राजनीति विज्ञान / Political Science

महिला अधिकारों के संरक्षण में राष्ट्रीय महिला आयोग की भूमिका

महिला अधिकारों के संरक्षण में राष्ट्रीय महिला आयोग की भूमिका
महिला अधिकारों के संरक्षण में राष्ट्रीय महिला आयोग की भूमिका

महिला अधिकारों के संरक्षण में राष्ट्रीय महिला आयोग की भूमिका

भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के गठन के बाद मानवाधिकार के संरक्षण में अनेक प्रयास किये गये। उसने मानव के अधिकारों को संरक्षित करने तथा इन्हें बढ़ाने में अनेक कदम उठाये। चूंकि मानवाधिकार का क्षेत्र अत्यन्त व्यापक है इसलिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग प्रत्येक प्रकार के मानवीय मामलों पर नियंत्रण नहीं कर सका। अतः केन्द्र सरकार द्वारा लगभग प्रत्येक विभाग अर्थात् समाज के प्रत्येक निर्बल वर्ग के लिए एक आयोग की स्थापना की है जैसे राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग, महिला आयोग आदि । प्रत्येक आयोग संबंधित वर्ग के मानवाधिकारों को संरक्षित करता है।

समाज में अत्यन्त कमजोर होने के कारण सरकार ने महिलाओं के लिए सन् 1990 में राष्ट्रीय महिला अधिनियम बनाया। यह अधिनियम राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना का प्रावधान करता है। इस आयोग में एक अध्यक्ष सहित पांच सदस्य होते हैं। ये सभी केन्द्रीय सरकार द्वारा नामित होते हैं। 5 सदस्यों में एक महिला सदस्य का होना आवश्यक होता है। इनका कार्यकाल 5 वर्ष के लिए होता है।

महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अत्याचार शोषण आदि के लिए यह आयोग स्वयं जांच कर सकता है तथा उचित मामलों में समिति भी गठित कर सकता है। इसका उद्देश्य ही यह है कि महिलाओं के विरुद्ध होने वाले मानवाधिकारों के उल्लंघन को संरक्षित किया जाए। इस परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रीय महिला आयोग निम्नलिखित कार्य करता है-

(क) संविधान तथा अन्य विधियों में महिलाओं के लिए सुरक्षाओं से सम्बन्धित सभी मामलों की खोजबीन एवं जाँच करना।

(ख) इन सुरक्षाओं के कामकाज की वार्षिक तथा अन्य रिपोर्ट जो ऐसे समय में कमीशन उचित समझे, केन्द्र सरकार को प्रस्तुत करना ।

(ग) महिलाओं की दशाओं में सुधार करने हेतु इन रिपोटों में उक्त सुरक्षाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये संस्तुतियां देना ।

(घ) समय-समय पर महिलाओं को प्रभावित करने वाले संविधान एवं अन्य विधियों के उपबंधों का परीक्षण करना तथा विधायनी उपाय में कमी या अनुपयुक्तता के बारे में संशोधनों की संस्तुति देना ।

(ङ) महिलाओं से संबंधित संविधान तथा अन्य विधियों के उपबंधों के उल्लंघनों को उपयुक्त प्राधिकारियों के सम्मुख ले जाना।

(च) स्वयं निम्नलिखित शिकायतों को देखना-

  1. महिलाओं के अधिकारों को वंचित किया जाना,
  2. महिलाओं के संरक्षण के लिये बनाई गई विधियों का कर्यान्वयन न होना तथा समानता एवं विकास के उद्देश्य की प्राप्ति,
  3. महिलाओं के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिये तथा महिलाओं को अनुतोष प्रदान करने के उद्देश्य से सम्बन्धित नीति निर्णय, मार्गदर्शनों या निर्देशों का अनुपालन न होना, तथा ऐसे मामलों को उपयुक्त प्राधिकारियों के पास ले जाना।

(छ) महिलाओं के साथ भेदभाव एवं अत्याचारों से उत्पन्न विनिर्दिष्ट समस्याओं या स्थितियों पर विशेष अध्ययन या खोजबीन करना जिससे उनके हटाये जाने के लिये रणकौशल की संस्तुतियाँ दी जायें।

(ज) प्रोन्नति एवं शिक्षा संबंधी अनुसंधान करना जिससे सभी क्षेत्रों में महिलाओं के उचित प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित किया जा सके तथा उनकी उन्नति में बाधा पहुँचाने वाले तथ्यों या कारण को पहचाना जा सके।

(झ) महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास की योजना प्रक्रिया में भाग लेना तथा सलाह देना।

(ञ) संघ तथा किसी राज्य की महिलाओं के विकास की प्रगति का मूल्यांकन करना।

(ट) जेल एवं प्रतिप्रेषण गृह की जाँच करना या करवाना, तथा महिलाओं की संस्था या हिरासत के अन्य स्थान जहाँ महिलायें कैदी के रूप में या अन्यथा रखी जाती हैं की जाँच करना या करवाना तथा उपचार की कार्यवाही करवाना तथा उपचार की कार्यवाही के लिये मामले को सम्बन्धित अधिकारियों के पास ले जाना।

(ठ) मुकदमेबाजी से सम्बन्धित मसलों जिनसे बड़ी संख्या में महिलायें प्रभावित होती हैं उन्हें फंड करना ।

(ड) महिलाओं से सम्बन्धित किसी भी मामले, विशेषकर महिलाओं की अनेक कठिनाइयों की आवधिक रिपोर्ट सरकार को देना।

(ढ) कोई अन्य मामला जो केन्द्र सरकार इसे निर्देशित करे।

कमीशन प्रत्येक वित्तीय वर्ष में अपने कार्यकलापों की रिपोर्ट तैयार करेगी तथा उसकी एक प्रतिलिपि केन्द्र सरकार को भेजेगी। केन्द्रीय सरकार कमीशन की वार्षिक रिपोर्ट एवं लेखा रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में रखवायेगी। केन्द्रीय सरकार महिलाओं को प्रभावित करने वाली सभी प्रमुख नीतियों के बारे में कमीशन से सलाह करेगी।]

IMPORTANT LINK

Disclaimer: Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com

About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment