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सात्विक अनुभाव एवं कायिक अनुभाव में अंतर
सात्विक अनुभाव |
कायिक अनुभाव |
1. वे चेष्टाएँ जो स्वयं उत्पन्न होती हैं। उन पर हमारा नियंत्रण नहीं होता है। | 1. वे चेष्टाएँ जो जान-बूझकर की जाती हैं। ये हमारी इच्छानुसार होती हैं। |
2. उदाहरण- रात के समय किसी जानवर की आवाज़ सुनकर रोंगटे खड़े होना, रंग उड़ना आदि चेष्टाएँ अपने आप होती हैं। | 2. उदाहरण- रात के समय किसी जानवर की आवाज़ सुनकर-कहीं पर छिपने का प्रयास करना, दौड़ना, चिल्लाना, कोई हथियार उठाना, सर्तक होना आदि चेष्टाएँ व्यक्ति द्वारा स्वयं की जाती हैं। |
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