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मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान एवं मानसिक स्वास्थ्य (MENTAL HYGIENE AND MENTAL HEALTH)
मानसिक स्वास्थ्यविज्ञान (Mental Hygiene)
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान को ‘मानसिक आरोग्य’ के नाम से भी जाना जाता है। मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान से तात्पर्य है मन को स्वस्थ या निरोगी रखने वाला विज्ञान। मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के अन्तर्गत मन को स्वस्थ रखने के नियमों एवं उपायों का अध्ययन किया जाता है। जिससे व्यक्ति का सन्तुलित विकास हो सके और वह जीवन की कठिन तथा सरल परिस्थितियों में समायोजन करने में सफल हो सके। मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान से सम्बन्धित मनोवैज्ञानिकों ने निम्नलिखित परिभाषाएँ दी है-
ड्रेवर के अनुसार, “मानसिक स्वास्थ्य-विज्ञान का अर्थ है, मानसिक स्वास्थ्य के नियमों की खोज करना और सुरक्षित रखने का उपाय करना।”
According to Drever, “Mental hygiene means investigation of the laws of mental health and taking measures for its preservation”
क्रो और क्रो के अनुसार, “मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान वह विज्ञान है जो मानव कल्याण के विषय में बताता है और मानव सम्बन्धों के समस्त क्षेत्रों को प्रभावित करता है।”
According to Crow and Crow, “Mental hygiene is a science that deals with human welfare and pervades all of human relationship”
कॉलसनिक के अनुसार, “मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के नियमों का वह समूह है जो व्यक्ति को स्वयं तथा दूसरों के साथ शांति से रहने के योग्य बनाता है।”
According to Kolesnik, “Mental hygiene is a set of conditions which enable a person to live at peace with himself and others.”
हैडफील्ड के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का सम्बन्ध मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा और मानसिक अव्यवस्थापन को दूर करना है।”
According to Hadfield, “Mental hygiene is concerned with maintenance of mental health and prevention of mental disorder.”
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के उद्देश्य एवं प्रयोजन (Aims and Purposes of Mental Hygiene)
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान अपने-आप को केवल मानसिक अव्यवस्थाओं अथवा रोगों की रोकथाम और उपचार तक ही सीमित नही रखता है, अपितु यह व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को उन्नत करने तथा उसके संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखता है। मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान कुछ ऐसे निरोधात्मक उपाय बताता है जिनसे हम मानसिक रोगों एवं विकारों तथा कुसमायोजन को उत्पन्न करने वाली परिस्थितियों से अपने आप को दूर रख सकें।
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
1) संवेगात्मक तथा सामाजिक रूप से समायोजित होने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय तथा तरीके सुझाना।
2) व्यक्तिगत और सामाजिक कुसमायोजन से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के कारणों की ओर संकेत करना।
3) अभिप्रेरणाओं, आवश्यकताओं, इच्छाओं तथा भग्नाशाओं एवं कुण्ठाओं आदि की जानकारी देना।
4) सामाजिक एवं संवेगात्मक रूप से समायोजित होने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय सुझाना।
5) मानसिक अन्तः द्वन्द, तनावों तथा कुण्ठाओं से निपटने के लिए उपाय सुझाना।
6) मानसिक चिन्ताओं और परेशानियों से मुक्ति प्रदान करना।
अतः इस प्रकार से मानसिक स्वास्थ्य का उद्देश्य पूर्णतः मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त करना एवं सभी प्रकार से मानसिक क्षमताओं का यथोचित विकास करना। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति में कुछ इस प्रकार की आवश्यक योग्यताएं और क्षमताएं विकसित हो जाती हैं, जो उसे सामाजिक रूप से सक्षम तथा संवेगात्मक रूप से स्थिर एवं एक अच्छे व सन्तुलित व्यक्ति के रूप में उभरने में सहायता करती हैं।
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के पहलू एवं कार्य (Aspects and Function of Mental Health Hygiene)
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान का मूल उद्देश्य मानव को सुखी बनाना है। इसके अनेक पक्ष हैं जो मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के कार्य उद्देश्यों पर प्रकाश डालते है।
स्किनर के अनुसार-इनके अनुसार मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के दो पहलू हैं-
1) सकारात्मक पहलू (Positive Aspect)- प्रारम्भिक अवस्था में मानसिक रोगों की खोज करना, ऐसे रोगों की रोकथाम करना एवं समाज के अधिकाधिक व्यक्तियों के स्वस्थ जीवन की व्यवस्था करना।
2) नकारात्मक पहलू (Negative Aspect)- मानसिक रोगियों की अधिक उदारता एवं कुशलता से चिकित्सा करना एवं उन्हें समाज के योग्य बनाना।
अन्य विद्धानों के अनुसार-
1) उपचारात्मक पहलू (Curative Aspect)- मानसिक रोगों को दूर करने के उपाय बताना एवं ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न करना जिससे मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहे।
2) निरोधात्मक पहलू (Preventive Aspect)- मानसिक रोगों की रोकथाम के उपाय बताना।
3) संरक्षणात्मक पहलू (Preservative Aspect)- मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने की विधियाँ बताना।
कार्य (Function)
मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान के कार्यों को तीन वर्गों में विभाजित कर अध्ययन कर सकते हैं-
1) सरंक्षात्मक कार्य (Preservative Work)- इसके अन्तर्गत वे कार्य आते है जिन्हे वह मानव के मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए करता है। जैसे- सन्तुलित आहार, भावनाओं एवं इच्छाओं में सन्तुलन आदि ।
2) निरोधात्मक कार्य (Preventive Work)- इसके अन्तर्गत इन कार्यों को सम्मिलित किया जाता है जिन्हें वह मानव के मानसिक रोगों की रोकथाम करने के लिए करता है जैसे- परिवार के वातावरण में सुधार एवं विद्यालयों के वातावरण में सुधार करना।
3) उपचारात्मक कार्य (Curative Work)- इस कार्य में वे कार्य आते है जो वह मनुष्य के मानसिक रोगों को दूर करने के लिए करता है। जैसे रोगों का निदान, भिन्न-भिन्न रोगों के निदान के लिए विभिन्न विधियों का प्रयोग करना एवं मानसिक अस्पतालों की दशा सुधारना।
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