आत्मकथा और जीवनी में अंतर (Aatmkatha aur Jivani me antar)
नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि आत्मकथा और जीवनी में अंतर Atmkatha Aur Jeevani Me Antar के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको पोस्ट अंत तक जरूर पढ़नी चाहिए।
आत्मकथा | जीवनी |
1. आत्मकथा स्वयं के द्वारा लिखी जाती है। | 1. जीवनी किसी दूसरे के द्वारा लिखी जाती है। |
2. आत्मकथा में लेखक अपनी स्वयं की कथा लिखता है। | 2. जीवनी किसी महापुरुष के जीवन पर आधारित होती है। |
3. आत्मकथा कहीं-कहीं काल्पनिक हो सकती है। | 3. जीवनी सत्य घटना पर आधारित होती है। |
4. आत्मकथा में लेखक स्वयं के गुण-दोषों का वर्णन करता है। | 4. जीवनी में लेखक किसी दूसरे के गुण-दोषों का वर्णन करता है। |
5. आत्मकथा में लेखक स्वयं के विचार व्यक्त करता है। | 5. जीवनी में लेखक स्वयं के विचार व्यक्त नही करता है। |
6. आत्मकथा कथात्मक शैली में लिखी जाती है। | 6. जीवनी वर्णात्मक शैली में लिखी जाती है। |
7. उदाहरण-
मेरी कहानी- नेहरू जी कुछ आप बीती कुछ जग बीती- भारतेंदु हरिश्चंद |
7. उदाहरण-
आवारा मसीहा- विष्णु प्रभाकर कलम का सिपाही- अमृत रॉय |
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