व्यावसायिक अर्थशास्त्र / BUSINESS ECONOMICS

पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत उद्योग के साम्य | Equilibrium of industry in perfect competition in Hindi

पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत उद्योग के साम्य | Equilibrium of industry in perfect competition in Hindi
पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत उद्योग के साम्य | Equilibrium of industry in perfect competition in Hindi

पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत उद्योग के साम्य को समझाइये ।

उद्योग का साम्य (Equilibrium of Industry)

पूर्ण प्रतियोगिता की दशा के अन्तर्गत समरूप वस्तुओं का उत्पादन करने वाली फर्मों का सामूहिक नाम उद्योग है एक उद्योग उस समय सन्तुलन में होगा जबकि उद्योग के आकार में परिवर्तन की कोई प्रवृत्ति नहीं होगी अर्थात जब फर्में इसे छोड़ने की इच्छुक नहीं हैं तथा नयी फर्म इसकी ओर आकर्षित नहीं हो रही हैं।

अल्पालीन सन्तुलन (Short Period Equilibrium)

(i) कुशल फर्म की लागतें नीची व अकुशल की ऊँची होंगी अर्थात उसी कीमत पर कुछ फर्मों असामान्य लाभ, कुछ सामान्य लाभ तथा अन्य हानि उठा सकती हैं।

(ii) सभी फर्मों की लागत रेखाएँ बिल्कुल एक जैसी होंगी कोई भी एक फर्म सभी फर्मों की स्थिति का प्रतिनिधित्व कर सकती है।

दीर्घकालीन सन्तुलन (Long Term Equilibrium of Industry)

(i) अधिक कुशलता वाली फर्मे असामान्य लाभ प्राप्त करेंगी। अन्य फर्मों को केवल सामान्य लाभ प्राप्त होता है।

(ii) सभी फर्मों के लिए Price = AR = MR = AC = MC

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Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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