सर्वशिक्षा अभियान से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताओं और उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
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सर्वशिक्षा अभियान का अर्थ
भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नौवी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत सार्वभौमिक अनिवार्य शिक्षा के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सर्वशिक्षा अभियान चलाया। इस अभियान में राज्यों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। इसमें समयबद्ध एकीकृत कार्यक्रम की योजना बनाई जाती हैं। इसी सर्वशिक्षा अभियान का उद्देश्य 2010 ई. तक 6-14 वर्ष आयु के सभी बालक एवं बालिकाओं को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने की हैं सर्वशिक्षा अभियान का प्रमुख उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा को गुणवत्ता पर आधारित करके समुदाय केन्द्रित बनाया हैं।
सर्वशिक्षा अभियान की विशेषताएँ
सर्वशिक्षा अभियान के तहत प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नवम्बर, 2000 ई. में एक राष्ट्रीय मिशन का गठन किया गया। इस राष्ट्रीय मिशन के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री को उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया। सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत बाल विकास विभाग, स्वास्थ मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, खेल मंत्रालय, एवं विकास विभाग आदि के कार्यक्रमों को शामिल किया जाता हैं। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद से भारत मे साक्षरता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई हैं। वर्ष 2001 की जनगणना के परिणाम इस बात की पुष्टि करते है 1951 में साक्षरतों की दर 18.33% थी जो 2001 मे बढ़कर 64.84% हो गई। लेकिन अभी हमारे राष्ट्र की पिछड़ेपन का सबसे बड़ा और महत्त्वपूर्ण कारण निरक्षता ही हैं। साक्षरता दर में हम दुनिया में बहुत पिछड़े हुए हैं। पुरुषों में साक्षर 60% हैं तो महिलाओं में मात्र 50% साक्षर हैं।
बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश आदि राज्यों में आधे से ज्यादा महिलायें आज भी अनपढ़ हैं। आदिवासी इलाको और दूरदराज और दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों में 70% औरतें आज भी निरक्षर हैं। देश का प्रत्येक वासी अक्षर ज्ञान के साथ-साथ रचनात्मक अभियानों में बढ़-चढ़कर भाग ले तभी हम उस व्यक्ति या महिला को पूर्ण साक्षर कर सकते हैं। इन्हों बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा चलाये जा रहे आठ प्रमुख कार्यक्रमों में एक कार्यक्रम सर्व शिक्षा अभियान को शामिल किया गया हैं।
सर्व शिक्षा अभियान द्वारा समेतिक बाल विकास योजना के साथ आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ओर स्वास्थ कर्मियों को प्रशिक्षण देकर संयुक्त रूप से स्कूल-पूर्व समझदारी और समेतिक बाल विकास योजना के बारे में जानकारी प्रदान करके स्कूल पूर्व शिक्षा को बढ़ावा दिया जाता हैं।
सर्व शिक्षा अभियान प्रारम्भिक शिक्षा को सामुदायिक स्वामित्व वाली स्कूल प्रणाली के साथ सर्वव्यापी बनाने का एक प्रयास हैं। यह राष्ट्रीय स्तर का एक प्रमुख अभियान हैं। इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन हेतु बनाई गई संरचना में केन्द्र सरकार और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मध्य निधियों की भागीदारी के लिए 9वीं योजना के दौरान 85:15, 10वीं योजना के दौरान 72:25 और तत्पश्चात 50:50 के अनुपात का प्रावधान किया गया हैं। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 6 से 14 वर्ष की आयु समूह के सभी बच्चों को प्राथमिक स्तर की शिक्षा उपलब्ध कराना हैं। इस अभियान में सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया हैं।
सर्वशिक्षा अभियान के उद्देश्य अथवा लक्ष्य
सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से ऐसी बस्तियों में स्कूल खोलने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं, जहाँ स्कूल नहीं हैं । स्कूल न जाने वाले को शिक्षा देने और लड़कियों तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा कठोर परिस्थितियों में रहने बच्चों के लिए शिक्षा उपलब्ध कराई जा रहीं हैं। सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्य (उद्देश्य) इस प्रकार हैं-
- वर्ष 2005 तक सभी बच्चों का स्कूलों, शिक्षा गारण्टी केन्द्र, वैकल्पिक विद्यालयों में दाखिला ।
- वर्ष 2007 तक सभी प्रकार की सामाजिक भेदभाव को दूर करना और 2010 तक प्राथमिक स्तर की शिक्षा उपलब्ध कराना।
- वर्ष 2010 तक सभी बच्चों को स्कूल में शिक्षा जारी रखने के लिए बनाये गये लक्ष्य प्राप्त करना।
- जीवन के लिए शिक्षा पर विशेष जोर देने के साथ-साथ बेहतर स्तर की प्राथमिक स्तर की शिक्षा पर विशेष ध्यान ।
- नये स्कूल खोलना व उनके लिए अध्ययन अध्यापन उपकरण उपलब्ध कराना।
- स्कूल बाह्य बच्चों के लिए वैकल्पिक शिक्षा की सुविधा।
- 2000 रूपये वार्षिक दर से स्कूल अनुदान और स्कूल अनुरक्षण अनुदान 5000रू. प्रतिवर्ष की दर से।
- 500 रूपये प्रति शिक्षक प्रति वर्ष की दर से शिक्षक अनुदान और शिक्षकों का सेवाकालीन प्रशिक्षण |
- स्कूल भवन, शिक्षण कक्ष, पीने का पानी और प्रसाधन कक्ष की सुविधायें उपलब्ध कराना।
- विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा |
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए जीवन शिक्षण विधियों की व्यवस्था कराना।
- लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना।
- खण्ड और बस्ती स्तर पर शैक्षणिक संसाधन केन्द्रों का विकेन्द्रीकरण ।
- सामुदायिक भागीदारी और प्रशिक्षण |
- अनुवीक्षण, मूल्यांकन और अनुसंधान की व्यवस्था ।
- सभी बच्चों को सन् 2003 तक स्कूल में रहना।
- वे सभी बच्चे जिन्होंने 5 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हैं, उन्हें सन् 2007 तक प्राथमिक शिक्षा पूर्ण कर लेनी हैं।
- सन् 2007 तक प्राथमिक स्तर पर और सन् 2010 तक उच्च स्तर पर लिंग और सामाजिक असमानता जैसी कमियों को दूर कर देना ।
सर्वशिक्षा अभियान के कार्य
इस अभियान के प्रमुख कार्य-
- जहाँ पर विद्यालय की व्यवस्था नहीं है वहाँ विद्यालय की स्थापना करना ।
- जिस विद्यालय में अध्यापक नहीं है वहाँ अध्यापकों की व्यवस्था करना ।
- शिक्षकों के उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।
- बालिकाओं एवं कमजोर वर्ग के बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था करना ।
- शिक्षा सामग्रियों जैसे-पुस्तकों आदि के लिए अनुदान की व्यवस्था करना।
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