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रेखा और कर्मचारी तथा क्रियात्मक संगठन में अन्तर | Difference between Line & Staff and Working Organization in Hindi

रेखा और कर्मचारी तथा क्रियात्मक संगठन में अन्तर | Difference between Line & Staff and Working Organization in Hindi
रेखा और कर्मचारी तथा क्रियात्मक संगठन में अन्तर | Difference between Line & Staff and Working Organization in Hindi

रेखा और कर्मचारी तथा क्रियात्मक संगठन में अन्तर (Difference between Line & Staff and Working Organization)

रेखा और कर्मचारी संगठन- यदि उपक्रम के विभिन्न विभाग प्रमुखों के साथ प्रत्येक विभाग में तकनीकी विशेषज्ञ नियुक्त कर दिये जायें, तब वह रेखा एवं स्टॉफ संगठन कहलाता है। इन विशेषज्ञों को प्रशासनिक अधिकार नहीं होता। ये केवल परामर्श देते हैं

क्रियात्मक संगठन में पूर्णतः विशिष्टीकरण का सिद्धान्त लागू होता है। इस संगठन में ऐसे व्यक्ति का आसानी से पता लगाया जा सकता है, जो किसी विशिष्ट कार्य में कुशल एवं प्रशिक्षित हो। इसमें अलग-अलग अधीनस्थों को उनके कार्यों के अनुसार बाँट दिया जाता है।

दोनों संगठनों में कई समानताएँ हैं, लेकिन फिर भी निम्न अन्तर विद्यमान हैं।

अन्तर का आधार रेखा व कर्मचारी संगठन क्रियात्मक संगठन
1. निर्णयन का समय इसमें निर्णय विशेषज्ञों से परामर्श के पश्चात् लिये जाते हैं। अतः निर्णय लेने में अधिक समय लगता है।  इस संगठन में चूँकि दोनों साथ-साथ होते हैं अतः निर्णय अपेक्षाकृत शीघ्रता से लिया जाता है।
2. अधिकार सत्ता इस संगठन में अधिकार सत्ता एक सीधी रेखा के रूप में चलती है।  इसमें अधिकार सत्ता समानान्तर चलती है।
3. अधिकारों का केन्द्रीयकरण इसमें अधिकारों का अन्तरण किया जाता है। इसमें अधिकारों का अत्यधिक विकेन्द्रीयकरण किया जाता है।
4. विशेषज्ञों को आदेश देने का अधिकार इसमें विशेषज्ञ परामर्श देते हैं अधीनस्थों को आदेश देने का अधिकार उन्हें नहीं  होता। इसमें विशेषज्ञों को आदेश देने का अधिकार होता है।
5. उपयुक्तता यह प्रारूप उन संस्थाओं के लिए उपयुक्त है, जहाँ क्रियाएँ जटिल हों तथा विशेषज्ञों का परामर्श अनिवार्य हो । यह बड़े पैमाने पर उत्पादन करने वाली संस्थाओं के लिए उपयुक्त है।
6. आदेश की एकता इसमें आदेश की एकता बनी रहती है। चूँकि इसमें एक कर्मचारी को अनेक अधिकारियों से आदेश प्राप्त होते हैं, अतः इसमें आदेश की एकता का अभाव होता है।
7. प्रबन्धकों के विकास के अवसर इसमें प्रबन्धकों के विकास के काफी अवसर रहते हैं।  इसमें प्रबन्धकों के विकास के अवसर बहुत कम होते हैं।

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Anjali Yadav

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