Commerce Notes

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रयोग तथा सेवाएँ | Uses and Services of Operating System in Hindi

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रयोग तथा सेवाएँ | Uses and Services of Operating System in Hindi
ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रयोग तथा सेवाएँ | Uses and Services of Operating System in Hindi

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रयोग तथा सेवाएँ बताइये।

ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग (Uses of Operating System)

ऑपरेटिंग सिस्टम पहला सॉफ्टवेयर है, जिसे कम्प्यूटर को चालू करने के बाद छोड़ दिया जाता है। इसका अर्थ यह हुआ कि यह आपके कम्प्यूटर सिस्टम के बूटिंग (Booting) प्रोसेस के लिए एक अत्यन्त आवश्यक सॉफ्टवेयर है। यह न केवल कम्प्यूटर सिस्टम की बूटिंग के लिए बल्कि दूसरे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर और यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के लिए भी आवश्यक होता है।

शूटिंग (Booting) शब्द का तात्पर्य कम्प्यूटर को चालू करने के बाद एक प्रोग्राम रन (Run) होने से है वह प्रोग्राम BIOS जो कि ROM प्रोग्राम है, क यूटर की मेमोरी और उससे जुड़े हुए उपकरणों का परीक्षण करता है। जब वह सारे निर्देशों को पढ़ लेता है तब वह DOS को लोड कर देता है और यह कहा जाता है कि DOS Boot (यूट) हो गया है।

ऑपरेटिंग सिस्टम की सेवाएँ (Operating System Services)

ऑपरेटिंग सिस्टम ऐसा वातावरण उपलब्ध कराता है जिसमें प्रोग्राम आसानी से रन कर सके। ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोग्राम को और यूजर को कई सेवाएँ प्रदान करता है जो निम्नलिखित हैं:

(1) प्रोग्राम एक्ज्यूशन (Program Execution) – प्रोग्राम को रन करने के लिए मुख्य भूमिका ऑपरेटिंग सिस्टम निभाता है; जैसे-डाटा तथा निर्देशों को मुख्य मेमोरी में लोड करना, यह कार्ड ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा किया जाता है।

(2) फाइल सिस्टम मेन्युपुलेशन (File System Manipulation) – प्रोग्राम के रन होते समय कई बार फाइल को रीड (Read) तथा गइट (Write) करने की आवश्यकता होती है। साथ ही प्रोग्राम फाइल को क्रियेट और डिलीट भी करता है। यह कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम के नियंत्रण में किए जाते हैं।

(3) कम्यूनिकेशन (Communication) – ऑपरेटिंग सिस्टम में कोई भी कार्य प्रोसेस के रूप . में होता है। रन होते समय कई बार एक प्रोसेस को किसी अन्य प्रोसेस से जानकारी की जरूरत होती है। ऑपरेटिंग सिस्टम इन प्रोसेस के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है।

(4) रिसोर्स एलोकेशन (Resource Allocation) – कम्प्यूटर सिस्टम के कई संसाधन होते हैं; जैसे- इनपुट / आउटपुट डिवाइस, मेमोरी, सी.पी.यू आदि। ऑपरेटिंग सिस्टम इन संसाधनों के मैनेजर की तरह कार्य करता है और निर्णय लेता है कि कौन-सा संसाधन किस प्रोग्राम को दिया जाए।

(5) एकाउटिंग (Accounting) – एक अच्छा ऑपरेटिंग सिस्टम विभिन्न रिसोर्स के उपयोग संबंधी जानकारी या कार्यक्षमता संबंधी जानकारी इकट्ठा करता रहता है।

(G) त्रुटि को ढूँढना (Detecting Errors) – ऑपरेटिंग सिस्टम हमेशा सिस्टम में होने वाली सभी त्रुटि के लिए सजग रहता है। Error सी.पी.यू, मैमोरी, इनपुट / आउटपुट डिवाइस आदि में आ सकती है। अतः ऑपरेटिंग सिस्टम प्रत्येक ऐरर के ऑपरेटिंग सिस्टम उचित ऐक्शन लेता है जिसमें कम्प्यूटर सिस्टम का कार्य प्रभावित न हो।

Important Link

Disclaimer: Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com

About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment