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सामाजिक सर्वेक्षण का अर्थ एंव परिभाषा | Meaning and definitions of social survey in Hindi

सामाजिक सर्वेक्षण का अर्थ एंव परिभाषा | Meaning and definitions of social survey in Hindi
सामाजिक सर्वेक्षण का अर्थ एंव परिभाषा | Meaning and definitions of social survey in Hindi

सामाजिक सर्वेक्षण की परिभाषा दीजिये। सामाजिक सर्वेक्षण एवं सामाजिक अनुसंधान में अन्तर बताइये ।

सामाजिक सर्वेक्षण का अर्थ- सर्वेक्षण शब्द अंग्रेजी भाषा के Survey शब्द का हिन्दी रूपान्तर है। अंग्रेजी शब्द Survey फ्रेंच भाषा के Sur और लैटिन भाषा के Veeir दो शब्दों से मिलकर बना है। Sur का अर्थ ऊपर (over) तथा Veeir का अर्थ देखना (To see) है। इस प्रकार सर्वेक्षण का शाब्दिक अर्थ है ऊपरी तौर पर देखना। अतएव सर्वेक्षण का अर्थ किसी घटना अथवा स्थिति को ऊपर अथवा बाह्य देखना या अवलोकन करना या सिंहावलोकन करना।

विभिन्न शब्द कोषों के अनुसार-

किसी विशेष प्रयोजन हेतु सूक्ष्म रूप से देखने, परखने अथवा निरीक्षण करने की प्रक्रिया को सर्वेक्षण कहते हैं। -आक्सफोर्ड यूनिवर्सल कोश

एक समुदाय के सम्पूर्ण जीवन या उसके किसी एक पक्ष जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य आदि में व्यवस्थित, क्रमबद्ध व विस्तृत तथ्यों का संकलन तथा विश्लेषण को ही सर्वेक्षण कहते है। -फेयरचाइल्ड डिक्शनरी ऑफ सोशियोलाजी।

वास्तविक जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से किया गया आलोचनात्मक निरीक्षण ही सर्वेक्षण है। -वेवस्टर शब्दकोश

सामाजिक अनुसंधान के अन्तर्गत सर्वेक्षण शब्द का प्रयोग एक विशेष अर्थ में किया जाता है। इस संदर्भ में सर्वेक्षण एक सहयोगी प्रक्रिया है जिसमें एक अथवा अधिक अनुसंधान विधियों के द्वारा विभिन्न उपकरणों की सहायता से तथ्य एवं दत्त एकत्रित किये जाते हैं। एफ. एल. व्हीटनी के अनुसार, “सर्वेक्षण एक व्यवस्थित प्रयास है। जिससे कि एक सामाजिक संस्था, समूह अथवा क्षेत्र की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण, स्पष्टीकरण तथा विज्ञप्तिकरण किया जाता है।’

सर्वेक्षण का प्रयोग इतने व्यापक स्तर पर किया गया है कि इसकी कोई सर्वमान्य परिभाषा करना कठिन है। ऊपर वर्णित परिभाषाओं से स्पष्ट है कि सर्वेक्षण किसी समस्या से संबंधित तथ्यों का संकलन मात्र है।

सामाजिक सर्वेक्षण की परिभाषा

सामाजिक सर्वेक्षण साधारण सर्वेक्षण की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण है। समाज वैज्ञानिकों ने इसे अलग-अलग ढंग से परिभाषित किया है। सामाजिक सर्वेक्षण को निम्नलिखित चार दृष्टिकोणों के आधार पर परिभाषित किया जा सकता है-

(1 ) सामाजिक जीवन की सामान्य घटनाओं के अध्ययन के रूप में – इस दृष्टि से सामाजिक सर्वेक्षण विशिष्ट सामाजिक घटनाओं का अध्ययन न होकर सामाजिक जीवन की सामान्य प्रघटनाओं (प्रकृति, परिवर्तन, कार्यकारण) का अध्ययन है। इस संदर्भ में कुछ परिभाषाएँ है-

सामाजिक सर्वेक्षण को एक क्षेत्र विशेष में रहने वाले व्यक्तियों के समूह की सामाजिक संस्थाओं तथा क्रियाओं के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। –ए. एफ वेल्स

सामाजिक सर्वेक्षण प्रायः व्यक्तियों के एक समूह की रचना और क्रियाओं व रहन-सहन की दशाओं की एक खोज है। -सिन पाओ येंग

सामाजिक सर्वेक्षण एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी समुदाय की संरचना एवं क्रियाओं के सामाजिक संबंधों में परिणात्मक तथ्य एकत्र किए जाते हैं। –मार्क अबाम्स

सामाजिक सर्वेक्षण किसी समुदाय विशेष के लोगों के जीवन निर्वाह तथा कार्य की दशाओं के संबंध में दत्तों का संकलन है। –बोगार्डस

उपर्युक्त परिभाषाओं के अनुसार समाज में किसी घटना का विस्तृत अध्ययन कर तथ्यों का संकलन ही सामाजिक सर्वेक्षण है। ये परिभाषाएँ सामाजिक सर्वेक्षण का एक पहलू प्रकट करती हैं एवं इन्हें पूर्ण परिभाषा नहीं माना जा सकता।

( 2 ) सामाजिक प्रगति एवं सुधार के अध्ययन के रूप में- इस श्रेणी के अन्तर्गत ऐसी परिभाषाएँ सम्मिलित हैं जो सामाजिक सर्वेक्षणों को सामाजिक समस्याओं के समाधान तथा सामाजिक कल्याण संबंधी कार्यक्रमों को प्रस्तावित करने के एक साधन के रूप में व्याख्या करती हैं। प्रमुख परिभाषाएँ हैं-

एक समुदाय का सर्वेक्षण सामाजिक विकास की एक रचनात्मक योजना प्रस्तुत करने के उद्देश्य से किया गया, उसकी दशाओं तथा आवश्यकताओं का एक वैज्ञानिक अध्ययन है। -ई. डब्ल्यू बरगेस

सामाजिक सर्वेक्षण प्रायः सहकारी प्रयास माने गए हैं जो कि ऐसी सामाजिक समस्याओं के अध्ययन में वैज्ञानिक पद्धतियों का प्रयोग करते हैं, जो इतने गंभीर हैं कि जनमत को उभार सकें और उनको हल करने की इच्छा को जागृत कर सकें। – पी. केल्लाग

किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र के एक समुदाय के जीवन से संबंधित किसी महत्वपूर्ण तात्कालिक विघटनकारी सामाजिक समस्या का वैज्ञानिक विधियों द्वारा अध्ययन व इसके सुधार की क्रियात्मक योजना का निरूपण ही सामाजिक सर्वेक्षण है। -पी. वी. यंग

सामाजिक सर्वेक्षण का क्षेत्र विस्तृत है अतः इसके उद्देश्य भी अनेक हैं। सामाजिक जीवन के विस्तृत व परिवर्तनशील क्षेत्र के संदर्भ में उपरोक्त परिभाषाएँ केवल एक दृष्टिकोण को लेकरदी गई हैं एवं इन्हें पूर्णरूपेण समझना उचित नहीं है।

( 3 ) वैज्ञानिक पद्धति के रूप में- इस श्रेणी के अन्तर्गत वे परिभाषाएँ हैं जो कि सामाजिक सर्वेक्षण की विवेचना एक वैज्ञानिक पद्धति के रूप में करती हैं। उदाहरणार्थ-

सामाजिक सर्वेक्षण कुछ परिभाषित उद्देश्यों के लिए किसी विशेष सामाजिक परिस्थिति, समस्या अथवा जनसंख्या का वैज्ञानिक एवं व्यवस्थित रूप से विश्लेषण की एक पद्धति है। -एच. एन. मोर्स

समाजशास्त्री को अध्ययन विषय से परोक्ष रूप से संबंधित तथ्य एकत्रित करने तथा ऐसे उपयोगी रूप में देखना चाहिए जिससे समस्या को केन्द्रीभूत किया जाता है तथा अनुशीलन योग्य विषयों को सुझाया जाता है। –मोजर तथा काल्टन

सामाजिक सर्वेक्षण एक विशिष्ट भौगोलिक, सांस्कृतिक अथवा प्रशासनिक क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों से संबंधित तथ्यों को एक व्यवस्थित रूप से संकलित किए जाने की एक विधि है। – डेनिस चेपमेन

उपर्युक्त उल्लिखित परिभाषाओं से सामाजिक सर्वेक्षण का एक पक्ष प्रकट होता है। अतः इन्हें व्यापक अर्थों में उचित नहीं कहा जा सकता है।

( 4 ) सहयोगी प्रक्रिया के रूप में- इस श्रेणी के अन्तर्गत वे परिभाषाएँ सम्मिलित हैं जिनके द्वारा सामाजिक सर्वेक्षण को एक प्रकार की सहकारिता के आधार पर की गई अनुसंधान परियोजना के रूप में परिभाषित किया गया है। उल्लेखनीय परिभाषाएँ है-

सामाजिक सर्वेक्षण वैज्ञानिक पद्धतियों के द्वारा किसी भौगोलिक क्षेत्र में समाज की समस्याओं और परिस्थितियों का सहकारिता के आधार पर किये गए अध्ययन तथा उनके उपचार की दिशा बताते हैं। –वन्जेल

सामाजिक सर्वेक्षण एक सहकारी प्रयास है जो निश्चित भौगोलिक सीमाओं एवं स्थिति रखने वाली सम्बन्धित सामाजिक समस्याओं तथा दशाओं के उपचार तथा अध्ययन में वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग करता है, साथ ही अपने तथ्यों, निष्कर्षों तथा सुझावों को इस तरह प्रसारित करता है कि वे यथासंभव समुदाय के सामान्य ज्ञान तथा बुद्धिमत्तापूर्ण सहकारी क्रिया के लिए शक्ति बन सके। हेरीसन 

हेरीसन की परिभाषा को अन्य परिभाषाओं की तुलना में उत्कृष्ट माना जाता है। इस परिभाषा का विवेचन निम्नानुसार है-

(क) सहकारी प्रयास- हैरीसन के अनुसार सामाजिक सर्वेक्षण सहकारिता के आधार पर की गई अनुसंधान परियोजना है। लघु सामाजिक समस्याओं सम्बन्धी सामाजिक सर्वेक्षण एक व्यक्ति द्वारा भी किया जा सकता है किन्तु बड़े पैमाने पर किए जाने वाले सर्वेक्षण एक व्यक्ति द्वारा नहीं किए जा सकते हैं। अतः इनमें अनेक लोग मिलकर कार्य करते हैं। सर्वेक्षण में सम्बन्धित विज्ञान की विधियों का उपयोग किया जाता है। इसमें विशेषज्ञ अपना योगदान देते हैं।

(ख) निश्चित भौगोलिक क्षेत्र- एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र की घटनाओं अथवा सामयिक, सामाजिक समस्या ही, सामाजिक सर्वेक्षण की विषय वस्तु हो सकती है। न तो प्रत्येक सामाजिक समस्या को और न ही संपूर्ण समाज को अध्ययन में सम्मिलित किया जा सकता है।

(ग) वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग- वैज्ञानिक पद्धतियों एवं प्रविधियों के आधार पर ही सामाजिक सर्वेक्षण द्वारा अध्ययन किया जाता है।

(घ) निष्कर्षो एवं सुझावों का प्रसार- सामाजिक सर्वेक्षण का कार्यक्षेत्र मात्र तय का संकलन और विवेचना नहीं है, अपितु इनसे प्राप्त निष्कर्षों एवं सुझावों का उचित प्रचार एवं प्रसार भी करना है। जिससे समाज को सामाजिक घटनाओं की प्रकृति से परिचित कराया जा सके ताकि सहयोगपूर्ण क्रिया संभव हो सके।

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Anjali Yadav

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