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विभाव और अनुभाव में अंतर-Anubhav or vibhav main anter
विभाव
1. विभाव, भाव का मात्र कारण होता है।
2. विभाव के तीन पक्ष हैं- आश्रय, आलंब एवं उद्दीपन
3. विभाव कोई व्यक्ति, विषय, प्रसंग हो सकता है।
अनुभाव
1. अनुभाव, भावों का परिवर्तन या चेष्टाएँ हैं।
2. अनुभाव केवल ‘आश्रय’ पर निर्भर होता है।
3. अनुभाव आश्रय की कायिक या सात्विक चेष्टाएँ होती हैं।
उदाहरण- राम का सीता को पहली बार जनक वाटिका में देखना।
यहाँ, आश्रय- राम, आलंबन- सीता, उद्दीपन- प्राकृतिक वातावरण एवं सीता का अलौकिक सौंदर्य।
विभाव के उदाहरण में राम का सीता को देखना, मन-ही-मन पुलकित एवं रोमांचित होना अनुभाव है।
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