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चालू समुद्री यात्रा या अपूर्ण यात्रा | Voyage in Progress or Incomplete Voyage in Hindi

चालू समुद्री यात्रा या अपूर्ण यात्रा | Voyage in Progress or Incomplete Voyage in Hindi
चालू समुद्री यात्रा या अपूर्ण यात्रा | Voyage in Progress or Incomplete Voyage in Hindi

चालू समुद्री यात्रा या अपूर्ण यात्रा (Voyage in Progress or Incomplete Voyage)

वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर जब जहाजी कम्पनी अपने वार्षिक खाते बन्द कर रही हो, तो यह सम्भव हो सकता है कि किसी जहाज की समुद्री यात्रा पूर्ण न हो पाई हो अर्थात यात्रा जारी हो, इस स्थिति को चालू समुद्री यात्रा कहते हैं तथा यात्रा का जो भाग पूरा नहीं हुआ है, अपूर्ण यात्रा कहलाता है। समुद्री यात्रा खाता बनाते समय लाभ की गणना उस ही यात्रा की, की जाती है, जो यात्रा पूर्ण हो गयी है। इसके लिए समुद्री यात्रा खाते में आय तथा व्ययों को उतने ही दिखाने चाहिए, जो पूरी की गयी यात्रा से सम्बन्धित हो। यदि अपूर्ण यात्रा से सम्बन्धित आय तथा व्ययों को समुद्री यात्रा खाते में लिख दिया गया है, तो इस पूर्ण यात्रा के लिए उचित समायोजन करना आवश्यक है। लेखा सिद्धान्तों के अनुसार, ऐसे व्ययों तथा आयों को आगामी अवधि में हस्तान्तरित करना आवश्यक है, जो भुगतान किए जा चुके हैं या प्राप्त हुए है, किन्तु उनका सम्बन्ध उस यात्रा से है, जो अभी अपूर्ण है।

उदाहरण- जहाज मुम्बई से माल लेकर दुबई गया। जहाज दुबई पहुँच गया और वापसी यात्रा में आधे मार्ग में है। ऐसी स्थिति में दुबई पहुँचने तक की यात्रा का लाभ ज्ञात किया जाएगा। वापसी अपूर्ण यात्रा का प्राप्त भाड़ा तथा यात्रा पर हुए व्ययों को आगे ले जाया जाएगा। अपूर्ण यात्रा के सम्बन्ध में निम्न नियमों का पालन किया जाएगा-

(1) अपूर्ण यात्रा के सम्बन्ध में प्राप्त भाड़ा (प्राइमेज सहित) जिसे समुद्री यात्रा खाते के क्रेडिट पक्ष मैं लिखा जा चुका है को समुद्री यात्रा खाते के डेबिट पक्ष में “Voyage in Progress /Freight in Advance” शीर्षक में अन्तिम मद के रूप में दिखाया जाता है। ऐसे भाई को अग्रिम भाड़ा माना जाता है।

(2) समुद्री यात्रा खाते के डेबिट पक्ष में पूर्ण तथा अपूर्ण यात्राओं से सम्बन्धित सम्पूर्ण व्ययों को दिखाया जाता है कुल व्ययों का वह भाग जो अपूर्ण यात्रा से सम्बन्धित है, उसे समुद्री यात्रा खातें के क्रेडिट पक्ष में ‘Voyage in Progress/ Expenses Carried Forward’ शीर्षक के अन्तिम मद के रूप में लिखा जाता है।

चालू या अपूर्ण यात्रा से सम्बन्धित व्ययों की गणना करने की विधि निम्नलिखित हैं-

(1) चालू यात्रा से सम्बन्धित जो स्पष्ट व्यय होते हैं; जैसे- Stevedoring charges, Address Commission आदि की समस्त राशि लेते हैं।

(2) भाड़ा बीमा का भाग उतना लिखा जाता है जो चालू यात्रा के भाई तथा कुल यात्रा के भाई के आापसी अनुपात में हिसाब से आता है। यहाँ यह ध्यान रखा जाता है कि अनुपात निकालते समय इमेज को सम्मिलित नहीं किया जाता है।

(3) जहाज, बन्दरगाह तथा कर्मचारी सम्बन्धी शेष व्ययों को निम्न प्रकार बाँटा जाएगा-

(i) यदि प्रश्न में कुल यात्रा (पूर्ण तथा अपूर्ण) के व्यय दिए हों

शेष व्ययों की कुल राशि x अपूर्ण यात्रा / कुल यात्रा (पूर्ण तथा अपूर्ण)

(ii) यदि प्रश्न में पूरी की गई यात्रा अर्थात समुद्री यात्रा खाता बनाने की अन्तिम तिथि तक के व्यय देए हों

शेष व्ययों की कुल राशि x अपूर्ण यात्रा / पूरी की गई यात्रा

नोट- यदि भाड़ा बीमा की पॉलिसी राशि दी गई है, तो भाड़ा बीमे को भाड़े के अनुपात में न बाँटकर शेष व्ययों की राशि में सम्मिलित कर यात्रा के अनुपात में बाँटते हैं।

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Anjali Yadav

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