी विनियोग से प्राप्त होने वाली उपज से अलग नहीं किया जा सकता। अन्य शब्दों में, दोनों उपजें अन्तःमिश्रित होती हैं। अतः लगान का निर्धारण करना सरल नहीं है।
(6) लगानहीन भूमि का अस्तित्व नहीं- प्रो० रिकार्डों की यह मान्यता भी सत्य नहीं है कि सीमान्त अथवा लगानहीन भूमि वास्तविक जगत में उपलब्ध होती है।
(7) लगान दुर्लभता का प्रतिफल आधुनिक अर्थशास्त्रियों की मान्यता है कि लगान भूमि की उर्वरता के कारण नहीं, वरन भूमि की दुर्लभता के कारण उत्पन्न होता है। इस प्रकार लगान दुर्लभता का प्रतिफल हुआ, विभेदात्मक लाभ नहीं ।
(8) रिकार्डों की लगान लागत कीमत विवेचना सही नहीं है- सिद्धान्त की यह मान्यता भी गलत है कि लगान कीमत को प्रभावित नहीं करता। आधुनिक अर्थशास्त्रियों का विचार है कि अनेक दशाओं में लगान उत्पादन की कीमत को प्रभावित कर सकता है।
(9) लगान केवल भूमि से ही प्राप्त नहीं होता – रिकार्डो की यह धारणा भी गलत है कि लगान केवल भूमि से ही प्राप्त होता है आधुनिक विचारकों का मत है कि लगान भूमि के अतिरिक्त उत्पादन के अन्य साधनों से भी प्राप्त हो सकता है।
(10) लगान के पृथक सिद्धान्त की आवश्यकता नहीं- आलोचकों के अनुसार उत्पत्ति के प्रत्येक साधन का प्रतिफल निर्धारित करने के लिए एक ही सामान्य सिद्धान्त होना चाहिए। भूमि का प्रतिफल निर्धारित करने के लिए किसी पृथक सिद्धान्त की कोई आवश्यकता नहीं है।
(11) यह मान्यता दोषपूर्ण है कि कृषि पर सदैव ही उत्पत्ति ह्रास नियम लागू होता है- लगान का यह सिद्धान्त इस मूलभूत मान्यता पर आधारित है कि कृषि में केवल उत्पत्ति ह्रास नियम ही लागू होता है जबकि वास्तविकता यह है कि उत्पत्ति वृद्धि नियम तथा उत्पत्ति समता नियम भी लागू हो सकते हैं। इस सत्य से इन्कार नहीं किया जा सकता।
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