शिक्षण विधियाँ / METHODS OF TEACHING TOPICS

योजना विधि (Project Method) | योजना विधि के सिद्धान्त | योजना विधि के गुण | योजना विधि के दोष

योजना विधि (Project Method) | योजना विधि के सिद्धान्त | योजना विधि के गुण | योजना विधि के दोष
योजना विधि (Project Method) | योजना विधि के सिद्धान्त | योजना विधि के गुण | योजना विधि के दोष

योजना विधि (Project Method)

इस विधि के जन्मदाता डब्ल्यू० एच० किलपैट्रिक हैं। यह विधि इस सिद्धान्त पर आधारित है कि विद्यार्थी सम्बन्ध, सहयोग तथा क्रिया के द्वारा सीखते हैं। इस विधि का प्रयोग विद्यालय के समस्त विषयों के शिक्षण में किया जाता है। इस विधि में तथ्यों का संकलन एक केन्द्रीय लक्ष्य को ध्यान में रखते हुये किया जाता है। किलपैट्रिक के अनुसार “योजना वह सहृदय सौद्देश्य कार्य-विधि है, जो पूर्णतः मन लगाकर लगन के साथ सामाजिक वातावरण में पूरी की जाती है।” योजना विधि में रचनात्मक विचार या प्रयास होकर परिणाम निकलते हैं।

हन्टर के अनुसार- “योजना विधि को इसलिये जन्म दिया गया है, जिससे कि विद्यार्थियों को वास्तविक शिक्षा मिल सके, वे सक्रिय होकर विषय का ज्ञान प्राप्त कर सकें। उन्हें चिन्तन एवं तर्क करने का अवसर प्राप्त हो सके। उनका पाठ्यक्रम उनकी रुचियों, अभिरुचियों तथा आवश्यकताओं पर निर्धारित हो सके तथा सामाजिक दृष्टिकोण के आधार पर शिक्षा प्रदान की जा सके। “

योजना विधि के सिद्धान्त (Principles of Project Method)

1. प्रयोजनता (Purpose) – योजना का सप्रयोजन होना अति आवश्यक है। बालक के समक्ष जो भी समस्यामूलक कार्य रखा जाये, उनका प्रयोजन अवश्य होना चाहिये।

2. क्रियाशीलता— योजना विधि का दूसरा आधार क्रियाशीलता है। इसमें बालक जो कुछ भी सीखता है, वह करके सीखता है।

3. रोचकता – बालक जिस किसी भी समस्या या योजना का हल खोजते हैं, वह अत्यन्त रुचिपूर्ण होती है।

4. सामाजिकता – प्रयोजनवादियों के अनुसार शिक्षा बालक और समाज का अंग है। अतः शिक्षा का उद्देश्य बालक में सामाजिक कुशलता उत्पन्न करना है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये ही योजना विधि में बालकों को वे क्रियायें प्रदान की जाती हैं, जिनके करने से उनमें सामाजिकता आती है।

5. यथार्थता योजना में जो कार्य बालक को सौंपे जाते हैं, वे वास्तविक तथा यथार्थ होते हैं।

6. स्वतन्त्रता- योजना विधि में बालकों को प्रत्येक प्रकार की स्वतन्त्रता प्रदान की जाती है। उन पर किसी भी प्रकार का बन्धन नहीं होता।

7. उपयोगिता – ज्ञान का वास्तव में लाभ तब ही माना जायेगा, जबकि भावी जीवन में उसका उपयोग हो सके। तत्कालीन आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाले प्रोजेक्ट छात्रों के लिये विशेष रुचिकर होते हैं। इस कारण ही इस विधि में शिक्षक इस बात का प्रयास करता है कि जो प्रोजेक्ट बालकों को दिये जायें, उनके लिये उपयोगी भी हों।

योजना विधि के गुण

1. विद्यार्थी समस्या के समाधान के लिये स्वयं ही चिन्तन करते हैं तथा विभिन्न पक्षों के बीच कार्य-कारण का सम्बन्ध स्थापित करने के प्रयास करते हैं, जिससे उनका मानसिक रूप से विकास होने की सम्भावना बढ़ती है।

2. इस विधि में पाठशाला का घर तथा समाज के साथ सजीव सम्पर्क बन जाता है, क्योंकि विद्यालय से प्राप्त ज्ञान घर तथा समाज की परिस्थितियों के समरूप ही होता है।

3. यह विधि मनोवैज्ञानिक आधारों पर आधारित होती है। इस विधि में अधिगम सिद्धान्त व व्यक्तिगत भिन्नता तथा विद्यार्थी की योग्यता, रुचि तथा प्रकृति आदि का ध्यान रखा जाता है।

4. सभी विद्यार्थियों को अपनी योग्यता एवं रुचि के अनुसार कार्य करने का अवसर प्राप्त होता है, इसलिये कोई भी विद्यार्थी उपेक्षित अनुभव नहीं करता है।

5. योजना विधि में विद्यार्थी स्वयं मूल्यांकन करते हैं। साथ ही उन्हें आत्म-निर्भरता, आत्म-विश्वास तथा आत्म-प्रकाशन का अच्छा अवसर प्राप्त होता है।

6. सभी विद्यार्थी पाठ्यवस्तु को स्वाभाविक परिस्थितियों में सीखते हैं। इसलिये इस विधि से प्राप्त ज्ञान अधिक स्थायी होता है।

7. इस विधि के द्वारा विद्यार्थियों में परस्पर सहयोग तथा स्वस्थ स्पर्धा के आधार पर कार्य करने की आदत बन जाती है, जिससे उनमें सहिष्णुता तथा आत्म-अनुशासन के गुण विकसित होते हैं।

योजना विधि के दोष

1. यह विधि अन्य विधियों की अपेक्षा अधिक व्ययपूर्ण है।

2. इस विधि में प्रयुक्त होने वाले साधन प्रायः समस्त विद्यालयों में उपलब्ध नहीं होते हैं, क्योंकि न तो इतने कुशल शिक्षक ही उपलब्ध हैं और न ही पाठ्य-पुस्तकें ।

3. इस विधि में मूल्यांकन विधि का प्रयोग करना कठिन होता है।

4. इस विधि में पाठ्य-वस्तु का चयन विभिन्न स्थानों से किया जाता है। अतः किसी भी विषय का क्रमबद्ध और गहन अध्ययन किया जाता है।

5. इस विधि के द्वारा पाठ्यक्रम को एक व्यवस्थित रूप से समाप्त करना बहुत कठिन होता है।

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Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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