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मुक्त विश्वविद्यालय अथवा खुला विश्वविद्यालय से आप क्या समझते हैं ? इसकी प्रमुख विशेषताएँ बताइए।

मुक्त विश्वविद्यालय अथवा खुला विश्वविद्यालय से आप क्या समझते हैं ? इसकी प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
मुक्त विश्वविद्यालय अथवा खुला विश्वविद्यालय से आप क्या समझते हैं ? इसकी प्रमुख विशेषताएँ बताइए।

मुक्त विश्वविद्यालय अथवा खुला विश्वविद्यालय से आप क्या समझते हैं ? इसकी प्रमुख विशेषताएँ बताइए।

मुक्त (खुला) विश्वविद्यालय (Open University)

खुले विश्वविद्यालय की अवधारणा आधुनिक समाज की और प्रौढ़ शिक्षा सम्बन्धी आवश्यकताओं पर आधारित है। आजकल के समाज में लोग श्रव्य-दृश्य प्रोग्रामों में अधिक रुचि है ले रहे हैं। रेडियो एवं टेलीविजन प्रयोगों में लोगों की दिलचस्पी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है ये प्रोग्राम लोगों का मनोरंजन करते हुए उन्हें शिक्षित बनाने का संयुक्त प्रयास कर रहे हैं, अधिकांशतः लोग दिन भर काम करने के पश्चात् जब शाम को घर लौटते हैं तो वे थके हुए होते हैं। इनमें उन लोगों की संख्या भी काफी है जो अपने घर से दूर जाकर काम करते हैं। ऐसे लोग शारीरिक एवं मानसिक रूप से परम्परागत शिक्षण विधियों एवं उपकरणों को अपने उपयुक्त नहीं पाते। ऐसे लोगों की शिक्षा का माध्यम टेलीविजन और पत्राचार ही सर्वथा उपयुक्त सिद्ध होगा। इसके अतिरिक्त इन माध्यमों से उन लोगों को भी अपने को और शिक्षित एवं प्रशिक्षित करने का अवसर मिल जाता है जो अपने निजी कारणों से अथवा पारिवारिक दायित्वों से के निर्वाह हेतु अपना अध्ययन अथवा प्रशिक्षण पूरा करने में असमर्थ हो जाते हैं।

इस समय सभी विकसित एवं विकासशील देश अपने नागरिकों को उचित एवं उपयुक्त शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करना चाहते हैं। उनका मानना है कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार सभी नागरिकों को मिलना चाहिए। अतः जो नागरिक किन्हीं कारणों से उच्च शिक्षा से वंचित रह गये हैं उनको भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देना चाहिए। इसीलिये सर्वप्रथम इंग्लैंड में स्वायत्तशासी एवं स्वतंत्र खुला विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी।

इस विश्वविद्यालय में उन सभी लोगों को प्रवेश की सुविधा प्रदान की गई है जिनकी आयु 21 वर्ष से ऊपर है और जो सामान्य परिस्थितियों में विश्वविद्यालय शिक्षा से वंचित रह गये हैं और कोई विश्वविद्यालयीय उपाधि (Degree) नहीं प्राप्त कर सके हैं। इस विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने हेतु कोई न्यूनतम शिक्षा का प्रतिबंध नहीं है। इसकी कोई भौगोलिक सीमा नहीं है। इसमें परम्परागत विश्वविद्यालयों की भाँति प्रवेश में किसी प्रकार की भौगोलिक सीमा का, आयु का, लिंग का, न्यूनतम शैक्षिक योग्यता एवं शिक्षा की विधि का प्रतिबंध नहीं होता इसीलिए ये खुला विवृत या मुक्त विश्वविद्यालय कहे जाते हैं।

इस विश्वविद्यालय में शिक्षा प्रदान करने के लिए रेडियो, टेलीविजन, पत्राचार एवं स्थानीय ट्यूटोरियल को माध्यम बनाया जाता है। आवश्यकतानुसार इसमें टेप और कम्प्यूटर, वीडियो आदि का भी प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें प्रोग्राम-विशेष के अनुसार लिखी पाठ्यपुस्तकों, सामूहिक विचार-विमर्श एवं आमने-सामने बैठकर पढ़ने-पढ़ाने की अंशकालीन होने वाले व्यय का भार वहन करने में सक्षम नहीं है अथवा जिनके आस-पास ऐसे विद्यालय नहीं हैं जहाँ उनको वांछित स्तर की शिक्षा प्राप्त हो सकें, औपचारिक शिक्षा से लाभ नहीं उठा पाते। अतएव शिक्षा में ऐसे परिवर्तनों की आवश्यकता का अनुभव किया गया है जो दूरस्थ स्थानों में रहने वाले छात्रों को भी वांछित स्तर की शिक्षा सुलभ करा सके। शैक्षिक तकनीकी पर आधारित शैक्षिक उपकरणों के विकास ने भी इस प्रकार की शिक्षा व्यवस्था की संभावना को साकार करने के लिए समुचित प्रोत्साहन दिया।

मुक्त विश्वविद्यालयों की विशेषताएँ (Characteristics of Open University)

मुक्त विश्वविद्यालयों की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नांकित हैं-

  1. ये विश्वविद्यालय परम्परागत सीमाओं में बद्ध नहीं होते।
  2. ये विशेष रूप से दूरस्थ शिक्षार्थियों को लाभान्वित करते हैं।
  3. इनमें संचार एवं संप्रेषण के नवीन माध्यमों से शिक्षा प्रदान की जाती है।
  4. इनमें पत्राचार पद्धति का प्रभावी उपयोग किया जाता है।
  5. इनमें कोर पाठ्यक्रम एवं समन्वित पाठ्यक्रम के आधार पर शिक्षा प्रदान की जाती है।
  6. इन विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से छात्रों को परामर्श एवं निर्देशन प्रदान किया जाता है तथा आवश्यकतानुसार ट्यूटर्स (Tuters) उपलब्ध कराये जाते हैं।
  7. इनकी कोई सुनिश्चित भौगोलिक सीमा नहीं होती।

बीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में ब्रिटेन के शिक्षाविदों एवं प्रबुद्ध नागरिकों ने इस बात की आवश्यकता का अनुभव किया कि विवृत विश्वविद्यालय के माध्यम से संपूर्ण देश में शिक्षा को सर्वसुलभ बनाया जाये ताकि औपचारिक शिक्षा से वंचित लोगों को शिक्षा प्राप्त करने का अनौपचारिक अवसर मिले। इसी उद्देश्य को लेकर 1964 में एक श्वेतपत्र जारी किया गया जिसमें विवृत विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु एक विस्तृत योजना तैयार करने के लिए एक समिति बनायी गई जिसकी रिपोर्ट के आधार पर 1967 में विश्व में सर्वप्रथम, इंग्लैण्ड में एक खुले विश्वविद्यालय की स्थापना कर दी गई और दो वर्ष के उपरान्त इस विश्वविद्यालय को एक स्वतंत्र विश्वविद्यालय में मान्यता दे दी गयी। इसके उपरान्त ब्रिटेन का अनुसरण करते हुए विश्व के अनेक देशों में अपने-अपने यहाँ खुले विश्वविद्यालयों की स्थापना की। आज चीन, थाईलैंड, श्रीलंका, कोरिया, पाकिस्तान, इण्डोनेशिया, स्पेन, नीदरलैंड, जर्मनी तथा संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में इस प्रकार के विश्वविद्यालय शिक्षा प्रसार के क्षेत्र में अपूर्व योगदान कर रहे हैं। इन सभी देशों में इन्हें आशातीत सफलता प्राप्त हो रही है। जापान में इस प्रकार के विश्वविद्यालयों को “यूनिवर्सिटी ऑफ दी एयर” के नाम से जाना जाता है। इन सभी विश्वविद्यालयों में संचार और संप्रेषण के विभिन्न माध्यमों का प्रयोग अधिकाधिक किया जाता है।

भारतवर्ष में भी खुले विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु सन् 1970 में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें भारतीय शिक्षाविदों के साथ-साथ अमेरिका और ब्रिटेन के विद्वानों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस संगोष्ठी के सुझावों के आधार पर भारतवर्ष में भी खुले विश्वविद्यालयों की पद्धति पर आधारित पत्राचार पाठ्यक्रमों के माध्यम से खुले विश्वविद्यालयों की योजना को साकार करने के प्रयत्न आरम्भ हो गये। सर्वप्रथम हैदराबाद शिक्षण में पहला खुला विश्वविद्यालय खोला गया। इसके बाद उस्मानिया विश्वविद्यालय के अन्तर्गत एक खुले विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी। इन विश्वविद्यालयों को स्वायत्तशासी बनाया गया। भारत के विभिन्न प्रदेशों में इस प्रकार के खुले विश्वविद्यालयों की स्थापना हेतु प्रयास चल रहे हैं।

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About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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