व्यावसायिक अर्थशास्त्र / BUSINESS ECONOMICS

व्यावसायिक अर्थशास्त्र विज्ञान है अथवा कला ? Business Economics is a Science or an Art ?

व्यावसायिक अर्थशास्त्र विज्ञान है अथवा कला ? Business Economics is a Science or an Art ?
व्यावसायिक अर्थशास्त्र विज्ञान है अथवा कला ? Business Economics is a Science or an Art ?

व्यावसायिक अर्थशास्त्र विज्ञान है अथवा कला ? Business Economics is a Science or an Art ?

व्यावसायिक अर्थशास्त्र विज्ञान के रूप में (Business Economics As a Science)

इस प्रश्न का निश्चित उत्तर देने से पूर्व हमें यह निश्चित करना होगा कि ‘विज्ञान किसे कहते हैं ?’ सरल शब्दों में, ‘विज्ञान’ से हमारा अभिप्राय ज्ञान के व्यवस्थित रूप से है। अन्य शब्दों में-“विज्ञान ज्ञान का वह क्रमबद्ध अध्ययन है जो कार्य के कारणों एवं परिणामों के मध्य पारस्परिक सम्बन्ध को व्यक्त करता है तथा भविष्य के सम्बन्ध में पूर्वानुमान लगाने में सक्षम होता है।”

(i) यह शास्त्र आर्थिक तथ्यों के कारणों एवं परिणामों के मध्य सुव्यवस्थित रूप से सम्बन्ध स्थापित करता है, (ii) अर्थशास्त्र में अध्ययन की वैज्ञानिक रीति का अनुसरण किया जाता है। अन्य शब्दों में, आर्थिक सिद्धान्तों का निर्माण – अवलोकन (Observation), तर्क (Reasoning) तथा परख (Verification) के आधार पर होता है। (iii) इस शास्त्र में विभिन्न नियम पाए जाते हैं; जैसे—मांग का नियम, उत्पत्ति के विभिन्न नियम आदि, जिनके सार्वभौमिक (Universal) प्रयोग सम्भव हैं। (iv) गणित तथा सांख्यिकी के प्रयोग से आर्थिक घटनाओं की भविष्यवाणी करना सम्भव हो गया है। (v) इसमें आर्थिक परिणामों का व्यवस्थित संग्रह, वर्गीकरण एवं विश्लेषण किया जाता है तथा आर्थिक तथ्यों के मापन हेतु अर्थशास्त्री के पास मुद्रा रूपी पैमाना उपलब्ध है। इस प्रकार, स्पष्ट है कि व्यावसायिक अर्थशास्त्र एक विज्ञान है।

व्यावसायिक अर्थशास्त्र कला के रूप में (Business Economics-As an Art)

किसी कार्य को उत्तम तरीके से करना ही कला है। कला के विषय में प्रो० कीन्स का कहना है कि “कला ज्ञान की वह शाखा है जो निश्चित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ तरीका बताती है।”

व्यावसायिक अर्थशास्त्र एक कला है क्योंकि अर्थशास्त्र अपने निश्चित नियमों के आधार पर व्यावहारिक समस्याओं को हल करने में सक्षम है अर्थात् आर्थिक सिद्धान्तों के आधार पर ही आर्थिक नीतियों का निर्माण होता है जो दिये गये उद्देश्यों को प्राप्त करने का एक साधन मानी जाती है। प्रो० पीग ने कहा है कि जब हम अर्थशास्त्र का अध्ययन करते हैं तो हमारा दृष्टिकोण एक दार्शनिक की भाँति नहीं होता अर्थात् हम ज्ञान की प्राप्ति केवल ज्ञान के लिए नहीं करते बल्कि हमारी मनोवृत्ति एक डॉक्टर की भाँति होती है जो रोगियों की पीड़ा को दूर करने का इच्छुक होता है।

व्यावसायिक अर्थशास्त्र को कला मानने के पक्ष में निम्न तर्क भी दिये जा सकते हैं-

  1. अर्थशास्त्र केवल कारण और परिणाम का सम्बन्ध स्थापित नहीं करता ।
  2. अधिकांश समस्याएँ विशुद्ध रूप से आर्थिक होती हैं।
  3. व्यावसायिक अर्थशास्त्री व्यावहारिक नीति अपना सकते हैं।
  4. व्यावसायिक अर्थशास्त्र के कला होते हुए भी उसका वैज्ञानिक स्वरूप ज्यों का त्यों बना रहता है।

निष्कर्ष – व्यावसायिक अर्थशास्त्र को विज्ञान एवं कला के रूप में देखने से पता चलता है कि यह न केवल विज्ञान अथवा कला है अपितु ‘विज्ञान एवं कला’ दोनों है क्योंकि इसके अन्तर्गत न केवल ‘क्या है ?’ अपितु ‘कैसे होना चाहिए ?’ का भी गहन विश्लेषण किया जाता है।

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Anjali Yadav

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