लगान से आप क्या समझते हैं?
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लगान से आशय (Concept of Rent)
साधारण बोलचाल की भाषा में लगान शब्द का तात्पर्य उस भुगतान से है जो किसी खेत मकान, खान या अन्य मशीन के प्रयोग के बदले में इन वस्तुओं के स्वामियों को दिया जाता है। परन्तु अर्थशास्त्र में लगान शब्द का अलग अर्थ में प्रयोग किया जाता है। अर्थशास्त्र में लगान से तात्पर्य इस प्रकार से है-“राष्ट्रीय आय का वह भाग जोकि भूमि के प्रयोग के बदले भूस्वामियों को दिया जाता है, उसे लगान कहते हैं।” लगान की परिभाषाओं को अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से दो भागों में बाँटा जा सकता है-
(1) प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों की परिभाषाएँ
प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों के अन्तर्गत मुख्य रूप से मार्शल, रिकार्डो, कार्वर तथा सीनियर को सम्मिलित किया जाता है—
रिकार्डों के अनुसार, “लगान भूमि की उपज का वह भाग है जो भूमि के स्वामी को भूमि की मौलिक तथा अविनाशी शक्तियों के प्रयोग के बदल में दिया जाता है।”
कार्वर के अनुसार, “भूमि के प्रयोग के बदले में जो मूल्य उसके स्वामी को दिया जाता है उसे लगान कहते हैं। “
मार्शल के अनुसार, “किसी व्यक्ति को भूमि अथवा प्रकृति के अन्य उपहारों का स्वामी होने के कारण जो आय प्राप्त होती है, उसे लगान कहते हैं।”
सीनियर के अनुसार, “किसी प्रकृतिदत्त साधन के प्रयोग से जो अतिरिक्त उपज प्राप्त होती है वह लगान है।”
(II) आधुनिक अर्थशास्त्रियों की परिभाषाएँ
आधुनिक अर्थशास्त्रियों द्वारा दी गयी लगान की परिभाषाओं में बोल्डिंग तथा श्रीमती जॉन रॉबिन्सन की परिभाषाएँ प्रमुख हैं ।
प्रो० बोल्डिंग के अनुसार, “लगान से आशय साम्य की स्थिति में काम करने वाले किसी उद्योग में साधन, इकाई को वर्तमान व्यवसाय में बनाए रखने के लिए उसके न्यूनतम पूर्ति मूल्य अथवा अवस्था लागत मूल्य पर प्राप्त होता है।”
श्रीमती जॉन रॉबिन्सन के अनुसार, “किसी साधन का लगान, उस साधन में उस बचत को कहा जाता है जो उसे न्यूनतम राशि के अतिरिक्त उपलब्ध होता है, जिसके कारण यह साधन उस व्यवसाय में कार्य करने के लिये आकर्षित होता है। “
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