नवाचार का अर्थ, परिभाषायें और विशेषतायें बताइये।
नवाचार का अर्थ- नवाचार दो शब्दों नव एवं आचार से मिलकर बना है। इसमें नव का अर्थ नवीन और आचार का अर्थ ‘व्यवहार’ है अतः नवाचार का अर्थ किसी नवीन व्यवहार से है। यह अंग्रेजी के Innovation का हिन्दी रूपान्तरण है। अत Innovation का अर्थ है वह परिवर्तन जो नवीनता लाये। अतः नवाचार वह परिवर्तन है जो पूर्व स्थित विधियों और पदार्थों आदि में नवीनता का संचार करे। शिक्षा में नवाचार का अभिप्राय स्थापित या प्रचलित शिक्षा प्रणाली में नये व्यवहार अर्थात् नवीन विधियों एवं रीतियों का समावेश करना है।
नवाचार अर्थशास्त्र, व्यापार, तकनीकी एवं समाजशास्त्र में बहुत महत्व का विषय है। नवाचार का अर्थ किसी प्रक्रिया या सेवा में थोड़ा या बहुत बड़ा परिवर्तन लाने से है। नवाचार के अन्तर्गत कुछ नया व उपयोगी तरीका अपनाया जाता है जैसे-नयी विधि, नयी तकनीक नयी कार्य पद्धति नयी सेवा आदि। नवाचार को अर्थतंत्र का सारथी माना जाता है। जो संस्थायें नवाचार नहीं कर पाती हैं वे नाश को प्राप्त होती हैं और उनका स्थान नवाचार में सफल हुई संस्थायें ले लेती हैं।
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परिभाषाएँ (Definitions )
“नवाचार वह विचार है जिसकी प्रतीति व्यक्ति नवीन विचार के रूप में करे । ” -राजर्स ई. एम.
नवाचार वह विचार, व्यवहार या वस्तु है जो नवीन है और स्थापित स्वरूप से गुणात्मक रूप से भिन्न है। – एच०जी० बारनेट
“नवाचार एक नूतन विचार का प्रारम्भ है। यह एक प्रक्रिया या तकनीक है, जिसका विस्तृत उपयोग प्रचलित व्यवहारों तथा तकनीक के स्थान पर किया जाता है। यह परिवर्तन के लिये परिवर्तन नहीं है वरन् इसका क्रियान्वयन और निर्माण परीक्षण तथा प्रयोगों के आधार पर किया जाता है। “ – यूनेस्को
“नवाचार सोच समझकर किया जाने वाला नवीन और विशिष्ट परिवर्तन है जिसे किसी प्रणाली के उद्देश्यों को प्राप्त करने लिये अधिक प्रभावकारी समझा जाता है। – एम.बी० माइल्स
“नवाचार एक प्रत्यय है, एक अभिवृत्ति है, कौशलयुक्त एक उपकरण है अथवा दो या दो से अधिक ऐसे तथ्य हैं जिन्हें व्यक्ति ने या संस्कृति ने व्यावहारिक रूप से आत्मसात् न किया हो।” -भोला० एच० एस०
नवाचार की विशेषताएँ
- नवाचार एक ऐसा विचार है जिसे नया समझा जाता है।
- नवाचार किसी न किसी विशेषता से युक्त होता है।
- नवाचार प्रयासपूर्वक किया जाने वाला कार्य है।
- नवाचार को सोच-विचार कर प्रयोग में लाया जाता है।
- वर्तमान परिस्थितियों में नवाचार द्वारा सुधार लाने का प्रयत्न होता है।
- प्रचलित विधियों की अपेक्षा गुणों को ध्यान में रखते हुये नवाचार अधिक श्रेष्ठ अथवा उन्नत माना जाता है।
- नवाचार खोज पर आधारित होता है।
- नवाचार अधिगम से सम्बन्धित नवीन जानकारी देता है।
- नवाचार का अभ्युदय समस्याओं के समाधानार्थ होता है।
- नवाचार समय सापेक्ष परिवर्तन पर आधारित होता है।
विशेषतायें- नवाचार की प्रमुख विशेषतायें निम्न प्रकार हैं-
(i) तकनीकी का प्रयोग शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षिक तकनीकी के माध्यम से शिक्षा को वस्तुनिष्ठ, नियोजित एवं विकासोन्मुख साधन के रूप में परिवर्तित करना।
(ii) सतत् शिक्षा – आजीवन शिक्षा की अवधारणा को क्रियान्वित करने के लिये अविरल अथवा सतत् शिक्षा की व्यवस्था करना।
(iii) अनौपचारिक शिक्षा – औपचारिक शिक्षा के स्थान पर अनौपचारिक शिक्षा को अधिक महत्त्व दिये जाने की निरन्तर संस्तुति की जा रही है।
(iv) व्यापकतम शिक्षा – प्रत्येक व्यक्ति को सुशिक्षित बनाने के उद्देश्य से ‘दूरी की ‘शिक्षा’ पर निरन्तर बल दिया जाना।
(v) निर्विद्यालयीकरण- निर्विद्यालयीकरण अथवा विद्यालयों के स्थान पर कौशलों का विकास करने वाले केन्द्र की स्थापना के विचार को समस्त विश्व में मान्यता प्रदान करना।
(vi) दृश्य-श्रव्य साधनों का विस्तार – शिक्षण एवं अनुसंधान के क्षेत्र में हार्डवेयर उपागम अथवा दृश्य-श्रव्य साधनों का विस्तार करना।
(vii) प्रौढ़ शिक्षा- प्रौढ़ शिक्षा के लिये अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत करना।
(viii) समान शैक्षिक अवसर प्रदान करना प्रत्येक व्यक्ति को समान रूप से शैक्षिक अवसर सुलभ कराने के लिये खुले विश्वविद्यालयों की स्थापना करना।
(ix) उपयोगी परिवर्तन– पाठ्य-पुस्तकों के स्वरूप एवं मूल्यांकन की प्रविधियों में भी अनेक परिवर्तन लाना।
(x) अन्तर अनुशासन उपागम- ज्ञान को एकत्रित करने के उद्देश्य से अन्तर अनुशासन उपागम को प्रयुक्त करने पर निरन्तर बल देना ।
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