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अन्तःविषयक पाठ्यचर्या (Interdisciplinary Curriculum) : विशेषताएँ एंव सीमाएँ

अन्तःविषयक पाठ्यचर्या (Interdisciplinary Curriculum) : विशेषताएँ एंव सीमाएँ
अन्तःविषयक पाठ्यचर्या (Interdisciplinary Curriculum) : विशेषताएँ एंव सीमाएँ

अन्तःविषयक पाठ्यचर्या (Interdisciplinary Curriculum)

अन्तःविषयक या अन्तर्विषयक पाठ्यचर्या से अभिप्राय दो या दो से अधिक अकादमिक, वैज्ञानिक या कलात्मक विषयों का आपस में सम्मिलित होना अर्थात् विभिन्न विषयों के मध्य अन्तःसम्बन्ध (सह-सम्बन्ध) स्थापित होना। इसके तहत विस्तृत स्तर पर प्रैक्टिकल एवं प्रासंगिक (Relevant) विषयों को पाठ्यचर्या में सम्मिलित कर छात्रों को आवश्यक विषयों एवं समाज का एक साथ अधिगम कराया जाता है। अन्तःविषयक पाठ्यचर्या छात्रों द्वारा विषयों को अधिक गहराई से समझने, अन्वेषण करने आदि के लिए जिज्ञासु बनाती है। इसमें छात्र विषय का ज्ञान एकांगी रूप से नहीं प्राप्त करते हैं बल्कि वे उसके व्यावहारिक पक्ष को भी समझते हैं। इसमें केवल कला वर्ग या साहित्यिक विषय नहीं आते बल्कि विज्ञान वर्ग के विषयों को भी सम्मिलित किया जाता है।

अन्तःविषयक पाठ्यचर्या की विशेषताएँ (Characteristics of Interdisciplinary Curriculum)

अन्तःविषयक पाठ्यचर्या की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. अन्तः विषयक पाठ्यचर्या छात्रों में जिज्ञासु प्रवृत्ति उत्पन्न करती है।
  2. छात्रों को चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाती है।
  3. छात्रों को बौद्धिक एवं व्यावहारिक ज्ञान प्रदान कर आत्मविश्वास का विकास करती है।
  4. छात्रों को व्यक्तिगत एवं सहयोगात्मक रूप से कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती है।
  5. छात्रों को विषय क्षेत्रों और विषयों को अलग-अलग दृष्टिकोण से समझने में सक्षम बनाता है।
  6. छात्रों को अधिगम, जीवन और काम के लिए कौशल के विकास में सहायता प्रदान करता है।
  7. एक साथ विभिन्न विषयों और अन्तःविषयक सम्बन्ध को समझने में सक्षम बनाता है।
  8. छात्रों में तुलनात्मक अध्ययन को बढ़ावा प्रदान करता है।

अन्तःविषयक पाठ्यचर्या की सीमाएँ (Limitations of Interdisciplinary Curriculum)

अन्तःविषयक पाठ्यचर्या की निम्नलिखित सीमाएँ हैं-

  1. छात्रों को किसी एक विषय का ज्ञान पूर्णरूप से नहीं प्राप्त होता है।
  2. छात्रों को एक साथ विभिन्न विषयों के अध्ययन से अवधारणात्मक तथ्यों को समझने में समस्या होती है।
  3. कला वर्ग तथा विज्ञान वर्ग के विषयों को छात्रों द्वारा उचित रूप से न समझ पाना।
  4. शिक्षक द्वारा उचित शिक्षण विधियों का प्रयोग न करने से विषय की जटिलता बढ़ जाती हैं।

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Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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