रिकार्डो के लगान सिद्धान्त की मान्यताएँ (Assumptions of the Ricardian Theory of Rent)
रिकार्डों के लगान सिद्धान्त की कुछ अन्य प्रमुख मान्यताएँ निम्नांकित हैं-
(1) जनसंख्या में निरन्तर वृद्धि होती है, जिससे खाद्य पदार्थों की माँग में भी वृद्धि होती है।
(2) कृषि पर उत्पत्ति हास नियम क्रियाशील होता है।
(3) लगान विभेदात्मक उर्वरता तथा विभेदात्मक स्थिति के कारण ही उत्पन्न होता है।
(4) लगान केवल ‘भूमि’ से ही प्राप्त होता है क्योंकि भूमि प्रकृति का निःशुल्क उपहार (free gift of nature) है।
(5) लगान भूमि की मूल व अविनाशी शक्तियों के कारण ही उत्पन्न होता है। अन्य शब्दों में, लगान भूमि की मूल अविनाशी शक्तियों के प्रयोग के लिए ही भुगतान है।
(6) प्रत्येक क्षेत्र में एक सीमान्त अथवा लगानहीन भूमि होती है तथा भूमियों (पूर्व सीमान्त भूमियों) पर लगान को मात्रा इसी सीमान्त भूमि से तुलना करके ज्ञात की जाती है।
(7) यह सिद्धान्त दीर्घकाल के सन्दर्भ में लगान के निर्धारण की व्याख्या करता है।
(8) लगान एक भेदात्मक बचत (differential surplus) है जो प्रकृति की कृपणता के कारण उत्पन्न होती है।
(9) लगान एक अनुपार्जित (unearned) आय है।
(10) लगान मूल्य में शामिल नहीं होते क्योंकि वस्तु के मूल्य का निर्धारण सीमान्त भूमि की उत्पादन लागत के द्वारा होता है।
IMPORTANT LINK
- कबीरदास की भक्ति भावना
- कबीर की भाषा की मूल समस्याएँ
- कबीर दास का रहस्यवाद ( कवि के रूप में )
- कबीर के धार्मिक और सामाजिक सुधार सम्बन्धी विचार
- संत कबीर की उलटबांसियां क्या हैं? इसकी विवेचना कैसे करें?
- कबीर की समन्वयवादी विचारधारा पर प्रकाश डालिए।
- कबीर एक समाज सुधारक | kabir ek samaj sudharak in hindi
- पन्त की प्रसिद्ध कविता ‘नौका-विहार’ की विशेषताएँ
- ‘परिवर्तन’ कविता का वैशिष्ट (विशेषताएँ) निरूपित कीजिए।