एक ही व्यवसाय में मजदूरी की भिन्नता के कारण (Reasons of Difference in the Wages in the Same Industry)
एक ही व्यवसाय या एक समान कार्य में लगे श्रमिकों की कभी-कभी मजदूरी भिन्न होती है, इस भिन्नता के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
(1) उत्पादकता में भिन्नता — श्रमिकों द्वारा उत्पादन करने की भिन्नता के कारण भी मजदूरी में भिन्नता होती है। अधिक उत्पादक श्रमिकों की मजदूरी कम उत्पादक श्रमिकों की मजदूरी की अपेक्षा ऊँची होती है। उत्पादकता में यह भिन्नता शिक्षा के अवसरों में भिन्नता तथा श्रमिकों की योग्यता के अन्तर के कारण हो सकती है।
(2) अज्ञानता — श्रमिक की अज्ञानता के कारण भी मजदूरी में अन्तर हो सकता है। कई बार एक स्थान पर काम करने वाले श्रमिकों को यह पता नहीं होता कि दूसरे स्थान पर उसी व्यवसाय में कितनी मजदूरी मिल रही है और वे कम मजदूरी पर कार्य करते रहते हैं।
(3) कुशलता में अन्तर — श्रमिक कुशल और अकुशल दो प्रकार के होते हैं। कुशल श्रमिकों को अकुशल श्रमिकों की तुलना में अधिक मजदूरी मिलना स्वाभाविक ही है। अतः एक ही कार्य में संलग्न कुशल एवं अकुशल श्रमिकों की मजदूरी अलग-अलग होती है।
(4) गतिशीलता का अभाव — श्रमिकों में गतिशीलता के अभाव के कारण भी मजदूरी में भिन्नता होती है, क्योंकि श्रमिक अपने घरेलू स्थान को छोड़कर अन्य स्थानों पर कार्य करने नहीं जाता जिससे एक ही व्यवसाय के विभिन्न कारखानों में समान योग्यता वाले श्रमिकों की मजदूरी में भिन्नता हो जाती है।
(5) अधिक समय कार्य— कुछ श्रमिक दूसरे की अपेक्षा अधिक मजदूरी इसलिए भी प्राप्त कर सकते हैं. क्योंकि वे निश्चित समय से अधिक काम करते हैं और कुछ अतिरिक्त आय प्राप्त कर लेते हैं।
(6) अनुभव — एक व्यवसाय में लगे अनुभवी श्रमिक की मजदूरी सम्भवतया अधिक होती हैं, अपेक्षाकृत उस श्रमिक के जो अभी-अभी व्यवसाय में लगा है। अतः अनुभव के कारण भी मजदूरी में भिन्नता होती है।
(7) श्रम संघ की संगठन शक्ति- जिन व्यवसायों में कार्यरत श्रमिकों की संगठन शक्ति सुदृढ़ है वह अपनी मजदूरी को बढ़ाने में सफल हो जाते हैं, अपेक्षाकृत उन श्रमिकों के जिनकी संगठन शक्ति कमजोर है। इस प्रकार श्रम संघ की शक्ति भी मजदूरी की भिन्नता का कारण होती है।
उपरोक्त विवेचन से स्पष्ट है कि उपरोक्त कारण ही एक प्रकार के व्यवसाय में लगे विभिन्न श्रमिकों की मजदूरी में अन्तर के लिए उत्तरदायी हैं जिसके फलस्वरूप व्यावहारिक जीवन की मजदूरी की एक सामान्य दर का पाया जाना सम्भव नहीं होता है।
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