एकाधिकार से आप क्या समझते हैं ?
एकाधिकार का अर्थ (Meaning of Monopoly)
Monopoly दो शब्दों के योग से बना है अर्थात् Mono जिसका शाब्दिक अर्थ होता है एक तथा poly जिसका अर्थ है विक्रेता इस प्रकार Monopoly का अर्थ हुआ एक विक्रेता अथवा एकाधिकारी। अन्य शब्दों में, एकाधिकार बाजार की वह स्थिति है जिसमें किसी वस्तु का केवल एक ही उत्पादक अथवा विक्रेता होता है। इस विशेषता के आधार पर ही एक उत्पादक अथवा विक्रेता का पूर्ति (Supply) पर पूर्ण नियन्त्रण होता है। प्रो० राबर्ट ट्रिफिन के शब्दों में, “एकाधिकार बाजार की वह स्थिति है जिसमें कोई फर्म दूसरी फर्म के कीमत परिवर्तनों से प्रभावित नहीं होती।” प्रो० चैम्बरलिन के शब्दों में, “पूर्ति पर विक्रेता का नियन्त्रण होना ही एकाधिकारी बाजार की स्थिति के निर्माण के लिए काफी (पर्याप्त) है।” वास्तव में, पूर्ण प्रतियोगिता की भाँति विशुद्ध एकाधिकार (Pure Monopoly) भी एक काल्पनिक स्थिति है। यद्यपि व्यावहारिक जीवन में विशुद्ध एकाधिकारी की स्थिति नहीं के बराबर पाई जाती है तथापि अर्थशास्त्र (आर्थिक विश्लेषण) की दृष्टि से यह एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण धारणा समझी जाती है। सामान्य शब्दों में, विशुद्ध एकाधिकार की स्थिति में निम्नलिखित विशेषताओं का पाया जाना आवश्यक है—
(i) वस्तु का उत्पादन एवं विक्रय केवल एक ही फर्म के द्वारा किया जाना चाहिये,
(ii) एकाधिकारी फर्म की वस्तु की कोई निकट या अच्छी स्थानापन्न ( Substitute) वस्तु नहीं होनी चाहिए:
(iii) उत्पादन के क्षेत्र में अन्य फर्मों के प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगे होने चाहिएँ; एवं
(iv) एकाधिकारी अपनी स्वतन्त्र मूल्य नीति अपनाने में सक्षम होना चाहिए।
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