शिक्षण, अनुदेशन, अनुबन्धन एवं प्रशिक्षण में अन्तर की विवेचना कीजिए।
शिक्षण (Teaching) – शिक्षण एक व्यवस्थित क्रियाओं का ऐसा समन्वय हैं जिसके अन्तर्गत शिक्षक एक योजनाबद्ध तरीके से छात्रों से पारस्परिक क्रियाओं द्वारा उनके ज्ञान एवं व्यवहार में परिवर्तन लाता है तथा निर्धारित लक्ष्यों के प्राप्ति में सफलता का प्रयास करता है। यह एक त्रिध्रुवी प्रक्रिया है जिसे इस चित्र के द्वारा स्पष्ट कर सकते हैं।
- शिक्षक के उद्देश्य
- सीखने के अनुभव
- व्यवहार परिवर्तन
अनुदेशन (Instruction)- अनुदेशन का सामान्य अर्थ है ‘निर्देश देना’ या सूचना प्रदान करता। कक्षा शिक्षण के मध्य शिक्षक छात्रों को विभिन्न प्रकार के निर्देश देकर तथा ज्ञानात्मक सूचनाएँ प्रदान करता है। जिसे हम अनुदेशन के अन्तर्गत रख सकते हैं। अनुदेशन केवल छात्रों के ज्ञान को स्मृति स्तर तक ही प्रभावित करता है, उनके व्यवहार में परिवर्तन नहीं लाता है यह ज्ञानात्मक पक्ष पर ही ध्यान देता है। अनुदेशन में शिक्षण सामग्री को अधिक महत्त्व दिया जाता है तथा इसमें शिक्षक अधिक क्रियाशील रहता है। यह एक संकुचित प्रत्यय है तथा शिक्षण प्रक्रिया का एक अंग मात्र है।
अनुबन्धन (Conditioning)- अनुबन्धन शब्द मनोविज्ञान से आया हुआ शब्द है जिसमें उद्दीपक (S) तथा अनुक्रिया (R) के मध्य सम्बन्ध के बारे में बात की जाती है। शिक्षा में अनुबन्धन का प्रयोग उस समय किया जाता है जब हम किसी सम्प्रत्यय के अभ्यास कार्य को अधिक महत्त्व देते हैं। वास्तव में अनुबन्धन का प्रयोग सर्वप्रथम जानवरों पर किए गए परीक्षण में हुआ जिसमें उन्हें एक उद्दीपक देने पर वह उस पर अनुक्रिया करते हैं।
प्रशिक्षण (Training)- प्रशिक्षण द्वारा व्यक्ति को किसी कार्य विशेष में दक्ष बनाया जाता है। इसमें प्रायः मांसपेशियों के कौशल के विकास पर बल दिया जाता है। प्रायः प्रशिक्षण का निश्चित लक्ष्य होता है जिसके अन्तर्गत व्यक्ति की क्षमताओं, उत्पादकता तथा प्रदर्शन (किसी कार्य को शीघ्रताके साथ करने की क्षमता) में वृद्धि करना है।
शिक्षण, अनुदेशन, अनुबन्धन एवं प्रशिक्षण में अन्तर (Difference among Teaching, Instruction, Conditioning and Training)
शिक्षण | अनुदेशन | अनुबन्धन | प्रशिक्षण |
शिक्षण का प्रत्यय व्यापक है। | प्रत्यय अनुदेशन शिक्षण नहीं है, यह एक संकुचित प्रत्यय है इसमें अधिगम होता है। | अनुबन्धन का सम्बन्ध आदतों के विकास से है। यह शिक्षण का एक अंग है। यह अधिगम का एक प्रभावी तरीका है। | प्रशिक्षण शिक्षण का एक अंग मात्र है। |
शिक्षण से व्यवहार के तीनों पक्षों में परिवर्तन लाया जाता है। (ज्ञानात्मक, भावात्मक तथा क्रियात्मक) | अनुदेशन से मात्र ज्ञानात्मक पक्ष में परिवर्तन लाया जाता है। | प्रशिक्षण में मांसपेशियों के विकास पर बल दिया जाता है। | |
शिक्षण औपचारिक व अनौपचारिक दोनों रूपों में होता है। | अनुदेशन प्रायः कक्षाकक्ष या औपचारिक कक्षा में ही सम्भव हो पाता है। | प्रशिक्षण प्रायः किसी न-किसी व्यवसायिक क्रिया के लिए आधारभूत कौशल है। यह अपने व्यवसाय या उद्यम में बने रहने या उन्नति प्राप्त करने के लिए भी आवश्यक है। |
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