अभिक्रमित अध्ययन (Programmed learning) का अर्थ व परिभाषा लिखते उसकी विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
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अभिक्रमित अध्ययन : अर्थ (PROGRAMMED LEARNING: MEANING)
सर्वप्रथम अभिक्रमित अध्ययन के अर्थ और स्वरूप के सम्बन्ध को जानना जरूरी है। विद्वानों के कथन इस प्रकार हैं-
(1) सूसन मार्कले का कथन है कि- “अभिक्रमित अध्ययन शिक्षण की प्रक्रियाओं को फिर से प्रस्तुत करने के लिए तारतम्ययुक्त संरचना बनाने की एक प्रणाली है जिसकी सहायता से प्रत्येक विद्यार्थी में एक मानवीय व्यावहारिक पिरितर्वन किया जा सकता है।
(2) छनहिल ने कहा है कि- “अभिक्रमित अध्ययन, शिक्षा का माध्यम न होकर शिक्षा की विधि है। प्रत्येक छात्र अपना अध्ययन उस बात से प्रारम्भ करता है जो उसे ज्ञात होती है। वह अपनी सर्वोत्तम गति से निर्धारित लक्ष्य की ओर बढ़ता है।”
(3) फ्रेड स्टोफेल ने लिखा है कि- “ज्ञान के लघु अंशों को एक तार्किक क्रम में व्यवस्थित करने के ‘अभिक्रम’ तथा इसकी सम्पूर्ण प्रक्रिया को अभिक्रमित अध्ययन कह सकते हैं।”
(4) ड्यूमास और बेकनर ने एक स्थान पर कहा है कि- “अभिक्रमित शिक्षण का आधारभूत तत्त्व है-अभिक्रम। इसमें विषय-वस्तु छोटे और क्रमबद्ध पदों में प्रस्तुत की जाती है। “
अभिक्रमित अध्ययन (अनुदेशन) की विशेषताएँ (Characteristics of Programmed Studies)
अभिक्रमित अध्ययन की विशेषताएँ निम्न हैं-
- प्रत्येक विद्यार्थी को अपनी-अपनी गति से पाठ्यक्रम को सीखने का अवसर रहता है।
- इसके प्रत्येक पद पर पाठ्य-वस्तु के लघु अंश रखे जा सकते हैं।
- अभिक्रम के प्रत्येक पद का सम्बन्ध आगे आने वाले पद के साथ रहता है।
- शिक्षण प्राप्त करने वाले को निरन्तर अनुक्रिया करनी पड़ती है तथा इसका पूरा-पूरा लेखा-जोखा रखा जाता है।
- अभिक्रमित अध्ययन में शिक्षण सामग्री का नियोजन इस प्रकार रहता है कि छात्र छोटे-छोटे पदों द्वारा वांछित उद्देश्य पर कम-से-कम त्रुटियाँ करके पहुँच जाता है।
- अभिक्रमित अध्ययन में एक समय में एक ही विद्यार्थी शिक्षण प्राप्त कर सकता है।
- इसमें शिक्षण सामग्री को क्रमबद्ध रीति से छोटे-छोटे भागों में इस प्रकार से प्रस्तुत किया जाता है कि जब तक हर एक दिये जाने वाले उत्तेजके के प्रति ठीक-ठीक प्रतिक्रिया नहीं कर लेता, वह आगे नहीं जा सकता है।
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