शैक्षिक तकनीकी के प्रकार (Types of Educational Technology)
शैक्षिक तकनीकी के प्रकार निम्न हैं-
(1) अनुदेशन तकनीकी- इसके क्षेत्र में कक्षा और कक्षा से बाहर दोनों ही स्थान पर पाठ्य-वस्तु को प्रस्तुत करने की प्रक्रिया सम्मिलित की गई है। मनुष्य के जीवन में जहाँ जहाँ भी सीखने की क्रिया हो सकती है, वहाँ-वहाँ पर अनुदेशन तकनीकी का स्थान है।
पैटर्सन का कथन हैं तकनीकी का क्षेत्र शिक्षण तकनीकी (Teaching Technology) से भी अधिक व्यापक है। इसमें वे सभी तथ्य आ जाते हैं, जिनका सम्बन्ध सीखने वाले के साथ है।
(2) व्यवहार तकनीकी-जहाँ- जहाँ व्यक्ति के व्यवहार की बात आती है, वहाँ-वहाँ व्यवहार तकनीकी का प्रवेश है या हो सकता है। व्यवहार तकनीकी से अन्य कई प्रकार की तकनीकियों का विकास हुआ है, यथा
(क) स्व तकनीकी, (ख) प्रशिक्षण तकनीकी, (ग) सम्प्रेषण (घ) अभिप्रेरण तकनीकी, (ङ) उद्योग तकनीकी, (च) वाणिज्य तकनीकी, (छ) शिक्षण तकनीकी।
यहाँ जिन तकनीकियों का उल्लेख किया गया है, उन सभी का सम्बन्ध व्यक्ति के व्यवहार में अपेक्षित परिवर्तन से है। इसलिए ये सभी व्यवहार तकनीकी के अन्तर्गत आ जाते हैं।
(3) शिक्षण तकनीकी- शिक्षा की दृष्टि से इसका महत्त्व सबसे अधिक है। शिक्षण की प्रक्रिया का उद्देश्य है-व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन लाना। ‘शिक्षण तकनीकी’ का अभिप्राय है- समाजशास्त्र, मनोविज्ञान तथा अभियान्त्रिकी के सिद्धान्तों तथा नियमों को शिक्षण के क्षेत्र में प्रयोग करना।
डॉ. कुलश्रेष्ठ ने शिक्षण तकनीकी पर जो विस्तृत शोध कार्य किया है, उसमें इसका व्यापक रूप प्रकट होता है। डॉ. कुलश्रेष्ठ ने निम्नलिखित तत्त्वों को शिक्षण तकनीकी में सम्मिलित किया है-
- व्यवहार का परिष्कार करना,
- क्रियात्मक अनुसन्धान करना,
- अधिगम या सीखने के सिद्धान्त,
- बहु-साधनीय उपागम,
- पृष्ठपोषण विज्ञान,
- शिक्षण मशीन,
- पाठ संकेत या पाठ योजनाएँ,
- व्यक्तिगत शिक्षण सामग्री,
- शिक्षा की विभिन्न अवस्थाएँ,
- सूक्ष्म व्यूह-रचनाएँ,
- सूक्ष्म शिक्षण,
- शिक्षण प्रतिमान या योजनाएँ ।
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