B.Ed Notes

शिक्षण के स्तर से आपका क्या अभिप्राय है ? स्मृति स्तर के शिक्षण की प्रमुख विशेषताएँ

शिक्षण के स्तर से आपका क्या अभिप्राय है ? स्मृति स्तर के शिक्षण की प्रमुख विशेषताएँ
शिक्षण के स्तर से आपका क्या अभिप्राय है ? स्मृति स्तर के शिक्षण की प्रमुख विशेषताएँ

शिक्षण के स्तर से आपका क्या अभिप्राय है ? शिक्षण के विभिन्न स्तरों की विवेचना कीजिए। 

शिक्षण के स्तर (Levels of Teaching)

शिक्षण एक जटिल प्रक्रिया है जो किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए की जाती है। सामान्यतः इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में वांछित परिवर्तन उत्पन्न करना है। व्यवहार परिवर्तन के लिए शिक्षण की प्रक्रिया में विद्यार्थियों को अधिगम-अनुभव दिये जाते हैं। अधिगम-अनुभव साधारणतया किसी पाठ्यवस्तु या प्रकरण से सम्बन्धित होते हैं। एक ही पाठ्यवस्तु को विद्यालय में विभिन्न स्तरों पर पढ़ाया जाता है क्योंकि पाठ्यवस्तु का अपना एक स्वरूप होता है जिससे शिक्षण के विभिन्न उद्देश्यों की प्राप्ति की जाती है। इस प्रकार अधिगम के विभिन्न स्तरों को प्रभावित किया जाता है। यह ध्यान देने की बात है कि किसी भी पाठ्यवस्तु को शिक्षक ‘विचारहीन’ (Thoughtless) स्थिति से लेकर ‘विचारपूर्ण’ (Thoughtful) स्थिति तक विस्तृत कर सकता है अर्थात् शिक्षण के ज्ञान उद्देश्य से मूल्यांकन तक की प्राप्ति की जाती है।

अतः “शिक्षण-अधिगम की परिस्थितियों को एक सातत्य (Continum) के रूप में विचारहीन से लेकर विचारपूर्ण क्रियाओं की अवस्थाओं या स्तरों में विभाजित किया जा सकता है।” उदाहरण के लिए हिन्दी में सूरदास के पद प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च स्तर तक पढ़ाये जाते हैं, हर स्तर पर उद्देश्य भिन्न-भिन्न होते हैं। किसी स्तर पर कंठस्थ करने पर, किसी स्तर पर समझने पर और किसी स्तर पर सूक्ष्म रूप से विचार करने पर बल दिया जाता है। बिग्गी (Bigge) ने शिक्षण-अधिगम की परिस्थितियों को निम्नलिखित तीन स्तरों में विभाजित किया है-

  1. स्मृति स्तर (Memory Level)
  2. अवबोध-स्तर (Understanding Level)
  3. परावर्तन-स्तर (Reflective Level)

1. स्मृति-स्तर (Memory Level)- यह शिक्षण के स्तर की प्रथम अवस्था है। स्मृति-स्तर विचारहीन प्रक्रिया होती है। इसमें तथ्यों तथा सूचनाओं को याद करना मुख्य लक्ष्य होता है। इस स्तर पर अध्यापक का उद्देश्य छात्रों की स्मृति का विकास करना होता है। वह स्मृति के आवश्यक तत्त्वों-अधिगम (Learning), धारण (Retention), प्रत्यास्मरण (Recall) और अभिज्ञान (Recognition) के विकास के लिए विभिन्न रीतियों का प्रयोग करता है।

स्मृति स्तर के शिक्षण की प्रमुख विशेषताएँ (Essential Features of Memory Level Teaching)

  1. स्मृति स्तर का शिक्षण विचारहीन होता है।
  2. स्मृति स्तर के शिक्षण में शिक्षक का स्थान प्रमुख होता है और छात्रों का गौण।
  3. इसमें छात्र बिना समझे या विचार किये तथ्यों या सूचनाओं को रट लेते हैं।
  4. शिक्षक तथा छात्रों के बीच किसी प्रकार की सार्थक अन्तःक्रिया नहीं होती है।
  5. स्मृति स्तर के शिक्षा में बौद्धिक क्रियाओं का अभाव रहता है।
  6. स्मृति स्तर के शिक्षण में कार्य करने या सोचने की स्वतंन्त्रता नहीं, छात्र केवल शिक्षक के निर्देशों का पालन करते हैं।
  7. कक्षा का वातावरण नीरस रहता है।
  8. इस प्रकार के शिक्षण में व्याख्यान, प्रदर्शन व पुस्तक पाठन विधियों का प्रयोग किया जाता है।
  9. कम समय में अधिक ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

