HOME SCIENCE

किशोरावस्था में आत्मिक पहचान या व्यक्तित्व की परिभाषा

किशोरावस्था में आत्मिक पहचान या व्यक्तित्व की परिभाषा
किशोरावस्था में आत्मिक पहचान या व्यक्तित्व की परिभाषा

किशोरावस्था में आत्मिक पहचान या व्यक्तित्व की परिभाषा

व्यक्तित्व को विभिन्न विद्वानों ने निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया है-

( 1 ) म्यूरहेड के अनुसार, “व्यक्तित्व में सम्पूर्ण व्यक्ति का समावेश होता है। व्यक्तित्व व्यक्ति के गठन, रुचि के प्रकारों, अभिवृत्तियों, व्यवहार क्षमताओं, योग्यताओं और प्रवीणताओं का सबसे निराला संगठन है।”

(2) मन के शब्दों में, “व्यक्तित्व एक व्यक्ति के संगठन, व्यवहार के तरीकों, रुचियों, दृष्टिकोणों, क्षमताओं और तरीकों का सबसे विशिष्ट संगठन है।”

( 3 ) बीसन्ज और बीसन्ज के अनुसार, “व्यक्तित्व मनुष्य की आदतों, दृष्टिकोणों और लक्षणों का संगठन है और प्राणीशास्त्रीय, सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारकों के संयुक्त कार्य से उत्पन्न होता है।”

(4) मार्टन प्रिंन्स के अनुसार, “व्यक्तित्व व्यक्ति के समस्त जन्मजात संस्थानों, आवेगों, प्रवृत्तियों, झुकावों एवं मूलप्रवृत्तियों और अनुभव के द्वारा अर्जित संस्कारों एवं प्रवृत्तियों का योग है।”

(5) आलपोर्ट के अनुसार, “व्यक्तित्व व्यक्ति के मनःशारीरिक तन्त्र का वह गत्यात्मक संगठन है जो उसके वातावरण से अपूर्व अभियोजन को निर्धारित करता है। “

उपर्युक्त परिभाषाओं के द्वारा यह स्पष्ट होता है कि व्यक्ति से विभिन्न शारीरिक एवं मानसिक योग्यताओं का सुव्यवस्थित समन्वय होता है। किन्तु सभी परिभाषाओं में आलपोर्ट की परिभाषा को सबसे अधिक मान्य बताया गया है। क्योंकि उनकी परिभाषा संक्षिप्त होते हुए भी व्यक्तित्व के जटिलतम एवं विस्तृत पहलुओं को स्पष्ट करती है।

व्यक्तित्व के गुण अथवा कारक

जैसाकि उपर्युक्त परिभाषाओं से स्पष्ट होता है। कि व्यक्तित्व व्यक्ति के समस्त गुणों का गत्यात्मक संगठन है। अतः वे समस्त गुण कौन-कौन से हैं जिनसे व्यक्तित्व का निर्माण होता है। वे गुण अथवा तत्त्व निम्नलिखित हैं-

(1 ) शारीरिक गुण- शारीरिक गुणों के अन्तर्गत व्यक्ति के शरीर की लम्बाई, चौड़ाई, वजन, गठन, आवाज, चेहरे की अभिव्यक्तियाँ, रंग, पोशाक आदि बातें सम्मिलित होती हैं। इन समस्त शारीरिक गुणों अथवा तत्त्वों का व्यक्तित्व पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। प्रायः जिन व्यक्तियों में उच्चकोटि के शारीरिक गुण पाये जाते हैं, वे समाज को अपने व्यक्तित्व से प्रभावित करने में शीघ्र सफल हो जाते हैं।

(2) मानसिक गुण- मनोवैज्ञानिकों ने मन को 3 भागों में विभाजित किया है- ज्ञान, इच्छा एवं क्रिया । ज्ञान का स्वरूप बुद्धि है, इच्छा बढ़कर उद्वेग बन जाती है, इसी उद्वेग से स्वभाव निर्मित होता है एवं क्रिया का स्वरूप चरित्र है। इस प्रकार मन के तीनों गुणों- ज्ञान, इच्छा, क्रिया के द्वारा बुद्धि, स्वभाव एवं चरित्र का निर्माण होता है। इन्हें संक्षेप में इस प्रकार स्पष्ट कर सकते हैं-

(i) बुद्धि- व्यक्ति के व्यक्तित्व का बुद्धि एक प्रधान गुण होता है। प्रायः व्यक्ति सामान्य बुद्धि के होते हैं। फलस्वरूप प्रायः उनका व्यक्तित्व भी सामान्य होता है। जो व्यक्ति मन्द बुद्धि के होते हैं उनका व्यक्तित्व निम्न कोटि का होता है। दूसरी ओर जो व्यक्ति उत्कृष्ट बुद्धि के होते हैं, प्रायः वे समाज को अपने व्यक्तित्व से प्रभावित कर लेते हैं।

(ii) स्वभाव- मनोवैज्ञानिकों ने स्वभाव के आधार पर चार प्रकार के व्यक्ति बतलाये हैं- आशावादी, निराशावादी, चिड़चिड़े एवं अस्थिर। विद्वानों का विचार है कि अन्तःस्रावी ग्रन्थियों से न्यासर्ग निकलता है उसके कारण व्यक्तियों के स्वभाव में अन्तर हो जाता है। वास्तव में संवेगशीलता व्यक्तित्व का महत्त्वपूर्ण तत्त्व अथवा गुण है।

(iii) चरित्र – चरित्र व्यक्तित्व का एक प्रधान गुण है। जिन व्यक्तियों का चरित्र अच्छा नहीं होता है, उनका व्यक्तित्व भी आकर्षणरहित होता है। चरित्रहीन मोटे-ताजे व्यक्ति समाज के लिए एक प्रकार से भार स्वरूप होते है। गाँधीजी एक दुबले-पतले शरीर वाले व्यक्ति थे, परन्तु उनकां चरित्र इतना ऊँचा था आज विश्व में उनकी पूजा होती है।

(3) सामाजिकता – व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास सामाजिक वातावरण के मध्य होता है। अतः सामाजिकता व्यक्तित्व का महत्त्वपूर्ण गुण है। समाज में कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जो समाज से भागते हैं, कुछ बहुत ही मिलनसार होते हैं, कुछ आक्रमक स्वभाव के होते हैं। इस प्रकार विभिन्न व्यक्तियों में सामाजिकता की अलग-अलग मात्रा होती है।

( 4 ) सशक्तता या दृढ़ता- व्यक्तित्व के लिये दिये गये तीनों गुणों में यदि सशक्तता या दृढ़ता का अभाव हो तो व्यक्ति को सफलता मिलना नितान्त कठिन है। दूसरी ओर जिन व्यक्तियों के इन तीनों गुणों में दृढ़ता चतुर्थ गुण होता है तो वे व्यक्ति चाहे जिस काम को हाथ में ले ले उसे पूरा करके ही मानते हैं।

Important Link

Disclaimer: Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com

About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment