Contents
पुस्तकालय प्रबन्ध पर लेख लिखिए।
पुस्तकालय प्रबन्ध- पुस्तकालय के लाभ को प्राप्त करने के लिए, उसके उद्देश्यों की पूर्ति करने के लिए, उसके उद्देश्यों की पूर्ति हेतु आवश्यक है कि पुस्तकालय का प्रबन्धन उचित ढंग से हो। पुस्तकालय प्रबन्धन में निम्न बिन्दुओं का समावेश होता हैं –
1. स्थान एवं स्थिति-
- विद्यालय में पुस्तकालय हेतु अलग से एक कमरा होना चाहिए।
- पुस्तकालय ऐसी स्थिति में होना चाहिए कि जिससे विद्यार्थियों को वहाँ आने जाने में असुविधा न और कक्षा कार्य में व्यवधान उत्पन्न न हो।
- पुस्तकालय एक शांत कोने में होना चाहिए ताकि वह शोरगुल से मुक्त रहें।
- पुस्तकालय प्रकाश युक्त एवं हवादार चाहिए ताकि छात्र आराम से पढ़ सकें।
- लगभग 40 व्यक्तियों के बैठकर पढ़ने की व्यवस्था होनी चाहिए।
2. साज-सज्जा –
- विद्यालय पुस्तकालय के लिए सभी आवश्यक उपकरण होने चाहिए।
- बैठ कर पढ़ने के लिए पर्याप्त संख्या में कुर्सियों और मेजों की व्यवस्था होनी चाहिए।
- पुस्तकें रखने के लिए पर्याप्त संख्या में बड़ी अलमारियां होनी चाहिए।
- कक्ष में अच्छे शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, साहित्यकारों, राष्ट्रभक्तों, कवियों, कलाकारों, महापुरुषों आदि के चित्र टंगे होने चाहिए।
- पुस्तकों की विषयानुसार व लेखकों के अनुसार वर्गीकरण-सूची बनाना आवश्यक है।
- पत्र-पत्रिकाओं, नए प्रकाशनों के लिए सूचनापट्ट, बुलेटिन बोर्ड होना चाहिए।
- पुस्तकालय अध्यक्ष के लिए अलग स्थान की व्यवस्था होनी चाहिए।
3. पुस्तकों का चयन-
- विद्यालय में पढ़ने वाले बालकों की आयु एवं रूचि को ध्यान में रखककर पुस्तकों का चयन करना चाहिए।
- पुस्तकें सुन्दर व आकर्षक होनी चाहिए।
- सामाजिक दृष्टि से उपयोगी और लोकप्रिय पुस्तकें खरीदनी चाहिए।
- शिक्षकों के लिए आवश्यक संदर्भ पुस्तकें खरीदनी चाहिए ताकि उनका व्यावसायिक उन्नयन हो सकें।
- शिक्षा के क्षेत्र में नवीन प्रगति एवं तकनीकियों के विकास का ज्ञान देने वाली पुस्तकें खरीदनी चाहिए।
- पुस्तकों की बाइण्डिग भली प्रकार होनी चाहिए।
- पुस्तकों का कागज अच्छे स्तर का होना चाहिए।
- पुस्तकालय में रूचिकर पुस्तकें जैसे छोटी कहानियां, उपन्यास, नाटक, कविता संग्रह, लेख संग्रह आदि होने चाहिए।
- पुस्तकों की छपाई स्पष्ट होनी चाहिए।
- पुस्तकों की भाषा शैली अर्थपूर्ण होनी चाहिए। क्लिण्ट भाषा की पुस्तकें नहीं खरीदनी चाहिए।
- मात्रात्मक वृद्धि के स्थान पर गुणात्मक वृद्धि होनी चाहिए अर्थात् पुस्तकों का स्तर उच्च होना चाहिए।
- लेखक प्रसिद्ध व अनुभवी होना चाहिए।
- विद्यालय बजट को ध्यान में रखकर पुस्तकों का चयन करना चाहिए।
- अध्यापक की आवश्यकता व दृष्टिकोण अध्यापक में रखकर पुस्तकों का चयन करना चाहिए।
इस प्रकार पुस्तकों के चयन अनेक बिंदुओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
4. संगठन-
पुस्तकालय में पुस्तकें खुली अलमारियों में रखी जानी चाहिए। इससे छात्र उन्हें आसानी से पढ़ सकते हैं। कुछ संदर्भ सामग्री को अलग रखना चाहिये। पुस्तकें अलमारी में विषयानुसार रखी जानी चाहिए।
5. पुस्तकालय के नियम –
- पुस्तकालय खुलने व बन्द होने का समय निश्चित होना चाहिए।
- प्रत्येक कक्षा के लिए सप्ताह में एक कालांश अवश्य होना चाहिए।
- पुस्तकालय का वातावरण शांत होना चाहिए।
- पुस्तकालय में बैंच, कुर्सी या मेंज पर नहीं लेटना चाहिए।
- पुस्तकालय में खाना खाना या धूम्रपान निषेध होना चाहिए।
- रद्दी कागजों के लिए कचरापात्र होना चाहिए।
- पुस्तकों के पेज मोड़ना, फाड़ना, काटना या उन्हें क्षति पहुँचानी नहीं चाहिए।
- पुस्तकों का पंजीकरण होना चाहिए। विद्यालय कोष से प्राप्त पुस्तकों का पंजीयन रजिस्टर में पंजीकरण करना चाहिए।
- शब्द कोष या अन्य महत्त्वपूर्ण पुस्तकें पुस्तकालय से बाहर नहीं जानी चाहिए।
- स्टॉक चैक करते समय सभी पुस्तकों का होना अनिवार्य है।
- परीक्षाओं से पहले सभी छात्रों से पुस्तकों को वापस मंगवा लेना चाहिए।
- पुस्तकालय कार्ड प्रत्येक विद्यार्थी के पास होना चाहिए।
- गर्मी या सर्दी की छुट्टियों में किराये पर भी किताबें देनी चाहिए।
- छात्रों को पुस्तकें वितरण करने के लिए समय पहले से ही निश्चित होना चाहिए।
- पुस्तक वितरण पंजिका में पुस्तक वितरण करने की दिनांक वाले छात्र का नाम, लौटाने का दिनांक आदि की पूर्ति कर छात्रों को पुस्तक वितरित करनी चाहिए।
6. पुस्तक वितरण एवं वापसी-
पुस्तकालय में शिक्षक एवं छात्रों को पुस्तक प्राप्त करने की सुविधा होनी चाहिये। शिक्षक भी विभिन्न विषयों से सम्बन्धित पुस्तकें प्राप्त करने हेतु स्वतन्त्र होने चाहिए। छात्रों को पुस्तकें लेने व देने की तिथि निश्चित की जानी चाहिए।
पुस्तकालय समय विद्यालय में पुस्तकालय का समय इस प्रकार होना चाहिए। कि छात्रों व शिक्षकों को वहां जाने में सुविधा हो। समय-सारणी में एक कालांश पुस्तकालय के लिए होना चाहिए। साथ ही विद्यालय समय के अतिरिक्त भी पुस्तकालय खुलवाने की व्यवस्था होनी चाहिए।
पत्र-पत्रिकाओं की व्यवस्था पत्र-पत्रिकाओं का चुनाव भी पुस्तकालय समिति के द्वारा किया जाता है। त्रैमासिक, मासिक, वार्षिक, साप्ताहिक पत्र-पत्रिकाएँ तक वितरित नहीं की जाती हैं जब तक अलग पत्रिका प्राप्त न हो जायें। नई पत्रिका प्राप्त होने पर ही पुरानी पत्रिका को वितरित करना चाहिए।
IMPORTANT LINK
- राजनीति विज्ञान के वर्तमान पाठ्यक्रम के गुण एंव दोष
- समावेशी शिक्षा की अवधारणा एवं इसके उद्देश्य | Concept and Objectives of Inclusive Education in Hindi
- अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक | factors affecting learning in Hindi
- सीखने में अभिप्रेरणा का क्या महत्व है? What is the importance of motivation in learning?
- अध्यापक शिक्षा योजना | teacher education scheme in Hindi
- विद्यालय में किस प्रकार के संसाधनों की आवश्यकता होती है और क्यों?
- शिक्षक एवं सामाजिक परिवर्तन | Teachers and Social Change in Hindi
- शिक्षण प्रक्रिया में अध्यापक के महत्त्व | अध्यापक प्रशिक्षण की आवश्यकता | अध्यापक की जवाबदेहिता का क्षेत्र
- स्कूल और प्रौढ़ शिक्षा में आई.सी.टी. पद्धतियों के संवर्द्धन
- शिक्षण व्यवसाय संबंधी आचार संहिता | Code of Conduct for Teaching Profession in Hindi
- अध्यापक आचार संहिता के लक्षण | Characteristics of teacher code of conduct in Hindi
- अध्यापक शिक्षा का उद्देश्य | Objective of teacher education in Hindi
- एक अच्छे अध्यापक के ज्ञानात्मक, भावात्मक एवं क्रियात्मक गुण
- अध्यापक शिक्षा से सम्बन्धित समस्याएँ | problems related to teacher education in Hindi
- अध्यापक की व्यवसायिक अथवा वृतिक प्रतिबद्धता
- शिक्षकों की विभिन्न भूमिकाओं तथा तथा जिम्मेदारियों का वर्णन कीजिए।
- अध्यापक द्वारा जवाबदेही के स्वमूल्यांकन हेतु किन तथ्यों को जाँचा जाना चाहिए।
- विद्यालयी शिक्षा में जवाबदेही से क्या अभिप्राय है यह कितने प्रकार की होती है?
- व्यवसाय के आवश्यक लक्षण | Essential Characteristics of Business in Hindi
- अध्यापक के व्यवसायिक गुण | professional qualities of a teacher in Hindi
- शिक्षकों की जवाबदेही किन तत्त्वों के सन्दर्भ में की जानी चाहिए।
- राजनीति विज्ञान अध्यापक के व्यक्तित्व से सम्बन्धित गुण
- शिक्षा के क्षेत्र में स्वैच्छिक एजेन्सियों (NGOs) की भूमिका
- राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् के संगठनात्मक ढाँचे
- इंटरनेट तथा ई-मेल क्या है?
- राजनीति विज्ञान में पठन-पाठन सामग्री का विकास करते समय किन गुणों का ध्यान रखा जाना चाहिए?
- कम्प्यूटर पर टिप्पणी लिखियें।
- स्लाइड प्रोजेक्टर की संरचना में कितने भाग होते है?
- शिक्षा यात्रा से आप क्या समझते है?
Disclaimer