नवाचार की बाधाओं का वर्णन करते हुए उन्हें दूर करने के उपाय बताइये।
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नवाचार की बाधाएँ
नवाचार की निम्न बाधाएँ हैं-
1. असफलता का भय ( Fear of Failure)- मनुष्य अपना प्रत्येक कार्य किसी सफलता की आशा से करता है। यदि उसे आशा होती है कि किसी नवीन विचार के माध्यम से उसे भविष्य में सफलता प्राप्त होगी तो वह उस विचार को अपने मस्तिष्क में लाता है परन्तु यदि किसी नवीन विचार या कार्य के माध्यम से भविष्य में असफलता का भय होता है तो उस नवीन विचार से वह विरत हो जाता है। यह असफलता का भय नवाचार के मार्ग में बाधा उत्पन्न करते हैं।
2. आत्मविश्वास का अभाव (Lack of Self Confidence)- प्रायः मनुष्य में इतनी योग्यता या क्षमता नहीं होती है कि वह कोई नवीन विचार अपने मस्तिष्क में ला सके। अपनी इस आत्मविश्वास की कमी के कारण भी वह नवाचारों का प्रयोग करने में असमर्थ रहता है।
3. उचित संगठन का अभाव (Lack of Proper Organization)- किसी भी नवाचार का विकास करने के लिये उचित संगठन की आवश्यकता होती है। उचित, संगठन के अभाव में नवाचार के मार्ग में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
4. समय का अभाव (Lack of Time)- विसी भी नवाचार के व्यावहारिक जीवन में प्रयोग करने के लिये पर्याप्त समय की आवश्यकता होती है। जब तक किसी व्यक्ति के पास पर्याप्त समय नहीं होगा तब तक कोई नवीन विचार उसके मस्तिष्क में उत्पन्न नहीं होगा। नवीन विचार के उत्पन्न न होने से वह नवीन कार्यों को करने में असमर्थ होगा। अतः नवाचार के मार्ग में सबसे बड़ी कठिनाई समय का अभाव होना है।
5. व्यक्तित्व सम्बन्धी बाधायें (Problems Related to Personality )- व्यक्तित्व मन और शरीर का गत्यात्मक संगठन होता है। इसमें व्यक्ति की आदतें,। मनोवृत्तियाँ, रुचि, नैतिकता क्षमता इत्यादि निहित होती हैं। इसी के आधार पर व्यक्ति अपने वातावरण एवं नवाचारों से अन्तः क्रिया द्वारा समायोजन स्थापित करता है। अतः व्यक्तित्व का अपर्ण विकास भी नवाचार के लिये बाधा उत्पन्न कर सकता है।
6. अज्ञान जनित बाधायें – अज्ञान जनित बाधायें निरक्षरता व अन्धविश्वास पर आधारित होती हैं। इसमें किसी नवाचार के बारे में पूर्ण रूपेण जानकारी न होना मित्रमण्डली चारों को महत्व न देना भिन्न जानकारी के नवाचारों का विरोध करना इत्यादि बातें निहित होती है।
नवाचार की बाधाओं को दूर करने के उपाय
नवाचार के मार्ग में आने वाली बाधाओं को निम्न उपायों द्वारा दूर किया जा सकता है-
1. नवाचार को सफल बनाने के लिये से ऐसे परिवेश का निर्माण करना होगा, जिसमें व्यक्ति की आदतों में वांछित परिवर्तन लाया जा सके।
2. नैतिकता की बाधा को दूर करने के लिये ग्रहणकर्ता के मन में नवाचार के प्रति विश्वास जागृत करना होंगी।
3. असुरक्षा की भावना के उन्मूलन के लिये अधिकारियों द्वारा ग्रहणकर्ता को संरक्षण दिया जाय जिससे उसका हौसला बढ़े।
4. असफलता की भावना को दूर करने के लिये यह आवश्यक है कि नवाचार के प्रयोग में सुखद अनुभव कराया जाये जिसे ग्रहणकर्ता को यह अनुभूति कराई जा सके कि वह इस कार्य में अवश्य सफल होगा।
5. सामाजिक भय को दूर करने के लिये यह आवश्यक है कि अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को इस स्थिति में उसके सामने ऐसे व्यक्तियों के उदाहरण प्रस्तुत करने होंगे जिन्होंने समाज की अनुचित परम्पराओं का उल्लंघन करके सफलतापूर्वक नवाचार को अपनाया है।
6. नवाचार के प्रति अज्ञानता को दूर करने के लिये आवश्यक है कि ग्रहणकर्ता को नवाचार की पूर्ण जानकारी दी जाये जिससे उसकी नवाचार के प्रति भ्रान्ति दूर हो सके।
अतः निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि नवाचार की आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिये मानव संसाधनों के साथ-साथ व्यक्तित्व सम्बन्धी व सामाजिक भ्रान्तियों को दूर करना अति आवश्यक है. तभी नवाचार को सफलता मिल सकती है।
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