2. अवबोध-स्तर (Understanding Level)- अवबोध-स्तर का शिक्षण स्मृति के शिक्षण से आगे की अवस्था है। इस स्तर के शिक्षण के लिए आवश्यक है कि पहले स्मृति स्तर का शिक्षण हो चुका हो। इसमें विद्यार्थी को पृथक्-पृथक् तथ्यों एवं उनके सामान्यीकृत स्वरूप के मध्य सम्बन्ध देखने के प्रति उत्प्रेरित किया जाता है। दूसरे शब्दों में, इसमें स्मृति तथा अन्तर्दृष्टि (Insight) दोनों सम्मिलित होती है। बोध स्तर का शिक्षण करते समय शिक्षक तथा विद्यार्थी दोनों ही पाठ के विकास में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।

अवबोध स्तर शिक्षण की प्रमुख विशेषताएँ (Essential Features of Understanding Level Teaching)

अवबोध स्तर के शिक्षण की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

  1. इस प्रकार का शिक्षण विचारयुक्त होता है।
  2. यह शिक्षण बोध या समझ पर आधारित / केन्द्रित होता हैं।
  3. इस प्रकार के शिक्षण में व्याख्या करना, बुद्धि युक्त व्यवहार करना, प्रत्यास्मरण करना तथा पहचानना आदि व्यवहार सम्मिलित होते हैं।
  4. कक्षा कक्ष में अन्तःक्रिया द्वारा छात्रों को प्रत्यय का बोध कराया जाता हैं।
  5. यह शिक्षण छात्रों में सामान्यीकरण, समस्याओं के समाधान या सूझबूझ से निर्णय लेने की क्षमता विकसित करता है।
  6. इस प्रकार के शिक्षण में शिक्षक प्रायः आगमन-निगमन विधि या विश्लेषण-संश्लेषण विधि का प्रयोग करता है।
  7. बोध स्तर के द्वारा प्राप्त ज्ञान अधिक प्रभावपूर्ण एवं स्थायी होता है।
  8. बोध स्तर में शिक्षक पाठ्यवस्तु का विश्लेषण कर उसके तत्त्वों को तर्कपूर्ण व मनोवैज्ञानिक ढंग से व्यवस्थित करके प्रस्तुत करता है।
  9. इसमें छात्र पुस्तकालय, प्रयोगशाला, पर्यटन व इंटरनेट या अन्य स्रोतों द्वारा आँकड़े एकत्रित करता है। अतः वह अधिक सक्रिय रहता है।

3. परावर्तन स्तर (Reflective Level)- शिक्षण का तीसरा और अन्तिम स्तर परावर्तन स्तर है। यह प्रथम दो स्तरों से अधिक महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसमें स्मृति तथा अवबोध दोनों सम्मिलित होते हैं। परावर्तन-स्तर पर समस्या केन्द्रीय अनुदेशन सम्पन्न होती है। इस स्तर की शिक्षण परिस्थिति में विद्यार्थी पूर्ण तन्मयता के साथ एकजुट होकर किसी समस्या के समाधान हेतु लग जाते हैं। वे परम्परागत ढंग से न सोचकर कल्पनात्मक एवं सर्जनात्मक चिन्तन का सहारा लेते हुए विविध परिस्थितियों का सम्यक् अन्वेषण करने एवं उनके विद्यमान समस्याओं का हल प्राप्त करने के प्रति अग्रसर होते हैं।

परावर्तन-स्तर के शिक्षण की विशेषताएँ (Characteristics of Reflective Level Teaching)

परावर्तन-स्तर के शिक्षण की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-

1. परावर्तन-स्तर का शिक्षण सर्वोच्च स्तर का होता है और पूर्णतः विचारपूर्ण है।

2. परावर्तन-स्तर पर शिक्षण समस्या केन्द्रित होता है।

3. इस स्तर पर छात्रों में जिज्ञासा, रुचि, अन्वेषण और अध्यवसाय विकसित होता है, जिसके द्वारा वे समस्याओं का वैज्ञानिक समाधान ढूँढ़ पाने में सफल होते हैं।

4. परावर्तन-स्तर के शिक्षण में सामूहिक वाद-विवाद ही शिक्षण की प्रभावशाली व्यूह रचना (Steratgy) मानी जाती है।

5. इस स्तर के शिक्षण में छात्र की आयु तथा परिपक्वता का अधिक महत्त्व होता है। उच्च कक्षाओं के स्तर पर यह शिक्षण अधिक उपयोगी है।

6. बिग्गी महोदय के अनुसार “परावर्तन-स्तर का अध्ययन कक्षा में सजीव, उत्तेजक, प्रेरणादायी, सक्रिय समालोचनात्मक तथा संवेदनशील वातावरण को जन्म देती है जो नवीन और मौलिक चिन्तन को प्रोत्साहित करता है।”

7. इस स्तर के शिक्षण में छात्र तथा शिक्षकों के सम्बन्ध निकट के होते हैं। छात्र शिक्षक की आलोचना भी कर सकते हैं।

8. इस स्तर के शिक्षण को पाठ्यक्रम, पाठ्यवस्तु तथा पाठ्यपुस्तकों तक ही सीमित नहीं रखा जाता है बल्कि पाठ्यक्रम सहगामी क्रियाओं को भी महत्त्व दिया जाता है।

IMPORTANT LINK

Disclaimer

Disclaimer: Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com

About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment